नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में बजट सत्र से पहले शुरू हुई विधायक प्राथमिकता बैठक में विपक्ष के हिस्सा न लेने से प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई है।
शिमला सचिवालय में कांगड़ा, कुल्लू और किन्नौर के विधायकों ने आगामी वित्त वर्ष के लिए अपने क्षेत्रों की प्राथमिकताओं को सरकार से साझा किया। हालांकि, इस बैठक में विपक्षी विधायकों ने भाग नहीं लिया। उनका आरोप था कि सरकार ने पिछले दो वर्षों में उनकी प्राथमिकताओं को पूरा नहीं किया है, इसलिए वे बैठक में शामिल नहीं हुए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्षी विधायकों के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के विधायकों से कहीं ज्यादा विपक्षी विधायकों की प्राथमिकताएं पूरी की गई हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह रवैया राजनीति से प्रेरित है और सरकार जनता के हित में काम कर रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए दावा किया कि नाबार्ड के तहत सबसे अधिक धनराशि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र में खर्च हुई है। शिमला सचिवालय में आयोजित विधायक प्राथमिकता बैठक में उन्होंने बीजेपी के कई अन्य विधायकों के क्षेत्रों का भी जिक्र किया, जिनके विधानसभा क्षेत्रों को नाबार्ड से अधिक राशि मिली।
दो साल में नेता विपक्ष जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र में 172 करोड़ 44 लाख दिया गया। वहीं विधायक रणधीर शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में 124 करोड़ दिया गया। वहीं कांग्रेस विधायकों की 172 करोड़ की लिमिट पूरी नहीं हुई। भाजपा जिस तरह वाकआउट कर रही है, उससे लग रहा है वो अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि भाजपा विधायकों के क्षेत्रों में नाबार्ड के तहत स्वीकृत राशि कांग्रेस विधायकों को अपेक्षाकृत ज्यादा मिला है। विधायक दल में जयराम ठाकुर की नहीं सुनी जा रही। भाजपा पांच गुटों में बंटी है। वो हिमाचल के हितों के साथ खड़े नहीं हुए हैं। सही मायने में हिमाचल के हित की लड़ाई हम लड़ रहे है। उनको विधायक प्राथमिकता बैठक में आना चाहिए था और अपने विधानसभा क्षेत्र के मुद्दों को उठाना चाहिए था, लेकिन जयराम ठाकुर न विधानसभा के अंदर बैठते हैं और न ही इस तरह की बैठकों में हिस्सा लेते हैं।
–आईएएनएस
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