deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

वेस्ट यूपी का इंडस्ट्रियल हब होगा डीएनजीआईआर, पहले फेज के निर्माण में लगेंगे 8,500 करोड़

by
August 7, 2023
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

ग्रेटर नोएडा, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) यानी न्यू नोएडा, पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक नया वरदान साबित होगा।

इसमें ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, बुलंदशहर प्राधिकरण के करीब 88 गांव शामिल हो रहे हैं, जिनसे भूमि अधिग्रहण करके इसका निर्माण किया जाएगा। न्यू नोएडा 203 वर्ग किमी में बसेगा और इसका मास्टर प्लान 2041 के तहत तैयार हो रहा है।

READ ALSO

नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म

जहर खाने से महिला की मौत

इसके पहले फेज के निर्माण में करीब 8,500 करोड़ की लागत आएगी और पहले फेज में 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक अडानी समूह इसमें पहले इन्वेस्टर के रूप में भाग लेगा। वेस्ट यूपी में निवेश का केंद्र अब दादरी नोएडा गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन होगा।

डीएनजीआईआर नोएडा, बुलंदशहर और दादरी के 88 गांवों की जमीन अधिग्रहीत कर बसाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट को दी गई है। इसे 13 अगस्त को नोएडा अथॉरिटी की 210वीं बोर्ड बैठक में पास किया जाएगा।

डीएनजीआईआर करीब 21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) में बसाया जाएगा। 21 हजार हेक्टेयर का ब्रेकअप किया गया है। जिसमें 8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश के लिए रिजर्व की गई है।

यहां सबसे पहले अडानी ग्रुप आएगा, जो 5,000 करोड़ का निवेश करेगा। इसके अलावा यहां रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल, फैसिलिटी/यूटिलिटी, इंडस्ट्री, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया, रिक्रेशनल और वाटर बॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन भी होगा।

इसकी कुल आबादी 6 लाख मानी जा रही है। जिसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होगी। जिनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी यूनिट बनाई जाएगी। इसके अलावा कुल रेजिडेंशियल एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।

डीएनजीआईआर को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है। जिसमें 3,000 हेक्टेयर जमीन शामिल है।

पहले चरण में अनुमानित रूप से 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे 50,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया गया है। राशि इस साल फरवरी में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान साइन किए गए एमओयू के लिए नोएडा प्राधिकरण की भूमि आवश्यकताओं को पूरा करेगी।

अधिकारियों के अनुसार, मांग करने वाली कंपनियों को “स्मार्ट” भौतिक बुनियादी ढांचे वाले शहर डीएनजीआईआर में आवंटन दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को शिकागो इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। शिकागो इंडस्ट्रियल हब मुख्यता सड़क, रेलवे, हवाई मार्गों से जुड़ा है। जिससे निवेशकों को बेहतर विकल्प मिलते हैं।

डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान के तहत अलग-अलग योजनाओं के लिए जमीन का ब्रेकअप किया गया है। जिसके मुताबिक रेजिडेंशियल 2477 हेक्टेयर, कॉमर्शियल 905.97, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल 1682.15, फैसिलिटी/यूटिलिटी 198.85, इंडस्ट्री 8811, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया 3173.94, रिक्रेशनल 420.60, वाटर बॉडी 150.65 ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन 3282.59 के लिए हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है।

इस बार किसी प्रोजेक्ट में ऐसा होगा की लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत किसानों से उनकी जमीन ली जाएगी। लैंड पूल नीति के तहत भू-स्वामी को 5 वर्ष तक अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक क्षतिपूर्ति के आधार पर मासिक रूप से मुआवजा 5,000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह होगा।

योजना के तहत पूलिग में दी गई भूमि का 25 प्रतिशत भू-स्वामी को आवंटित की जाएगी। विकसित भूमि का 80 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए, जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा, 12 प्रतिशत उपयोग आवासीय जो कम से कम 172 वर्ग मीटर, वहीं, 8 प्रतिशत उपयोग व्यवसायिक के लिए जो कम से कम 48 वर्ग मीटर का होगा, दिया जाएगा।

जहां न्यूनतम आकार भी भूमि से कम भू-स्वामी को आवंटित होगी, वहां उन मामलों में भू-स्वामी द्वारा अतिरिक्त भूमि मानकों के अनुसार खरीदी जा सकेगी। लाटरी के जरिए भू-स्वामियों को विकसित भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

