जबलपुर. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र तथा कांग्रेस विधायक तथा पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को हाईकोर्ट से राहत मिली है. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने उन्हें आपराधिक प्रकरण में आरोपी बनाए जाने मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.
याचिकाकर्ता विषम्भर लाल अरोड़ा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह को आपराधिक प्रकरण में आरोपी बनाए जाने की राहत चाही गयी थी. याचिका में कहा गया था कि उसके साथ 20 सितम्बर 2016 को मारपीट की गयी थी.
उसने थाना विजयपुर जिला गुना में सुबह 11.30 बजे घटना की सूचना दी थी. संज्ञेय अपराध होने के बावजूद भी पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं की. पुलिस ने शाम लगभग 5.30 बजे एफआईआर दर्ज की थी. याचिका में कहा गया था कि उसने लिखित शिकायत में जयवर्धन सिंह के नाम का उल्लेख किया था.
तत्कालीन एसएचओ ने खुद शिकायतकर्ता बनते हुए एफआईआर दर्ज करवाई और मिली भगत कर आरोपियों की सूची से अनावेदक जयवर्धन सिंह का नाम शामिल नहीं किया गया. एसएचओ ने अपने प्रकरण में अपने पसंद से लोगों को आरोपी बनाते हुए धारा 342,323,506 तथा 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया था. जिसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
सीआरपीसी की धारा 190 के तहत आवेदन पेष करने की स्वतंत्रता मिलने पर उसने हाईकोर्ट से याचिका वापस ली थी. जिला न्यायालय ने जनवरी 2022 में उसके आवेदन को खारिज कर दिया था. जिसके बाद उसने सीआरपीसी की धारा 319 के तहत आवेदन पेष किया था. न्यायालय द्वारा धारा 319 के तहत आवेदन खारिज किये जाने के कारण उक्त याचिका दायर की गयी थी.
एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अपने आदेष में कहा था कि पूर्व में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को धारा 190 के तहत दायर आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता प्रदान की थी. उक्त आवेदन खारिज किये जाने को उसने चुनौती नहीं दी. इसके बाद धारा 319 के तहत आवेदन दायर किया. याचिकाकर्ता ने अपने बयान में यह नहीं बताया कि उसके साथ राधौगढ किले में घटना घटित हुई थी.
इसके अलावा उसने यह भी स्वीकार किया है कि प्रथम चरण में अनावेदक उपस्थित नहीं था. जिसका उसकी तरफ से कोई खंडन नहीं किया गया. सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय द्वारा धारा 319 के तहत दिये गये फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है कि इसका उपयोग विशेष परिस्थितियों में किया जाना चाहिये. एकलपीठ ने उक्त आदेष के साथ याचिका को खारिज कर दिया.