तिरुवनंतपुरम, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के तिरुवनंतपुरम जिला सचिव अनवूर नागप्पन ने रविवार को तिरुवनंतपुरम के लैटिन महाधर्मप्रांत के प्रधान पादरी थॉमस जे. नेट्टो से उनके आवास पर मुलाकात की।
सूत्रों के मुताबिक, माकपा उस अशांति को खत्म करने की कोशिश कर रही है, जो विझिंजम बंदरगाह परियोजना के खिलाफ विरोध के बाद बढ़ गई थी।
यह बैठक महत्वपूर्ण थी, क्योंकि लैटिन कैथोलिक चर्च और सरकार पिछले रविवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान विझिंजम पुलिस स्टेशन पर हुए हमले के बाद पूरी तरह से एक-दूसरे के खिलाफ हो गए थे। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व लैटिन कैथोलिकों के मछुआरे कर रहे थे जो विझिंजम के तटीय क्षेत्र में एक प्रमुख समुदाय है। कहा जाता है कि प्रदर्शनकारियों को लैटिन कैथोलिक चर्च का समर्थन प्राप्त है।
विझिंजम बंदरगाह परियोजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पिछले सप्ताह पुलिस वाहनों को पलट दिया था और दो पुलिसकर्मियों को भी घायल कर दिया था। विझिंजम बंदरगाह के पास स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले भी छोड़े।
प्रदर्शनकारियों ने पिछले रविवार को पांच लोगों को रिहा करने की मांग को लेकर विझिंजम पुलिस थाने का घेराव किया था, जिन्हें पिछले शनिवार को झड़पों के बाद हिरासत में लिया गया था। दरअसल, प्रतिद्वंद्वी सीपीआई-एम और भाजपा ने अडानी समूह द्वारा बनाए जा रहे विझिंजम समुद्री बंदरगाह के खिलाफ आंदोलन को समाप्त करने के लिए हाथ मिला लिया है।
लैटिन कैथोलिक एक शक्तिशाली समूह है और मछुआरा समुदाय के बीच इसकी गहरी ताकत है। त्रिशूर जिले के कोडुंगल्लूर से तिरुवनंतपुरम तक, 32 विधानसभा क्षेत्रों में समुदाय की मजबूत पकड़ है।
सूत्रों ने कहा कि सीपीआई-एम लैटिन कैथोलिक चर्च के साथ टकराव को जारी नहीं रखना चाहती और इसलिए, सीपीआई-एम तिरुवनंतपुरम जिला सचिव की आर्चबिशप थॉमस जे. नेट्टो से मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
–आईएएनएस
केसी/एसजीके
तिरुवनंतपुरम, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के तिरुवनंतपुरम जिला सचिव अनवूर नागप्पन ने रविवार को तिरुवनंतपुरम के लैटिन महाधर्मप्रांत के प्रधान पादरी थॉमस जे. नेट्टो से उनके आवास पर मुलाकात की।
सूत्रों के मुताबिक, माकपा उस अशांति को खत्म करने की कोशिश कर रही है, जो विझिंजम बंदरगाह परियोजना के खिलाफ विरोध के बाद बढ़ गई थी।
यह बैठक महत्वपूर्ण थी, क्योंकि लैटिन कैथोलिक चर्च और सरकार पिछले रविवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान विझिंजम पुलिस स्टेशन पर हुए हमले के बाद पूरी तरह से एक-दूसरे के खिलाफ हो गए थे। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व लैटिन कैथोलिकों के मछुआरे कर रहे थे जो विझिंजम के तटीय क्षेत्र में एक प्रमुख समुदाय है। कहा जाता है कि प्रदर्शनकारियों को लैटिन कैथोलिक चर्च का समर्थन प्राप्त है।
विझिंजम बंदरगाह परियोजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पिछले सप्ताह पुलिस वाहनों को पलट दिया था और दो पुलिसकर्मियों को भी घायल कर दिया था। विझिंजम बंदरगाह के पास स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले भी छोड़े।
प्रदर्शनकारियों ने पिछले रविवार को पांच लोगों को रिहा करने की मांग को लेकर विझिंजम पुलिस थाने का घेराव किया था, जिन्हें पिछले शनिवार को झड़पों के बाद हिरासत में लिया गया था। दरअसल, प्रतिद्वंद्वी सीपीआई-एम और भाजपा ने अडानी समूह द्वारा बनाए जा रहे विझिंजम समुद्री बंदरगाह के खिलाफ आंदोलन को समाप्त करने के लिए हाथ मिला लिया है।
लैटिन कैथोलिक एक शक्तिशाली समूह है और मछुआरा समुदाय के बीच इसकी गहरी ताकत है। त्रिशूर जिले के कोडुंगल्लूर से तिरुवनंतपुरम तक, 32 विधानसभा क्षेत्रों में समुदाय की मजबूत पकड़ है।
सूत्रों ने कहा कि सीपीआई-एम लैटिन कैथोलिक चर्च के साथ टकराव को जारी नहीं रखना चाहती और इसलिए, सीपीआई-एम तिरुवनंतपुरम जिला सचिव की आर्चबिशप थॉमस जे. नेट्टो से मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
–आईएएनएस
केसी/एसजीके