लैंड पूल नीति में बाई-बैक का प्रावधान नहीं होगा। आवंटित भूमि पर मास्टर प्लान, बिल्डिंग बॉयलॉज, स्वीकृत जोनल प्लान, लीज डीड की शर्तें मान्य होगी। भू-स्वामी के लिए स्टांप ड्यूटी देय नहीं होगी। लेकिन, प्राधिकरण को पंजीकरण शुल्क देना होगा।

विकसित भूखंडों पर जल आपूर्ति, सीवरेज, बिजली, कचरा निष्पादन निस्तारण का प्रावधान किया जाएगा। इन भूखंडों के रखरखाव की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

ग्रेटर नोएडा, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) यानी न्यू नोएडा, पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक नया वरदान साबित होगा।

इसमें ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, बुलंदशहर प्राधिकरण के करीब 88 गांव शामिल हो रहे हैं, जिनसे भूमि अधिग्रहण करके इसका निर्माण किया जाएगा। न्यू नोएडा 203 वर्ग किमी में बसेगा और इसका मास्टर प्लान 2041 के तहत तैयार हो रहा है।

इसके पहले फेज के निर्माण में करीब 8,500 करोड़ की लागत आएगी और पहले फेज में 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक अडानी समूह इसमें पहले इन्वेस्टर के रूप में भाग लेगा। वेस्ट यूपी में निवेश का केंद्र अब दादरी नोएडा गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन होगा।

डीएनजीआईआर नोएडा, बुलंदशहर और दादरी के 88 गांवों की जमीन अधिग्रहीत कर बसाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट को दी गई है। इसे 13 अगस्त को नोएडा अथॉरिटी की 210वीं बोर्ड बैठक में पास किया जाएगा।

डीएनजीआईआर करीब 21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) में बसाया जाएगा। 21 हजार हेक्टेयर का ब्रेकअप किया गया है। जिसमें 8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश के लिए रिजर्व की गई है।

यहां सबसे पहले अडानी ग्रुप आएगा, जो 5,000 करोड़ का निवेश करेगा। इसके अलावा यहां रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल, फैसिलिटी/यूटिलिटी, इंडस्ट्री, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया, रिक्रेशनल और वाटर बॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन भी होगा।

इसकी कुल आबादी 6 लाख मानी जा रही है। जिसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होगी। जिनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी यूनिट बनाई जाएगी। इसके अलावा कुल रेजिडेंशियल एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।

डीएनजीआईआर को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है। जिसमें 3,000 हेक्टेयर जमीन शामिल है।

पहले चरण में अनुमानित रूप से 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे 50,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया गया है। राशि इस साल फरवरी में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान साइन किए गए एमओयू के लिए नोएडा प्राधिकरण की भूमि आवश्यकताओं को पूरा करेगी।

अधिकारियों के अनुसार, मांग करने वाली कंपनियों को “स्मार्ट” भौतिक बुनियादी ढांचे वाले शहर डीएनजीआईआर में आवंटन दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को शिकागो इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। शिकागो इंडस्ट्रियल हब मुख्यता सड़क, रेलवे, हवाई मार्गों से जुड़ा है। जिससे निवेशकों को बेहतर विकल्प मिलते हैं।

डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान के तहत अलग-अलग योजनाओं के लिए जमीन का ब्रेकअप किया गया है। जिसके मुताबिक रेजिडेंशियल 2477 हेक्टेयर, कॉमर्शियल 905.97, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल 1682.15, फैसिलिटी/यूटिलिटी 198.85, इंडस्ट्री 8811, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया 3173.94, रिक्रेशनल 420.60, वाटर बॉडी 150.65 ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन 3282.59 के लिए हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है।

इस बार किसी प्रोजेक्ट में ऐसा होगा की लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत किसानों से उनकी जमीन ली जाएगी। लैंड पूल नीति के तहत भू-स्वामी को 5 वर्ष तक अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक क्षतिपूर्ति के आधार पर मासिक रूप से मुआवजा 5,000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह होगा।

योजना के तहत पूलिग में दी गई भूमि का 25 प्रतिशत भू-स्वामी को आवंटित की जाएगी। विकसित भूमि का 80 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए, जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा, 12 प्रतिशत उपयोग आवासीय जो कम से कम 172 वर्ग मीटर, वहीं, 8 प्रतिशत उपयोग व्यवसायिक के लिए जो कम से कम 48 वर्ग मीटर का होगा, दिया जाएगा।

