नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर नए डिजाइन और तकनीक से लैस पैनोरमिक(पारदर्शी) कोच का फाइनल ट्रायल रन होने के बाद इस रूट पर जल्द ही उन्नत विस्टाडोम नैरो गेज कोच में यात्री सफर का आनंद ले सकेंगे।
अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
–आईएएनएस
पीटीके/एएनएम
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नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर नए डिजाइन और तकनीक से लैस पैनोरमिक(पारदर्शी) कोच का फाइनल ट्रायल रन होने के बाद इस रूट पर जल्द ही उन्नत विस्टाडोम नैरो गेज कोच में यात्री सफर का आनंद ले सकेंगे।
अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर नए डिजाइन और तकनीक से लैस पैनोरमिक(पारदर्शी) कोच का फाइनल ट्रायल रन होने के बाद इस रूट पर जल्द ही उन्नत विस्टाडोम नैरो गेज कोच में यात्री सफर का आनंद ले सकेंगे।
अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
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नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर नए डिजाइन और तकनीक से लैस पैनोरमिक(पारदर्शी) कोच का फाइनल ट्रायल रन होने के बाद इस रूट पर जल्द ही उन्नत विस्टाडोम नैरो गेज कोच में यात्री सफर का आनंद ले सकेंगे।
अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
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अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
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अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
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अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
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नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर नए डिजाइन और तकनीक से लैस पैनोरमिक(पारदर्शी) कोच का फाइनल ट्रायल रन होने के बाद इस रूट पर जल्द ही उन्नत विस्टाडोम नैरो गेज कोच में यात्री सफर का आनंद ले सकेंगे।
अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
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नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर नए डिजाइन और तकनीक से लैस पैनोरमिक(पारदर्शी) कोच का फाइनल ट्रायल रन होने के बाद इस रूट पर जल्द ही उन्नत विस्टाडोम नैरो गेज कोच में यात्री सफर का आनंद ले सकेंगे।
अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
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अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
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अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
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अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
–आईएएनएस
पीटीके/एएनएम
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नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर नए डिजाइन और तकनीक से लैस पैनोरमिक(पारदर्शी) कोच का फाइनल ट्रायल रन होने के बाद इस रूट पर जल्द ही उन्नत विस्टाडोम नैरो गेज कोच में यात्री सफर का आनंद ले सकेंगे।
अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर नए डिजाइन और तकनीक से लैस पैनोरमिक(पारदर्शी) कोच का फाइनल ट्रायल रन होने के बाद इस रूट पर जल्द ही उन्नत विस्टाडोम नैरो गेज कोच में यात्री सफर का आनंद ले सकेंगे।
अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर नए डिजाइन और तकनीक से लैस पैनोरमिक(पारदर्शी) कोच का फाइनल ट्रायल रन होने के बाद इस रूट पर जल्द ही उन्नत विस्टाडोम नैरो गेज कोच में यात्री सफर का आनंद ले सकेंगे।
अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।
–आईएएनएस
पीटीके/एएनएम
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नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर नए डिजाइन और तकनीक से लैस पैनोरमिक(पारदर्शी) कोच का फाइनल ट्रायल रन होने के बाद इस रूट पर जल्द ही उन्नत विस्टाडोम नैरो गेज कोच में यात्री सफर का आनंद ले सकेंगे।
अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के अधिकारियों के अनुसार इस रूट पर 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है। इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच भी ट्रायल हो चुका है।
शिमला को जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने 1903 में पहला रेल लिंक बिछाया था। 2009 में यूनेस्को ने कालका-शिमला रेल ट्रैक को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। रेलमंत्री अश्विनि वैष्णव ने बुधवार को इस सम्बंध में ट्वीट कर कहा, कालका-शिमला रेलवे के लिए आरसीएफ कपूरथला में विस्टाडोम कोचों का ट्रायल रन हो गया। उन्होंने एक विडियो भी साझा किया।
रेलवे के अनुसार ये पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परि²श्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए जो शुरूआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार किया गया है।
आरसीएफ के महाप्रबंधक आशीष अग्रवाल के अनुसार इस उन्नत बोगी में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम होगा। ये सीसीटीवी, पावर्ड दरवाजे, हीटिंग-कूलिंग पैकेज, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर एलईडी लाइट्स, मॉड्यूलर सीटिंग और फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विस्टाडोम कोच की कीमत लगभग 1.3 करोड़ रुपये है।