तिरुवनंतपुरम, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)। केरल के मंत्री अहमद देवरकोइल ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार विझिंजम बंदरगाह परिसर में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रख सकती है और इसके लिए केंद्रीय बलों की जरूरत नहीं है। वह मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कहा कि बंदरगाह निर्माण कंपनी अदानी समूह थी निर्माण स्थल पर केंद्रीय बलों के लिए अनुरोध किया था। यह सुरक्षा उद्देश्यों के लिए था, इसलिए राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में इसका विरोध नहीं किया था।
केरल हाई कोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन ने शुक्रवार को राज्य और केंद्र सरकार को विझिंजम बंदरगाह निर्माण स्थल पर सुरक्षा को लेकर अडानी समूह द्वारा दायर याचिका पर चर्चा करने और इस पर जवाब देने का निर्देश दिया था।
केरल के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने भी शनिवार को कहा कि केरल सरकार ने विझिंजम बंदरगाह निर्माण क्षेत्र में किसी भी केंद्रीय बल का अनुरोध नहीं किया था और यह अडानी समूह था जिसने केंद्र से सुरक्षा बल भेजने का आग्रह किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से राय मांगी थी। एंटनी राजू ने यह भी कहा था कि निर्माण कंपनी के अनुरोध का विरोध करने का कोई कारण नहीं है।
इस बीच कांग्रेस नेता और वडकरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद के. मुरलीधरन ने कहा कि केंद्रीय बलों द्वारा की गई किसी भी अनुचित कार्रवाई के लिए राज्य सरकार और विशेष रूप से मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि एक परियोजना के निर्माण के दौरान केंद्रीय बलों को तैनात किया जाना अभूतपूर्व है और कहा कि आमतौर पर केंद्रीय बलों को सुरक्षा के रूप में एक परियोजना की समाप्ति के बाद तैनात किया जाता है।
तिरुवनंतपुरम के विझिंजम में मछुआरा समुदाय विझिंजम बंदरगाह के खिलाफ लड़ रहा है। उसकी साइट के निर्माण को रोकने की मांग है। जबकि अडानी बंदरगाह कंपनी और केरल सरकार का कहना है कि परियोजना से कोई पीछे नहीं हटेगा क्योंकि 80 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। रविवार को आंदोलनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई थी, जिसमें पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे।
–आईएएनएस
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