जहां न्यूनतम आकार भी भूमि से कम भू-स्वामी को आवंटित होगी, वहां उन मामलों में भू-स्वामी द्वारा अतिरिक्त भूमि मानकों के अनुसार खरीदी जा सकेगी। लाटरी के जरिए भू-स्वामियों को विकसित भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

लैंड पूल नीति में बाई-बैक का प्रावधान नहीं होगा। आवंटित भूमि पर मास्टर प्लान, बिल्डिंग बॉयलॉज, स्वीकृत जोनल प्लान, लीज डीड की शर्तें मान्य होगी। भू-स्वामी के लिए स्टांप ड्यूटी देय नहीं होगी। लेकिन, प्राधिकरण को पंजीकरण शुल्क देना होगा।

विकसित भूखंडों पर जल आपूर्ति, सीवरेज, बिजली, कचरा निष्पादन निस्तारण का प्रावधान किया जाएगा। इन भूखंडों के रखरखाव की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

ग्रेटर नोएडा, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) यानी न्यू नोएडा, पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक नया वरदान साबित होगा।

इसमें ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, बुलंदशहर प्राधिकरण के करीब 88 गांव शामिल हो रहे हैं, जिनसे भूमि अधिग्रहण करके इसका निर्माण किया जाएगा। न्यू नोएडा 203 वर्ग किमी में बसेगा और इसका मास्टर प्लान 2041 के तहत तैयार हो रहा है।

इसके पहले फेज के निर्माण में करीब 8,500 करोड़ की लागत आएगी और पहले फेज में 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक अडानी समूह इसमें पहले इन्वेस्टर के रूप में भाग लेगा। वेस्ट यूपी में निवेश का केंद्र अब दादरी नोएडा गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन होगा।

डीएनजीआईआर नोएडा, बुलंदशहर और दादरी के 88 गांवों की जमीन अधिग्रहीत कर बसाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट को दी गई है। इसे 13 अगस्त को नोएडा अथॉरिटी की 210वीं बोर्ड बैठक में पास किया जाएगा।

डीएनजीआईआर करीब 21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) में बसाया जाएगा। 21 हजार हेक्टेयर का ब्रेकअप किया गया है। जिसमें 8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश के लिए रिजर्व की गई है।

यहां सबसे पहले अडानी ग्रुप आएगा, जो 5,000 करोड़ का निवेश करेगा। इसके अलावा यहां रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल, फैसिलिटी/यूटिलिटी, इंडस्ट्री, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया, रिक्रेशनल और वाटर बॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन भी होगा।

इसकी कुल आबादी 6 लाख मानी जा रही है। जिसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होगी। जिनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी यूनिट बनाई जाएगी। इसके अलावा कुल रेजिडेंशियल एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।

डीएनजीआईआर को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है। जिसमें 3,000 हेक्टेयर जमीन शामिल है।

पहले चरण में अनुमानित रूप से 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे 50,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया गया है। राशि इस साल फरवरी में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान साइन किए गए एमओयू के लिए नोएडा प्राधिकरण की भूमि आवश्यकताओं को पूरा करेगी।

अधिकारियों के अनुसार, मांग करने वाली कंपनियों को “स्मार्ट” भौतिक बुनियादी ढांचे वाले शहर डीएनजीआईआर में आवंटन दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को शिकागो इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। शिकागो इंडस्ट्रियल हब मुख्यता सड़क, रेलवे, हवाई मार्गों से जुड़ा है। जिससे निवेशकों को बेहतर विकल्प मिलते हैं।

डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान के तहत अलग-अलग योजनाओं के लिए जमीन का ब्रेकअप किया गया है। जिसके मुताबिक रेजिडेंशियल 2477 हेक्टेयर, कॉमर्शियल 905.97, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल 1682.15, फैसिलिटी/यूटिलिटी 198.85, इंडस्ट्री 8811, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया 3173.94, रिक्रेशनल 420.60, वाटर बॉडी 150.65 ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन 3282.59 के लिए हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है।

इस बार किसी प्रोजेक्ट में ऐसा होगा की लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत किसानों से उनकी जमीन ली जाएगी। लैंड पूल नीति के तहत भू-स्वामी को 5 वर्ष तक अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक क्षतिपूर्ति के आधार पर मासिक रूप से मुआवजा 5,000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह होगा।

