लखनऊ, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक योगेश वर्मा से मारपीट मामले में बवाल फिलहाल थमा नहीं है। इस मामले को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज किया है। उन्होंने कहा कि अपमान की असली वजह ये है कि वह सत्ता पक्ष के विधायक होने से पहले एक पीडीए हैं और दूसरी तरफ हमला करने वाले प्रभुत्ववादी।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि उप्र के एक सत्ताधारी दल के विधायक के अपमान की सच्ची वजह ये है कि वो सत्ता पक्ष के विधायक होने से पहले एक पीडीए हैं और दूसरी तरफ़ हमला करने वाले प्रभुत्ववादी। और रही बात विधायक के चुनावी घपले की तो वह तो उन्हें करना ही पड़ेगा क्योंकि वो जिस दल में हैं उनके चुनाव जीतने का तरीक़ा ही यही है।
ज्ञात हो कि अर्बन कॉपरेटिव बैंक चुनाव में निवर्तमान चेयरमैन पुष्पा सिंह और पूर्व चेयरमैन मनोज अग्रवाल का खेमा मैदान में है। दोनों अपने-अपने समर्थक के साथ नामांकन करने के लिए कॉपरेटिव बैंक ऑफिस पहुंचे थे।
सदर विधायक योगेश वर्मा का आरोप है कि मनोज अग्रवाल खेमे के समर्थित प्रत्याशी राजू अग्रवाल का पर्चा वकीलों ने फाड़ दिया। उन्हें पीटा भी। विधायक को यह बात पता चली, तो वह भी मौके पर पहुंच गए। विधायक को देखकर पुष्पा सिंह के पति अवधेश सिंह भड़क गए। दोनों में कहासुनी हुई। जब तक विधायक कुछ समझ पाते, उन्हें थप्पड़ जड़ दिए। पीछे से उनके समर्थक आ गए। विधायक को घेरकर मारा।
इस मामले ने तूल पकड़ा था लेकिन उनकी तहरीर पर सदर कोतवाली मुकदमा दर्ज नहीं होने से विधायक योगेश वर्मा खासे नाराज हैं। उन्होंने आज अपने दोनों ही गनर को वापस भेज दिया है।
इधर, करणी सेना ने भाजपा विधायक से मारपीट के आरोपी अधिवक्ता अवधेश सिंह को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया है।
लखीमपुर में भाजपा विधायक योगेश वर्मा के साथ मारपीट के मामले में प्रदेश के नेतृत्व ने पार्टी के चार कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया है। इनमें अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सिंह और उनके पति व भाजपा के सक्रिय सदस्य अवधेश सिंह, पार्टी के जिला उपाध्यक्ष अनिल यादव और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की पूर्व सह संयोजक ज्योति शुक्ला शामिल हैं।
इन सभी से दो दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। नौ अक्टूबर को लखीमपुर में हुई मारपीट में एक्शन न होने से नाराज भाजपा विधायक योगेश वर्मा ने सुरक्षा में बढ़ाए गए दो गनरों को वापस लौटा दिया। पुलिस अफसरों को इसकी जानकारी मिली तो हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने गनर को फिर वापस विधायक के पास भेज दिया है। अधिकारी विधायक को मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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