नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने वीर सावरकर यूनिवर्सिटी को लेकर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कहा किसी शहीद या पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के नाम पर अगर विश्वविद्यालय का नाम रखा जाता तो अच्छा होता लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया क्योंकि वो विवाद पैदा करना चाहती है। उनके इस वार पर भाजपा प्रवक्ता ने पलटवार किया। कहा कि विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है।
बता दें, शुक्रवार को पीएम मोदी ने नजफगढ़ के रोशनपुरा में वीर सावरकर यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया।
आईएएनएस से बातचीत में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ” मैं यूनिवर्सिटी की स्थापना का स्वागत करता हूं। लेकिन, एक चीज समझ में नहीं आती कि भाजपा हमेशा विवाद क्यों पैदा करना चाहती है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान उत्तर प्रदेश यहां वीर सावरकर का कार्यक्षेत्र कभी नहीं रहा है। अगर किसी स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी के नाम से यूनिवर्सिटी का नाम रखना था तो यहां फांसी के फंदे पर चढ़ने वाले बड़े स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं।”
सांसद ने आगे कहा, कुछ दिन पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निधन हुआ है। वह शिक्षा शास्त्री थे, अर्थशास्त्री भी थे, यूजीसी के अध्यक्ष थे, दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेक्चर थे और उनका कार्य क्षेत्र भी दिल्ली पंजाब रहा है तो क्यों नहीं उनके नाम से या किसी अमर शहीद के नाम से जो दिल्ली के आसपास के हो उनके नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम रखा गया। भाजपा को दिक्कत इस बात की है कि उनके पास कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं है। जब स्वतंत्रता सेनानी नही है तो चुनाव के समय कुछ ऐसा करना चाहते हैं कि जिससे थोड़ा विवाद हो जाए थोड़ा वोट बंट जाए।
पीएम मोदी की अन्य योजनाओं की घोषणा पर उन्होंने कहा, देखिए कितनों को उजाड़ा है उसके अनुपात में कितनों को फ्लैट देने जा रहे हैं। भाजपा का काम तो उजाड़ना है बसाना नहीं। लोगों के घर जलाना है बनाना नहीं है। चुनाव को देखते हुए यह चुनावी योजनाएं लाए हैं।
कांग्रेस की ओर से उठाए जा रहे सवाल की भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने मुखालफत की। उन्होंने कहा, “वीर सावरकर का जो इतिहास है, बच्चों को पढ़ाना चाहिए। उनसे प्रेरणा लेकर समाज आगे पढ़े। विपक्ष का काम सिर्फ राजनीति करना है। वीर सावरकर ने तो इतिहास बनाया है।”
वहीं, वीर सावरकर कॉलेज पर आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, पीएम मोदी और उनकी पार्टी देश में शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर रहे हैं। 37 लाख,45,000 हजार बच्चे सरकारी स्कूल छोड़ चुके हैं। पहले इस पर जवाब देना चाहिए और मुझे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी और मोदी जी के हाथों ना तो इस देश के बच्चों का भविष्य सुरक्षित है न ही सरकारी स्कूलों की शिक्षा लोगों को नसीब हो पाएगी ना रोजगार मिल पाएगा।
–आईएएनएस
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