योजना के तहत पूलिग में दी गई भूमि का 25 प्रतिशत भू-स्वामी को आवंटित की जाएगी। विकसित भूमि का 80 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए, जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा, 12 प्रतिशत उपयोग आवासीय जो कम से कम 172 वर्ग मीटर, वहीं, 8 प्रतिशत उपयोग व्यवसायिक के लिए जो कम से कम 48 वर्ग मीटर का होगा, दिया जाएगा।

जहां न्यूनतम आकार भी भूमि से कम भू-स्वामी को आवंटित होगी, वहां उन मामलों में भू-स्वामी द्वारा अतिरिक्त भूमि मानकों के अनुसार खरीदी जा सकेगी। लाटरी के जरिए भू-स्वामियों को विकसित भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

लैंड पूल नीति में बाई-बैक का प्रावधान नहीं होगा। आवंटित भूमि पर मास्टर प्लान, बिल्डिंग बॉयलॉज, स्वीकृत जोनल प्लान, लीज डीड की शर्तें मान्य होगी। भू-स्वामी के लिए स्टांप ड्यूटी देय नहीं होगी। लेकिन, प्राधिकरण को पंजीकरण शुल्क देना होगा।

विकसित भूखंडों पर जल आपूर्ति, सीवरेज, बिजली, कचरा निष्पादन निस्तारण का प्रावधान किया जाएगा। इन भूखंडों के रखरखाव की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

ग्रेटर नोएडा, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) यानी न्यू नोएडा, पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक नया वरदान साबित होगा।

इसमें ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, बुलंदशहर प्राधिकरण के करीब 88 गांव शामिल हो रहे हैं, जिनसे भूमि अधिग्रहण करके इसका निर्माण किया जाएगा। न्यू नोएडा 203 वर्ग किमी में बसेगा और इसका मास्टर प्लान 2041 के तहत तैयार हो रहा है।

इसके पहले फेज के निर्माण में करीब 8,500 करोड़ की लागत आएगी और पहले फेज में 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक अडानी समूह इसमें पहले इन्वेस्टर के रूप में भाग लेगा। वेस्ट यूपी में निवेश का केंद्र अब दादरी नोएडा गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन होगा।

डीएनजीआईआर नोएडा, बुलंदशहर और दादरी के 88 गांवों की जमीन अधिग्रहीत कर बसाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट को दी गई है। इसे 13 अगस्त को नोएडा अथॉरिटी की 210वीं बोर्ड बैठक में पास किया जाएगा।

डीएनजीआईआर करीब 21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) में बसाया जाएगा। 21 हजार हेक्टेयर का ब्रेकअप किया गया है। जिसमें 8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश के लिए रिजर्व की गई है।

यहां सबसे पहले अडानी ग्रुप आएगा, जो 5,000 करोड़ का निवेश करेगा। इसके अलावा यहां रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल, फैसिलिटी/यूटिलिटी, इंडस्ट्री, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया, रिक्रेशनल और वाटर बॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन भी होगा।

इसकी कुल आबादी 6 लाख मानी जा रही है। जिसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होगी। जिनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी यूनिट बनाई जाएगी। इसके अलावा कुल रेजिडेंशियल एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।

डीएनजीआईआर को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है। जिसमें 3,000 हेक्टेयर जमीन शामिल है।

पहले चरण में अनुमानित रूप से 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे 50,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया गया है। राशि इस साल फरवरी में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान साइन किए गए एमओयू के लिए नोएडा प्राधिकरण की भूमि आवश्यकताओं को पूरा करेगी।

अधिकारियों के अनुसार, मांग करने वाली कंपनियों को “स्मार्ट” भौतिक बुनियादी ढांचे वाले शहर डीएनजीआईआर में आवंटन दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को शिकागो इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। शिकागो इंडस्ट्रियल हब मुख्यता सड़क, रेलवे, हवाई मार्गों से जुड़ा है। जिससे निवेशकों को बेहतर विकल्प मिलते हैं।

डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान के तहत अलग-अलग योजनाओं के लिए जमीन का ब्रेकअप किया गया है। जिसके मुताबिक रेजिडेंशियल 2477 हेक्टेयर, कॉमर्शियल 905.97, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल 1682.15, फैसिलिटी/यूटिलिटी 198.85, इंडस्ट्री 8811, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया 3173.94, रिक्रेशनल 420.60, वाटर बॉडी 150.65 ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन 3282.59 के लिए हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है।

