नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। एक अध्ययन में पाया गया है कि सर्दियों में होने वाला गंभीर ओजोन (ओ3) प्रदूषण (इंटरमिटेंट ओजोन प्रदूषण) स्थानीय पेट्रोकेमिकल उद्योगों से निकलने वाले एल्कीन के कारण हो सकता है जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
हांगकांग पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने चीन के लान्झू में सर्दियों के समय ओ 3 प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित किया।
पारंपरिक रूप से गर्म मौसम और मजबूत सौर विकिरण से जुड़े, 2018 में जनवरी के ठंडे दिनों में प्रति घंटे इंटरमिटेंट ओजोन प्रदूषण का स्तर 100 भाग प्रति बिलियन से अधिक दर्ज किया गया, जो 121 पीपीबीवी (पार्ट्स प्रति बिलियन) के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया।
पर्यावरण विज्ञान और पारिस्थितिकी प्रौद्योगिकी पत्रिका में प्रकाशित शोधपत्र में, शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि उन्होंने पाया कि “लान्झू में इंटरमिटेंट ओजोन प्रदूषण सर्दियों में बहुत अधिक था।”
शोधकर्ताओं ने कहा कि यह “आम सहमति के विपरीत है कि ओ3 प्रदूषण मुख्य रूप से गर्म मौसम और मजबूत सौर विकिरण में होता है।”
इस अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने एक विशेष प्रकार के कंप्यूटर मॉडल का इस्तेमाल किया। यह मॉडल शहरों में होने वाली वायु प्रदूषण (फोटोकेमिकल धुंध) की स्थिति का पता करता है।
अध्ययन से पता चला कि ओजोन (ओ3) के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका एल्केन ओजोनोलिसिस नामक प्रक्रिया निभाती है।
यह रासायनिक प्रतिक्रिया सूर्य के प्रकाश के बिना होती है। इसमें कुछ विशेष यौगिक बनते हैं (क्रिगी इंटरमीडिएट्स) जो और भी ज्यादा प्रतिक्रियाशील कण (हाइड्रॉक्साइड, हाइड्रोपरॉक्सिल, और कार्बनिक पेरोक्सी रेडिकल) बनाते हैं। इन कणों की वजह से ओजोन (ओ3) बहुत तेजी से बनता है। कुल मिलाकर, इन एपिसोड्स के दौरान लगभग 90% ओजोन का निर्माण इन एल्कीन नामक यौगिकों की वजह से हुआ।
लेखक जिन यांग और यांगज़ोंग जेरेन ने कहा कि यह अध्ययन ओ3 प्रदूषण को समझने के हमारे तरीके पर काम कर सकता है। वहीं यह साबित करता है कि ठण्डे, कम प्रकाश की स्थिति में भी ओ3 निर्माण हो सकता है।
ओजोन प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से सांस लेने में परेशानी आ सकती है, इससे सूजन और जलन हो सकती है। इससे खांसी, सीने में जकड़न और अस्थमा के लक्षण भी बिगड़ सकते हैं।
–आईएएनएस
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