कोलकाता, 24 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पटना में विपक्षी महागठबंधन की बैठक को लेकर शनिवार को माकपा और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या वे अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को मूर्ख नहीं बना रहे हैं?
पटना में शुक्रवार को हुई बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने भाग लिया।
विपक्ष के नेता ने ट्विटर पर सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस और माकपा नेतृत्व अपने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को बेवकूफ नहीं बना रहे हैं जो पश्चिम बंगाल में जमीनी स्तर पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के हमलों का सामना कर रहे हैं।
अधिकारी ने पूछा, बेचारे कांग्रेस और माकपा कार्यकर्ता जमीन पर अपना खून-पसीना बहा रहे हैं, जबकि उनके शीर्ष नेता पटना में सेटिंग कर रहे हैं। कौन उन्हें बेवकूफ बना रहा है, उनके राज्य के नेता या उनका हाईकमान?
यह सवाल करते हुए कि क्या माकपा और कांग्रेस पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ दोस्ताना मैच खेल रहे हैं, अधिकारी ने यह भी दावा किया है कि इससे साबित होता है कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो राज्य में तृणमूल कांग्रेस के विरोध में ईमानदार है।
उन्होंने कहा, इससे यह साबित हो गया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो भ्रष्ट तृणमूल से पूरी ताकत से लड़ रही है। उन्होंने ऐसी स्थिति में कांग्रेस और माकपा के बीच दोस्ती पर भी सवाल उठाया जब दोनों दल पश्चिम बंगाल में प्रतिद्वंद्वी हैं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का भी मानना है कि पटना की बैठक में चाहे कुछ भी कहा-सुना गया हो, लेकिन पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, माकपा और कांग्रेस का एक मंच पर आना लगभग असंभव है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने बताया कि चाहे वह ममता बनर्जी हों या पश्चिम बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, दोनों ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कम से कम पश्चिम बंगाल के परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच आपसी समर्थन से इनकार किया है।
–आईएएनएस
एकेजे