हैदराबाद, 20 जुलाई (आईएएनएस)। पुलिस ने गुरुवार को केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री और तेलंगाना राज्य भाजपा अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी को एहतियातन हिरासत में ले लिया, जब वह राज्य सरकार की एक योजना के तहत गरीबों के लिए डबल बेडरूम घरों के निर्माण का निरीक्षण करने के लिए हैदराबाद के पास बाटा सिंगाराम गांव जा रहे थे।
पुलिस ने किशन रेड्डी को शहर के बाहरी इलाके शमशाबाद हवाई अड्डे के पास हिरासत में ले लिया और उन्हें एक पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया।
भाजपा विधायक एम. रघुनंदन राव, पूर्व सांसद कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी और अन्य को भी हिरासत में लिया गया।
पुलिस ने केंद्रीय मंत्री, विधायक और अन्य को उस समय रोक दिया, जब वे साइट पर काम की प्रगति देखने के लिए बाटा सिंगाराम की ओर बढ़ रहे थे। किशन रेड्डी ने पुलिस कार्रवाई पर आपत्ति जताई।
रचाकोंडा के पुलिस आयुक्त डी.एस. चौहान ने उन्हें बताया कि गांव का दौरा करने की कोई अनुमति नहीं है और भाजपा नेताओं से कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस के साथ सहयोग करने को कहा।
किशन रेड्डी, रघुनंदन राव और अन्य लोग बारिश के बीच सड़क पर बैठे रहे। किशन रेड्डी की पुलिस कमिश्नर से बहस हुई।
यह आरोप लगाते हुए कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार गरीबों के लिए घर बनाने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रही है, भाजपा नेता आवास परियोजना के स्थलों में से एक बाटा सिंगाराम में काम की प्रगति देखना चाहते थे।
किशन रेड्डी के नेतृत्व में 60 नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने गांव का दौरा करने की योजना बनाई थी।
हालांकि, पुलिस ने कई भाजपा नेताओं को गांव जाने से रोकने के लिए नजरबंद कर दिया।
पुलिस ने अन्य भाजपा नेताओं को भी हिरासत में लिया, जो अन्य स्थानों से बाटा सिंगाराम की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे।
नजरबंद किए गए लोगों में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी.के. अरुणा, विधायक एटाला राजेंदर, पूर्व सांसद जितेंद्र रेड्डी और पूर्व एमएलसी रामचंद्र राव शामिल हैं।
इससे पहले, किशन रेड्डी ने अपनी पार्टी के नेताओं की नजरबंदी की निंदा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने ट्वीट किया, “यह एक बार फिर बीआरएस के तहत अत्याचारी शासन को उजागर करता है। मनमानी और विपक्षी आवाज को दबाना केसीआर सरकार की पहचान बन गई है।”
गौरतलब है कि किशन रेड्डी को हाल ही में बंदी संजय कुमार के स्थान पर राज्य भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। नए राज्य प्रमुख के नेतृत्व में पार्टी द्वारा यह पहला विरोध प्रदर्शन था।
–आईएएनएस
सीबीटी