इस बार किसी प्रोजेक्ट में ऐसा होगा की लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत किसानों से उनकी जमीन ली जाएगी। लैंड पूल नीति के तहत भू-स्वामी को 5 वर्ष तक अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक क्षतिपूर्ति के आधार पर मासिक रूप से मुआवजा 5,000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह होगा।

योजना के तहत पूलिग में दी गई भूमि का 25 प्रतिशत भू-स्वामी को आवंटित की जाएगी। विकसित भूमि का 80 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए, जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा, 12 प्रतिशत उपयोग आवासीय जो कम से कम 172 वर्ग मीटर, वहीं, 8 प्रतिशत उपयोग व्यवसायिक के लिए जो कम से कम 48 वर्ग मीटर का होगा, दिया जाएगा।

जहां न्यूनतम आकार भी भूमि से कम भू-स्वामी को आवंटित होगी, वहां उन मामलों में भू-स्वामी द्वारा अतिरिक्त भूमि मानकों के अनुसार खरीदी जा सकेगी। लाटरी के जरिए भू-स्वामियों को विकसित भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

लैंड पूल नीति में बाई-बैक का प्रावधान नहीं होगा। आवंटित भूमि पर मास्टर प्लान, बिल्डिंग बॉयलॉज, स्वीकृत जोनल प्लान, लीज डीड की शर्तें मान्य होगी। भू-स्वामी के लिए स्टांप ड्यूटी देय नहीं होगी। लेकिन, प्राधिकरण को पंजीकरण शुल्क देना होगा।

विकसित भूखंडों पर जल आपूर्ति, सीवरेज, बिजली, कचरा निष्पादन निस्तारण का प्रावधान किया जाएगा। इन भूखंडों के रखरखाव की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

ग्रेटर नोएडा, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) यानी न्यू नोएडा, पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक नया वरदान साबित होगा।

इसमें ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, बुलंदशहर प्राधिकरण के करीब 88 गांव शामिल हो रहे हैं, जिनसे भूमि अधिग्रहण करके इसका निर्माण किया जाएगा। न्यू नोएडा 203 वर्ग किमी में बसेगा और इसका मास्टर प्लान 2041 के तहत तैयार हो रहा है।

इसके पहले फेज के निर्माण में करीब 8,500 करोड़ की लागत आएगी और पहले फेज में 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक अडानी समूह इसमें पहले इन्वेस्टर के रूप में भाग लेगा। वेस्ट यूपी में निवेश का केंद्र अब दादरी नोएडा गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन होगा।

डीएनजीआईआर नोएडा, बुलंदशहर और दादरी के 88 गांवों की जमीन अधिग्रहीत कर बसाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट को दी गई है। इसे 13 अगस्त को नोएडा अथॉरिटी की 210वीं बोर्ड बैठक में पास किया जाएगा।

डीएनजीआईआर करीब 21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) में बसाया जाएगा। 21 हजार हेक्टेयर का ब्रेकअप किया गया है। जिसमें 8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश के लिए रिजर्व की गई है।

यहां सबसे पहले अडानी ग्रुप आएगा, जो 5,000 करोड़ का निवेश करेगा। इसके अलावा यहां रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल, फैसिलिटी/यूटिलिटी, इंडस्ट्री, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया, रिक्रेशनल और वाटर बॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन भी होगा।

इसकी कुल आबादी 6 लाख मानी जा रही है। जिसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होगी। जिनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी यूनिट बनाई जाएगी। इसके अलावा कुल रेजिडेंशियल एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।

डीएनजीआईआर को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है। जिसमें 3,000 हेक्टेयर जमीन शामिल है।

पहले चरण में अनुमानित रूप से 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे 50,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया गया है। राशि इस साल फरवरी में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान साइन किए गए एमओयू के लिए नोएडा प्राधिकरण की भूमि आवश्यकताओं को पूरा करेगी।

अधिकारियों के अनुसार, मांग करने वाली कंपनियों को “स्मार्ट” भौतिक बुनियादी ढांचे वाले शहर डीएनजीआईआर में आवंटन दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को शिकागो इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। शिकागो इंडस्ट्रियल हब मुख्यता सड़क, रेलवे, हवाई मार्गों से जुड़ा है। जिससे निवेशकों को बेहतर विकल्प मिलते हैं।

डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान के तहत अलग-अलग योजनाओं के लिए जमीन का ब्रेकअप किया गया है। जिसके मुताबिक रेजिडेंशियल 2477 हेक्टेयर, कॉमर्शियल 905.97, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल 1682.15, फैसिलिटी/यूटिलिटी 198.85, इंडस्ट्री 8811, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया 3173.94, रिक्रेशनल 420.60, वाटर बॉडी 150.65 ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन 3282.59 के लिए हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है।

इस बार किसी प्रोजेक्ट में ऐसा होगा की लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत किसानों से उनकी जमीन ली जाएगी। लैंड पूल नीति के तहत भू-स्वामी को 5 वर्ष तक अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक क्षतिपूर्ति के आधार पर मासिक रूप से मुआवजा 5,000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह होगा।

योजना के तहत पूलिग में दी गई भूमि का 25 प्रतिशत भू-स्वामी को आवंटित की जाएगी। विकसित भूमि का 80 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए, जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा, 12 प्रतिशत उपयोग आवासीय जो कम से कम 172 वर्ग मीटर, वहीं, 8 प्रतिशत उपयोग व्यवसायिक के लिए जो कम से कम 48 वर्ग मीटर का होगा, दिया जाएगा।

जहां न्यूनतम आकार भी भूमि से कम भू-स्वामी को आवंटित होगी, वहां उन मामलों में भू-स्वामी द्वारा अतिरिक्त भूमि मानकों के अनुसार खरीदी जा सकेगी। लाटरी के जरिए भू-स्वामियों को विकसित भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

लैंड पूल नीति में बाई-बैक का प्रावधान नहीं होगा। आवंटित भूमि पर मास्टर प्लान, बिल्डिंग बॉयलॉज, स्वीकृत जोनल प्लान, लीज डीड की शर्तें मान्य होगी। भू-स्वामी के लिए स्टांप ड्यूटी देय नहीं होगी। लेकिन, प्राधिकरण को पंजीकरण शुल्क देना होगा।

विकसित भूखंडों पर जल आपूर्ति, सीवरेज, बिजली, कचरा निष्पादन निस्तारण का प्रावधान किया जाएगा। इन भूखंडों के रखरखाव की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

ग्रेटर नोएडा, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) यानी न्यू नोएडा, पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक नया वरदान साबित होगा।

इसमें ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, बुलंदशहर प्राधिकरण के करीब 88 गांव शामिल हो रहे हैं, जिनसे भूमि अधिग्रहण करके इसका निर्माण किया जाएगा। न्यू नोएडा 203 वर्ग किमी में बसेगा और इसका मास्टर प्लान 2041 के तहत तैयार हो रहा है।

इसके पहले फेज के निर्माण में करीब 8,500 करोड़ की लागत आएगी और पहले फेज में 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक अडानी समूह इसमें पहले इन्वेस्टर के रूप में भाग लेगा। वेस्ट यूपी में निवेश का केंद्र अब दादरी नोएडा गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन होगा।

डीएनजीआईआर नोएडा, बुलंदशहर और दादरी के 88 गांवों की जमीन अधिग्रहीत कर बसाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट को दी गई है। इसे 13 अगस्त को नोएडा अथॉरिटी की 210वीं बोर्ड बैठक में पास किया जाएगा।

डीएनजीआईआर करीब 21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) में बसाया जाएगा। 21 हजार हेक्टेयर का ब्रेकअप किया गया है। जिसमें 8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश के लिए रिजर्व की गई है।

यहां सबसे पहले अडानी ग्रुप आएगा, जो 5,000 करोड़ का निवेश करेगा। इसके अलावा यहां रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल, फैसिलिटी/यूटिलिटी, इंडस्ट्री, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया, रिक्रेशनल और वाटर बॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन भी होगा।

इसकी कुल आबादी 6 लाख मानी जा रही है। जिसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होगी। जिनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी यूनिट बनाई जाएगी। इसके अलावा कुल रेजिडेंशियल एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।

डीएनजीआईआर को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है। जिसमें 3,000 हेक्टेयर जमीन शामिल है।

पहले चरण में अनुमानित रूप से 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे 50,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया गया है। राशि इस साल फरवरी में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान साइन किए गए एमओयू के लिए नोएडा प्राधिकरण की भूमि आवश्यकताओं को पूरा करेगी।

अधिकारियों के अनुसार, मांग करने वाली कंपनियों को “स्मार्ट” भौतिक बुनियादी ढांचे वाले शहर डीएनजीआईआर में आवंटन दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को शिकागो इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। शिकागो इंडस्ट्रियल हब मुख्यता सड़क, रेलवे, हवाई मार्गों से जुड़ा है। जिससे निवेशकों को बेहतर विकल्प मिलते हैं।

डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान के तहत अलग-अलग योजनाओं के लिए जमीन का ब्रेकअप किया गया है। जिसके मुताबिक रेजिडेंशियल 2477 हेक्टेयर, कॉमर्शियल 905.97, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल 1682.15, फैसिलिटी/यूटिलिटी 198.85, इंडस्ट्री 8811, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया 3173.94, रिक्रेशनल 420.60, वाटर बॉडी 150.65 ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन 3282.59 के लिए हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है।

इस बार किसी प्रोजेक्ट में ऐसा होगा की लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत किसानों से उनकी जमीन ली जाएगी। लैंड पूल नीति के तहत भू-स्वामी को 5 वर्ष तक अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक क्षतिपूर्ति के आधार पर मासिक रूप से मुआवजा 5,000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह होगा।

योजना के तहत पूलिग में दी गई भूमि का 25 प्रतिशत भू-स्वामी को आवंटित की जाएगी। विकसित भूमि का 80 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए, जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा, 12 प्रतिशत उपयोग आवासीय जो कम से कम 172 वर्ग मीटर, वहीं, 8 प्रतिशत उपयोग व्यवसायिक के लिए जो कम से कम 48 वर्ग मीटर का होगा, दिया जाएगा।

जहां न्यूनतम आकार भी भूमि से कम भू-स्वामी को आवंटित होगी, वहां उन मामलों में भू-स्वामी द्वारा अतिरिक्त भूमि मानकों के अनुसार खरीदी जा सकेगी। लाटरी के जरिए भू-स्वामियों को विकसित भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

लैंड पूल नीति में बाई-बैक का प्रावधान नहीं होगा। आवंटित भूमि पर मास्टर प्लान, बिल्डिंग बॉयलॉज, स्वीकृत जोनल प्लान, लीज डीड की शर्तें मान्य होगी। भू-स्वामी के लिए स्टांप ड्यूटी देय नहीं होगी। लेकिन, प्राधिकरण को पंजीकरण शुल्क देना होगा।

विकसित भूखंडों पर जल आपूर्ति, सीवरेज, बिजली, कचरा निष्पादन निस्तारण का प्रावधान किया जाएगा। इन भूखंडों के रखरखाव की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

ग्रेटर नोएडा, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) यानी न्यू नोएडा, पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक नया वरदान साबित होगा।

इसमें ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, बुलंदशहर प्राधिकरण के करीब 88 गांव शामिल हो रहे हैं, जिनसे भूमि अधिग्रहण करके इसका निर्माण किया जाएगा। न्यू नोएडा 203 वर्ग किमी में बसेगा और इसका मास्टर प्लान 2041 के तहत तैयार हो रहा है।

इसके पहले फेज के निर्माण में करीब 8,500 करोड़ की लागत आएगी और पहले फेज में 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक अडानी समूह इसमें पहले इन्वेस्टर के रूप में भाग लेगा। वेस्ट यूपी में निवेश का केंद्र अब दादरी नोएडा गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन होगा।

डीएनजीआईआर नोएडा, बुलंदशहर और दादरी के 88 गांवों की जमीन अधिग्रहीत कर बसाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट को दी गई है। इसे 13 अगस्त को नोएडा अथॉरिटी की 210वीं बोर्ड बैठक में पास किया जाएगा।

डीएनजीआईआर करीब 21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) में बसाया जाएगा। 21 हजार हेक्टेयर का ब्रेकअप किया गया है। जिसमें 8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश के लिए रिजर्व की गई है।

यहां सबसे पहले अडानी ग्रुप आएगा, जो 5,000 करोड़ का निवेश करेगा। इसके अलावा यहां रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल, फैसिलिटी/यूटिलिटी, इंडस्ट्री, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया, रिक्रेशनल और वाटर बॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन भी होगा।

इसकी कुल आबादी 6 लाख मानी जा रही है। जिसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होगी। जिनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी यूनिट बनाई जाएगी। इसके अलावा कुल रेजिडेंशियल एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।

डीएनजीआईआर को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है। जिसमें 3,000 हेक्टेयर जमीन शामिल है।

