नई दिल्ली/चेन्नई, 31 मई (आईएएनएस)। वित्तवर्ष 23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धिदर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एनएसओ के अनुसार, 2021-22 में 9.1 प्रतिशत की तुलना में 2022-23 के दौरान वास्तविक जीडीपी में वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
एनएसओ ने कहा कि 2022-23 की चौथी तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत थी।
एनएसओ ने कहा कि वित्तवर्ष 2022-23 में जीडीपी के 160.06 लाख करोड़ रुपये के स्तर को छूने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी का पहला संशोधित अनुमान 149.26 लाख करोड़ रुपये था। वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान वास्तविक जीडीपी में वृद्धि 2021-22 में 9.1 प्रतिशत की तुलना में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
इसी तरह, 2022-23 की चौथी तिमाही में जीडीपी 43.62 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2021-22 की चौथी तिमाही में जीडीपी 41.12 लाख करोड़ रुपये था, जो 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के हालिया वार्षिक सम्मेलन में कहा था कि रुझानों से लगता है कि वित्तवर्ष 23 के लिए भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7 प्रतिशत की वृद्धि को पार कर जाएगा।
दास को विश्वास है कि वित्तवर्ष 24 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर 6.5 प्रतिशत रहेगी।
दूसरी ओर, एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की प्रमुख अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने हाल ही में कहा है : चौथी तिमाही में विकास व्यापार, होटल और परिवहन में गति से संचालित होने की उम्मीद है, जबकि सरकारी खर्च में भी वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, शुद्ध निर्यात और कम व्यापार घाटे को हम मौजूदा वित्तवर्ष की चौथी तिमाही में 5.1 प्रतिशत पर देखते हैं और वित्तवर्ष 23 में 7 प्रतिशत पर देखते हैं। हालांकि, हमें उम्मीद है कि वित्तवर्ष 24 में विकास दर घटकर 5.7 प्रतिशत रह जाएगी।
–आईएएनएस
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