नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। ‘विकसित भारत एंबेसडर कार्यक्रम’ का आयोजन बेंगलुरु में किया गया। यहां आए आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के स्वयंसेवकों का कहना है कि यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2047 तक ‘विकसित भारत’ के उद्देश्य की दिशा में काम करने की एक अनूठी पहल है, जिसमें सभी नागरिकों का एकजुट प्रयास शामिल है।
बुधवार को बेंगलुरु में ‘विकसित भारत एंबेसडर कार्यक्रम’ से पहले आईएएनएस से खास बातचीत में स्वयंसेवकों ने कहा कि इस तरह की पहल समय की मांग है और यह राष्ट्र निर्माण की दिशा में अद्भुत कदम है।
रामनवमी के मौके पर कार्यक्रम का शीर्षक था “विकसित भारत के राजदूतों के साथ संगीत और ध्यान की एक शाम।”
श्रीश्री रविशंकर हजारों प्रतिभागियों से इसके महत्व पर बात करते हुए दिखे कि इस अभियान में उन्हें कैसे योगदान देना है।
आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के स्वयंसेवक उत्कर्ष अग्रवाल ने आईएएनएस के साथ अपने विचार साझा करते हुए कहा कि देश ने पिछले दस वर्षों में तेज और मजबूत विकास देखा है, खासकर डिजिटल क्षेत्र में। यूपीआई ने डिजिटल क्षेत्र में भारत की क्षमता को साबित किया है। जबकि, रेलवे और बुनियादी ढांचे का तेज गति से विकास हो रहा है। इसका श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को जाता है।
उन्होंने देश के युवाओं से ‘विकसित भारत’ के निर्माण अभियान में शामिल होने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत एंबेसडर कार्यक्रम’ सही मायने में विकसित भारत के दृष्टिकोण का संदेश देता है। उन्होंने आयोजकों से इस तरह की और बैठकें आयोजित करने की अपील की।
आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन में बतौर फैकल्टी कार्यरत श्वेता ने कहा कि यह आयोजन युवाओं को एक उद्देश्य के लिए काम करने के लिए प्रेरित करेगा। विकसित भारत एंबेसडर राष्ट्र-निर्माण की दिशा में एक बड़ी पहल और समय की मांग है। मुझे खुशी है कि आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन इस अभियान में योगदान दे रहा है।
श्वेता ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी युवाओं सहित सभी पीढ़ियों को इस पहल का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनके नेतृत्व से हम प्रेरित हो रहे हैं और हमारा विश्वास है कि भारत जल्द ही एक महाशक्ति बनकर उभरेगा।
–आईएएनएस
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