पटना, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच शुक्रवार को हुई नोकझोंक के मामले को राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्ष के लोगों ने सारी मर्यादाओं को तोड़ दिया है। सदन में चर्चा के लिए जो सत्र बुलाया जाता है। उससे अलग हटकर अनावश्यक चर्चा विपक्ष के लोग करते हैं और सदन के अंदर भी करना चाहते हैं। किसी के बारे में बोलते हुए उनका शब्दों का चयन भी इतने नीचे स्तर तक चला जाता है, जितना नहीं जाना चाहिए। ऐसे शब्दों का प्रयोग एक सांसद को करना ही नहीं चाहिए। अब विपक्ष का ऐसा ही रवैया है। विपक्ष ने ठान ही लिया है कि देश में अब इसी तरह से रहना है। आगे आने वाले दिनों में भले ही इनकी संख्या और कम हो जाए, इन्हें इसकी चिंता नहीं है। इन लोगों को इसकी चिंता है कि तत्काल रूप से सुर्खियों में कैसे बना रहा जाए।”
उन्होंने आगे कहा, “विपक्षी सांसदों ने भाषा की मर्यादा भी तोड़ दी है। ये सब जो हुआ, वह बड़ी ही विचित्र बात है। मल्लिकार्जुन खड़गे खुद भी इतने वरिष्ठ नेता हैं। उनको अपनी भाषा की मर्यादा जरूर रखनी चाहिए। ऐसी भाषा का प्रयोग लोकतंत्र के मंदिर के अंदर और बाहर दोनों जगह नहीं होना चाहिए। यह लोग जो कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
बता दें कि शुक्रवार को राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ व नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखा संवाद हुआ। सभापति ने कहा कि मैं इस बात से दुखी हूं कि मुख्य विपक्षी दल, चेयरमैन के खिलाफ कैंपेन चला रहा है। विपक्ष के पास अधिकार है कि वह मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए। यह विपक्ष का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन, विपक्ष संवैधानिक प्रक्रियाओं से भटक रहा है। एक कैंपेन चलाया जा रहा है। आप अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रश्न करते हैं।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चेयरमेन जब मेरा सम्मान नहीं करते तो मैं उनका सम्मान कैसे करूं। नेता प्रतिपक्ष ने सभापति से कहा कि आप मेरा अपमान कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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