नई दिल्ली, 18 मई (आईएएनएस)। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी कर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दावों का खंडन किया। कांग्रेस सांसद ने दावा किया था कि विदेश मंत्री ने स्वीकार किया है कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में पाकिस्तान को पहले ही सूचित कर दिया था। मंत्रालय ने ऐसे दावों की निंदा करते हुए कहा कि तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
विदेश मंत्रालय के विदेश प्रचार प्रभाग ने कहा कि एस. जयशंकर ने कहा था कि “हमने पाकिस्तान को शुरुआत में ही चेतावनी दे दी थी, जो स्पष्ट रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के शुरुआत के बाद प्रारंभिक चरण की बात है।”
मंत्रालय ने कहा, “इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है कि यह ऑपरेशन शुरू होने से पहले की बात है। तथ्यों को पूरी तरह से गलत तरीके से प्रस्तुत करने की निंदा की जा रही है।”
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर हमले के बारे में पाकिस्तान को सूचित कर दिया था।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इस कृत्य को गंभीर उल्लंघन बताया और इस बात पर स्पष्टता की मांग की कि इस कदम को मंजूरी किसने दी।
अपने एक्स हैंडल पर उन्होंने लिखा, “हमारे हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था। विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया। 1. इसे किसने अधिकृत किया? 2. इसके परिणामस्वरूप हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?”
इन आरोपों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने राहुल गांधी के दावों को खारिज कर दिया तथा इस बात पर जोर दिया कि विदेश मंत्री की टिप्पणी को गलत तरीके से समझा गया है।
मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के आरंभिक चरण के दौरान ही पाकिस्तान को चेतावनी जारी कर दी थी, पहले नहीं।
विदेश मंत्रालय के विदेश प्रचार विभाग ने इस बात को दोहराया और स्पष्ट किया कि जयशंकर ने कहा था: “हमने पाकिस्तान को शुरुआत में ही चेतावनी दी थी, जो जाहिर तौर पर ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद शुरुआती चरण में है।”
मंत्रालय ने इस बयान को पूर्व सूचना के साक्ष्य के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत करने के प्रयासों की निंदा की।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री जयशंकर के बयान की तीखी आलोचना की तथा पाकिस्तान को दी गई कथित चेतावनी को एक गंभीर चूक बताया।
उन्होंने इस तरह की कार्रवाई के पीछे की अथॉरिटी पर सवाल उठाया और इसके परिणामस्वरूप भारतीय वायुसेना को होने वाले संभावित नुकसान के संबंध में जवाबदेही की मांग की।
विवाद को और बढ़ाते हुए कांग्रेस पार्टी की केरल इकाई ने भी एस. जयशंकर के बयान का एक वीडियो प्रसारित किया और केंद्र सरकार से जवाब मांगा।
हालांकि, प्रेस सूचना ब्यूरो की तथ्य-जांच इकाई ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि जयशंकर के शब्दों को गलत तरीके से उद्धृत किया गया है।
इकाई ने स्पष्ट किया: “एक सोशल मीडिया पोस्ट में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू होने से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था। विदेश मंत्री के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है – उन्होंने यह बयान नहीं दिया।”
–आईएएनएस
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