रांची, 1 नवंबर (आईएएनएस)। जमशेदपुर पूर्वी इलाके के निर्दलीय विधायक और झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री सरयू राय ने झारखंड के डीजीपी को पत्र लिखकर कहा है कि वासेपुर गैंग के आतंक से गुजर चुका धनबाद अब विदेश से संचालित आधुनिक वासेपुर गैंग-2 की दबंगई, गुंडागर्दी, हत्या और रंगदारी से त्रस्त हो गया है।
धनबाद की पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। धनबाद में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गयी है। आतंक, हत्या, रंगदारी, दबंगई की घटनाएं असहनीय हो जाने के कारण आज व्यवसायियों के आह्वान पर धनबाद बंद है।
पत्र में कहा गया है कि अपराधी खाड़ी के दुबई और शारजाह जैसी जगहों से व्हाट्सएप और फेसटाइम कॉल करके धनबाद के व्यवसायियों के मन में दहशत भर रहे हैं। इससे त्रस्त होकर जब पानी नाक के ऊपर जाने लगा तो धनबाद के व्यवसायियों के सामने आंदोलन पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया और आज से उन्होंने धनबाद बंद रखने का एलान कर दिया है।
राय ने लिखा है कि वासेपुर के गैंगस्टर फहीम और उसके भांजे प्रिंस खान के गिरोह के बीच अदावत से पुलिस अनभिज्ञ नहीं है, लेकिन इन गिरोहों की धनबाद की पुलिस और प्रशासन में गहरी पैठ बन गई है।
प्रिंस खान नामक अपराधी हैदर के जाली नाम से पासपोर्ट बनवाकर टूरिस्ट वीजा पर विदेश चला गया। अब दुबई और शारजाह से व्यवसायियों को आतंकित कर रहा है। जो उसे रंगदारी नहीं देते उनकी हत्या कर रहा है और डंके की चोट पर हत्या की जिम्मेदारी ले रहा है, परंतु पुलिस प्रशासन कतिपय छुटभैयों को गिरफ्तार कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति पा ले रहा है।
पत्र में कहा गया है कि प्रिंस खान ने सैकड़ों नौजवानों को गिरफ्त में लेकर अपना गिरोह बना लिया है और चोरी तथा हत्याओं के कारोबार में इन्हें झोंक रहा है। इस मामले में केवल धनबाद के पुलिस तंत्र पर ही नहीं बल्कि झारखंड की सरकार पर भी ऐसे गिरोहों के साथ सांठ-गांठ होने की चर्चा आम बात हो गयी है। यह सवाल भी वहां चर्चा का विषय बना हुआ है कि एक साल पहले धनबाद के पुलिस अधीक्षक की प्रोन्नति डीआईजी में हो गयी, फिर भी वे वहां वरीय पुलिस अधीक्षक पद पर जमे हैं। इसके लिए धनबाद के वरीय पुलिस अधीक्षक जितना जिम्मेदार हैं, उससे अधिक जिम्मेदार झारखंड की सरकार प्रतीत हो रही है।
राय ने मांग की है कि धनबाद की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए तथा वहां के अपराधी गिरोहों का जड़ से उन्मूलन करने के लिए पुलिस बल का एक सशक्त स्पेशल टास्क फोर्स गठित करें और इस फोर्स को अपराधियों के विरूद्ध कारवाई करने की पूरी छूट दें ताकि धनबाद के साथ ही जमशेदपुर सहित झारखंड के अन्य आर्थिक गतिविधियों वाले स्थानों को ऐसी गिरोहों की चपेट में आने से बचाया जा सके।
–आईएएनएस
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