कोलकाता, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल और सिक्किम में फर्जी पासपोर्ट घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को शक है कि इस रैकेट के तार केवल पासपोर्ट विभाग के भीतर ही नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों के अन्य विभागों में भी फैले हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
–आईएएनएस
एफजेड/एसजीके
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कोलकाता, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल और सिक्किम में फर्जी पासपोर्ट घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को शक है कि इस रैकेट के तार केवल पासपोर्ट विभाग के भीतर ही नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों के अन्य विभागों में भी फैले हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
–आईएएनएस
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कोलकाता, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल और सिक्किम में फर्जी पासपोर्ट घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को शक है कि इस रैकेट के तार केवल पासपोर्ट विभाग के भीतर ही नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों के अन्य विभागों में भी फैले हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
–आईएएनएस
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कोलकाता, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल और सिक्किम में फर्जी पासपोर्ट घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को शक है कि इस रैकेट के तार केवल पासपोर्ट विभाग के भीतर ही नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों के अन्य विभागों में भी फैले हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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कोलकाता, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल और सिक्किम में फर्जी पासपोर्ट घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को शक है कि इस रैकेट के तार केवल पासपोर्ट विभाग के भीतर ही नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों के अन्य विभागों में भी फैले हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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कोलकाता, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल और सिक्किम में फर्जी पासपोर्ट घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को शक है कि इस रैकेट के तार केवल पासपोर्ट विभाग के भीतर ही नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों के अन्य विभागों में भी फैले हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
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सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।
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सूत्रों ने बताया कि जिन 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, उनमें से 14 पासपोर्ट विभाग से जुड़े हैं।
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि केवल पासपोर्ट विभाग से जुड़े व्यक्तियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर रैकेट नहीं चलाया जा सकता है, यह बहुत व्यापक रूप से फैला हुआ हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, चूंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नया पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए रैकेट में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पुलिस के एक वर्ग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी अब घोटाले की तह तक जाने और अन्य सरकारी विभागों में इसके प्रसार की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। एजेंसी को पहले से ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल गए हैं।
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी सब-डिवीजन के अंतर्गत नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इस लिंक के कुछ निश्चित सुराग मिले हैं।
इस मामले में सीबीआई का संदेह और गहरा हो गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से उत्तरी पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे।