नई दिल्ली, 2 जनवरी (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के तीन शीर्ष अधिकारियों की रिहाई के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
30 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट के जज शिरीष अग्रवाल ने वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, मुख्य वित्तीय अधिकारी हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को 2 लाख रुपये के जमानत बांड प्रस्तुत करने पर उनकी रिहाई का निर्देश दिया था।
22 दिसंबर, 2023 को गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने अपनी गिरफ्तारी की वैधता का विरोध करते हुए दावा किया कि अदालत के सामने पेश किए जाने से पहले उनको 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में रखा गया।
वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने तर्क दिया था कि इस देरी से उनकी गिरफ्तारी और हिरासत अवैध हो गई है।
ईडी ने एक साल पहले वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) सहित देश भर में 48 स्थानों पर परिसरों की तलाशी ली थी और दावा किया कि उसने चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया है।
ईडी के अनुसार, वीवो इंडिया को 1 अगस्त 2014 को हांगकांग स्थित कंपनी मल्टी एकॉर्ड लिमिटेड की सहायक कंपनी के रूप में शामिल किया गया था और आरओसी दिल्ली में पंजीकृत किया गया था।
–आईएएनएस
एसकेपी
नई दिल्ली, 2 जनवरी (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के तीन शीर्ष अधिकारियों की रिहाई के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
30 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट के जज शिरीष अग्रवाल ने वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, मुख्य वित्तीय अधिकारी हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को 2 लाख रुपये के जमानत बांड प्रस्तुत करने पर उनकी रिहाई का निर्देश दिया था।
22 दिसंबर, 2023 को गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने अपनी गिरफ्तारी की वैधता का विरोध करते हुए दावा किया कि अदालत के सामने पेश किए जाने से पहले उनको 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में रखा गया।
वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने तर्क दिया था कि इस देरी से उनकी गिरफ्तारी और हिरासत अवैध हो गई है।
ईडी ने एक साल पहले वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) सहित देश भर में 48 स्थानों पर परिसरों की तलाशी ली थी और दावा किया कि उसने चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया है।
ईडी के अनुसार, वीवो इंडिया को 1 अगस्त 2014 को हांगकांग स्थित कंपनी मल्टी एकॉर्ड लिमिटेड की सहायक कंपनी के रूप में शामिल किया गया था और आरओसी दिल्ली में पंजीकृत किया गया था।
–आईएएनएस
एसकेपी