वाराणसी, 18 फरवरी (आईएएनएस)। वाराणसी में मंगलवार को आवाहन अखाड़े की पेशवाई निकाली गई। इस दौरान रथ पर सवार साधु-संतों ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।
मान्यता है कि प्रयागराज में महाकुंभ स्नान के बाद साधु-संत काशी पहुंचते हैं और काशी पहुंचने के बाद पेशवाई निकाली जाती है। पेशवाई के माध्यम से साधु-संत अपने मुख्य कार्यालय पहुंचते हैं और महाशिवरात्रि के दिन अखाड़ों द्वारा अमृत स्नान किया जाता है।
महंत विनोद गिरि ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि पेशवाई में नागा संन्यासी और अन्य साधु-संत शामिल होते हैं। ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ के बाद सभी साधु-संत काशी आते हैं और यहां स्नान करने पर ही कल्पवास पूरा होता है।
संत गजानंद पुरी ने कहा कि पेशवाई के जरिए शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है और महाकुंभ में शामिल हो रहे सभी भक्तों के लिए कामना की जाती है। यह जुलूस गंगा घाट पर जाकर समाप्त होगा और इसके बाद मां गंगा की पूजा की जाएगी।
पेशवाई में शामिल हुए एक अन्य साधु ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि महाकुंभ में स्नान के बाद सभी साधु-संत काशी आते हैं और यहां पेशवाई निकाली जाती है। काशी सभी साधु-संतों का केंद्र है और यह पेशवाई दशाश्वमेध घाट में समाप्त होगी।
बता दें कि आवाहन अखाड़े की पेशवाई वाराणसी के कबीर चौरा से शुरू होती है और दशाश्वमेध घाट तक जाती है। पेशवाई के माध्यम से साधु-संत अपने मुख्य कार्यालय पहुंचते हैं।
वाराणसी के घाटों पर साधुओं ने तंबू लगाकर डेरा जमाया हुआ है। महाशिवरात्रि के दिन भी भारी संख्या में साधु पेशवाई निकालेंगे और बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे। इसके बाद ही वे बाबा की बारात में शामिल होंगे।
–आईएएनएस
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