नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में खेली जा रही विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कोलंबिया की 16 साल की एंजी निकोल मेजिया मोरालेस ने अपने प्रदर्शन से सभी को हतप्रभ कर दिया और अपने पहले ही मैच में विश्व रिकॉर्ड बना दिया।
एंजी ने महिलाओं की टी38 100 मीटर स्पर्धा में 12.34 सेकंड का समय निकालकर नया चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। एंजी की यह पहली विश्व चैंपियनशिप रेस थी, लेकिन उन्हें दौड़ते हुए देख ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा था कि वह पहली बार इतने बड़े मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं।
16 साल की इस धावक को देख न सिर्फ प्रशंसक बल्कि प्रतिद्वंदी भी अवाक थे। स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्होंने कहा, “सच कहूं तो, मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा है। मुझे इसकी कभी उम्मीद नहीं थी, क्योंकि एथलेटिक्स कभी ऐसा खेल नहीं था, जो मैं करना चाहती थी। स्वर्ण जीतकर मैं बहुत खुश हूं।
यह जीत किसी संयोग का परिणाम नहीं है, बल्कि वर्षों की लगन, अनुनय और मार्गदर्शन का नतीजा है। “उन्होंने कहा, “मैं प्रोफेसर केंड्रिक सैन मिगुएल का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं। उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया, मुझे एथलेटिक्स में हाथ आजमाने के लिए प्रोत्साहित किया, तब भी जब मुझे यह पसंद नहीं था। उनके बिना, मैं यहां नहीं होती।
मैं अपने पिता, मां और भाई की भी बहुत आभारी हूं। वे हमेशा मेरे साथ रहे, मुझे आगे बढ़ाया और मुझ पर विश्वास किया।”एंजी ने इस क्षेत्र में करियर बनाने की चाह रखने वालों के लिए कहा, “काम कठिन है, और रास्ता लंबा है, लेकिन हार मत मानो, कड़ी मेहनत करो।” 16 साल की एंजी निकोल मेजिया मोरालेस, जो कभी एथलेटिक्स में नहीं आना चाहती थीं, अपने पहले ही वैश्विक मैच में दुनिया के लिए मिसाल बनकर उभरी हैं।