नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को कहा कि देशभर में लगभग 40,000 उचित मूल्य की दुकानें (एफपीएस) डीलर अन्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और अतिरिक्त आय के रूप में 50,000 रुपये तक कमा रहे हैं।
एफपीएस के परिवर्तन पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए चोपड़ा ने राशन की दुकानों को अपने नियमित पीडीएस संचालन चलाने के अलावा अधिक उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने वाले जीवंत प्लेटफार्मो में बदलने के लिए तकनीकी हस्तक्षेपों पर निर्माण करने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने राशन की दुकान के डीलरों को एफएमसीजी उत्पादों जैसे गैर-पीडीएस आइटम रखने की अनुमति देने के लिए राज्यों को लिखा है और कई राज्यों ने उन्हें अनुमति दी है।
उन्होंने उल्लेख किया कि लाभार्थी या राशन कार्ड धारक, विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के तहत आने वाली प्रवासी आबादी, अब आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से देश में किसी भी एफपीएस से खाद्यान्न उठा सकते हैं।
चोपड़ा ने कहा कि पोर्टेबिलिटी की यह प्रणाली लाभार्थी के लिए आसान पहुंच प्रदान करती है और सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड पहल के तहत देशभर में 3.5 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन हो रहे हैं।
उन्होंने गुजरात में एफपीएस डीलरों की कुछ सफलता की कहानियों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें बताया गया कि उनमें से कई अतिरिक्त सामुदायिक सेवाएं प्रदान करके 50,000 रुपये तक कमा रहे हैं।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को कहा कि देशभर में लगभग 40,000 उचित मूल्य की दुकानें (एफपीएस) डीलर अन्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और अतिरिक्त आय के रूप में 50,000 रुपये तक कमा रहे हैं।
एफपीएस के परिवर्तन पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए चोपड़ा ने राशन की दुकानों को अपने नियमित पीडीएस संचालन चलाने के अलावा अधिक उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने वाले जीवंत प्लेटफार्मो में बदलने के लिए तकनीकी हस्तक्षेपों पर निर्माण करने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने राशन की दुकान के डीलरों को एफएमसीजी उत्पादों जैसे गैर-पीडीएस आइटम रखने की अनुमति देने के लिए राज्यों को लिखा है और कई राज्यों ने उन्हें अनुमति दी है।
उन्होंने उल्लेख किया कि लाभार्थी या राशन कार्ड धारक, विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के तहत आने वाली प्रवासी आबादी, अब आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से देश में किसी भी एफपीएस से खाद्यान्न उठा सकते हैं।
चोपड़ा ने कहा कि पोर्टेबिलिटी की यह प्रणाली लाभार्थी के लिए आसान पहुंच प्रदान करती है और सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड पहल के तहत देशभर में 3.5 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन हो रहे हैं।
उन्होंने गुजरात में एफपीएस डीलरों की कुछ सफलता की कहानियों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें बताया गया कि उनमें से कई अतिरिक्त सामुदायिक सेवाएं प्रदान करके 50,000 रुपये तक कमा रहे हैं।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम