मुंबई, 24 मार्च (आईएएनएस)। दुनिया के दस सबसे बड़े शेयर बाजारों में मार्च में भारतीय शेयर बाजार ने सबसे अधिक 9.4 प्रतिशत (डॉलर में) का रिटर्न दिया है। यह जानकारी लेटेस्ट एक्सचेंज डेटा से मिली।
पांच महीनों की लगातार मंदी के बाद बीते चार वर्षों में यह सबसे बड़ी रैली है।
एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण फरवरी के अंत में लगभग 4.39 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर लगभग 4.8 ट्रिलियन डॉलर हो गया।
यह मई 2021 के बाद सबसे बड़ा मासिक उछाल है। भारत ने अन्य प्रमुख बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया।
भारत के बाद जर्मनी में सबसे अधिक 5.64 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस तेजी के कारण जर्मनी के शेयर बाजार का पूंजीकरण बढ़कर 2.81 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।
जापान और हांगकांग के शेयर बाजार में क्रमशः 4.9 प्रतिशत और 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा के शेयर बाजारों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
दूसरी ओर, दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजार में यूएस में 3.7 प्रतिशत की गिरावट हुई है। वहीं, सऊदी अरब के शेयर बाजार में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आई है।
भारतीय शेयर बाजार में मार्च में निफ्टी और सेंसेक्स में 5 प्रतिशत से अधिक की तेजी देखी गई है। इस दौरान बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमश: 8.4 प्रतिशत और 9.8 प्रतिशत का रिटर्न दे चुके हैं।
भारतीय शेयर बाजार में खरीदारी की वजह शॉट कवरिंग और आरबीआई द्वारा मई में संभावित ब्याज दरों में कटौती को माना जा रहा है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा यह संकेत दिए जाने के बाद कि वह 2025 में दो बार ब्याज दरें कम कर सकता है, निवेशकों के सेंटीमेंट में भी सुधार हुआ है।
भारत में भी खुदरा महंगाई दर फरवरी में सात महीनों के निचले स्तर 3.61 प्रतिशत पर रही, जो कि अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है और इससे वृद्धि दर को बढ़ावा मिलेगा।
–आईएएनएस
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