नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। न्यूयॉर्क-नई दिल्ली विमान में पेशाब की घटना पर एयर इंडिया के चालक दल की रिपोर्ट में कहा गया है कि संभावना है कि सीट 8ए पर बैठे सह-यात्री एस. भट्टाचार्जी ने सामने की सीट (9ए पर) बैठी पीड़िता महिला को उकसाया हो। आरोपी शंकर मिश्रा उसी के बगल में सीट 8सी पर बैठा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चालक दल के सदस्यों की चार पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि शिकायतकर्ता को बगल में बैठे व्यक्ति पर आरोप लगाने के लिए एक सह-यात्री द्वारा उकसाया गया हो सकता है और हालांकि उसके व्यवहार से उसके इरादे पर संदेह होता है। भट्टाचार्जी ने बोर्डिग पर प्रथम श्रेणी में अपग्रेड का अनुरोध किया था, जिसे ठुकरा दिया गया था।
यहां तक कि शिकायतकर्ता और शिकायतकर्ता के ठीक बगल में बैठे यात्री द्वारा दिए गए बयानों में भी कुछ विरोधाभास है।
चालक दल के सदस्यों ने कहा है कि वह गैली में आई और कहा कि उसे सफाई की जरूरत है, क्योंकि एक सह-यात्री ने उस पर पेशाब कर दिया और उसके कपड़े गीले हो गए। उसे एक तौलिया, चप्पल, मोजे, एंटीसेप्टिक (सेवलॉन) और यहां तक कि नाइटवियर भी एयरलाइन द्वारा प्रदान किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है, उसकी सीट, आसपास का क्षेत्र, उसके जूते और दोनों यात्रियों के बैग को सेनेटाइज किया गया था।
हालांकि, यह कहा गया कि महिला ने अपने गंदे सामान के लिए मुआवजे की मांग की और पुलिस शिकायत दर्ज करने की बात कही, हालांकि चालक दल ने उसे हर तरह की मदद का वादा किया था। उन्होंने उसे एक नई सीट पर भी स्थानांतरित कर दिया, हालांकि उसने इसकी मांग नहीं की थी।
हाल ही में आरोपी शंकर मिश्रा ने दावा किया कि शिकायतकर्ता महिला ने अपनी ही सीट को गंदा कर दिया था, महिला ने यह कहते हुए आरोप को खारिज कर दिया कि यह पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है।
उसने कहा, यह आरोप पूरी तरह से विरोधाभासी है और बयान पूरी तरह से बदला हुआ है।
पीड़िता ने कहा कि उसका इरादा हमेशा से यह सुनिश्चित करने का रहा है कि संस्थागत कार्रवाई की जाए, ताकि किसी भी व्यक्ति को उस भयानक अनुभव से न गुजरना पड़े, जिससे वह गुजरी थी।
उसने आगे कहा, अपने द्वारा किए गए घृणित कार्य के लिए पछताने के बजाय, उसने मुझे और परेशान करने के इरादे से गलत सूचना और झूठ फैलाने का अभियान चलाया।
13 जनवरी को मिश्रा ने अदालत को बताया कि वह आरोपी नहीं है। उसने किसी पर पेशाब नहीं किया था।
उसने आगे दावा किया कि महिला प्रोस्टेट से संबंधित किसी बीमारी से पीड़ित थी।
उसने कहा था, उनकी सीट ऐसी थी कि उस तक केवल पीछे से ही पहुंचा जा सकता था और किसी भी हालत में पेशाब सीट के सामने वाले हिस्से तक नहीं पहुंच सकता था। साथ ही, शिकायतकर्ता के पीछे बैठे व्यक्ति ने भी ऐसी कोई शिकायत नहीं की।
मिश्रा के वकील ने 11 जनवरी को तर्क दिया था कि उनके मुवक्किल का उद्देश्य पीड़िता का यौन उत्पीड़न करना नहीं था।
मिश्रा पर धारा 510 (शराबी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक रूप से दुराचार), 509 (महिला की मयार्दा का अपमान करना), 294 (किसी भी सार्वजनिक स्थान पर या उसके आस-पास कोई अश्लील गीत सुनाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में उस पर आईपीसी की धारा 354 (शील भंग करने का इरादा) के साथ-साथ विमान नियम अधिनियम की एक धारा लगाई गई है।
–आईएएनएस
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