पहले चरण में अनुमानित रूप से 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे 50,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया गया है। राशि इस साल फरवरी में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान साइन किए गए एमओयू के लिए नोएडा प्राधिकरण की भूमि आवश्यकताओं को पूरा करेगी।

अधिकारियों के अनुसार, मांग करने वाली कंपनियों को “स्मार्ट” भौतिक बुनियादी ढांचे वाले शहर डीएनजीआईआर में आवंटन दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को शिकागो इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। शिकागो इंडस्ट्रियल हब मुख्यता सड़क, रेलवे, हवाई मार्गों से जुड़ा है। जिससे निवेशकों को बेहतर विकल्प मिलते हैं।

डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान के तहत अलग-अलग योजनाओं के लिए जमीन का ब्रेकअप किया गया है। जिसके मुताबिक रेजिडेंशियल 2477 हेक्टेयर, कॉमर्शियल 905.97, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल 1682.15, फैसिलिटी/यूटिलिटी 198.85, इंडस्ट्री 8811, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया 3173.94, रिक्रेशनल 420.60, वाटर बॉडी 150.65 ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन 3282.59 के लिए हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है।

इस बार किसी प्रोजेक्ट में ऐसा होगा की लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत किसानों से उनकी जमीन ली जाएगी। लैंड पूल नीति के तहत भू-स्वामी को 5 वर्ष तक अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक क्षतिपूर्ति के आधार पर मासिक रूप से मुआवजा 5,000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह होगा।

योजना के तहत पूलिग में दी गई भूमि का 25 प्रतिशत भू-स्वामी को आवंटित की जाएगी। विकसित भूमि का 80 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए, जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा, 12 प्रतिशत उपयोग आवासीय जो कम से कम 172 वर्ग मीटर, वहीं, 8 प्रतिशत उपयोग व्यवसायिक के लिए जो कम से कम 48 वर्ग मीटर का होगा, दिया जाएगा।

जहां न्यूनतम आकार भी भूमि से कम भू-स्वामी को आवंटित होगी, वहां उन मामलों में भू-स्वामी द्वारा अतिरिक्त भूमि मानकों के अनुसार खरीदी जा सकेगी। लाटरी के जरिए भू-स्वामियों को विकसित भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

लैंड पूल नीति में बाई-बैक का प्रावधान नहीं होगा। आवंटित भूमि पर मास्टर प्लान, बिल्डिंग बॉयलॉज, स्वीकृत जोनल प्लान, लीज डीड की शर्तें मान्य होगी। भू-स्वामी के लिए स्टांप ड्यूटी देय नहीं होगी। लेकिन, प्राधिकरण को पंजीकरण शुल्क देना होगा।

विकसित भूखंडों पर जल आपूर्ति, सीवरेज, बिजली, कचरा निष्पादन निस्तारण का प्रावधान किया जाएगा। इन भूखंडों के रखरखाव की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

ग्रेटर नोएडा, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) यानी न्यू नोएडा, पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक नया वरदान साबित होगा।

इसमें ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, बुलंदशहर प्राधिकरण के करीब 88 गांव शामिल हो रहे हैं, जिनसे भूमि अधिग्रहण करके इसका निर्माण किया जाएगा। न्यू नोएडा 203 वर्ग किमी में बसेगा और इसका मास्टर प्लान 2041 के तहत तैयार हो रहा है।

इसके पहले फेज के निर्माण में करीब 8,500 करोड़ की लागत आएगी और पहले फेज में 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक अडानी समूह इसमें पहले इन्वेस्टर के रूप में भाग लेगा। वेस्ट यूपी में निवेश का केंद्र अब दादरी नोएडा गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन होगा।

डीएनजीआईआर नोएडा, बुलंदशहर और दादरी के 88 गांवों की जमीन अधिग्रहीत कर बसाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट को दी गई है। इसे 13 अगस्त को नोएडा अथॉरिटी की 210वीं बोर्ड बैठक में पास किया जाएगा।

डीएनजीआईआर करीब 21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) में बसाया जाएगा। 21 हजार हेक्टेयर का ब्रेकअप किया गया है। जिसमें 8 हजार हेक्टेयर जमीन औद्योगिक निवेश के लिए रिजर्व की गई है।

यहां सबसे पहले अडानी ग्रुप आएगा, जो 5,000 करोड़ का निवेश करेगा। इसके अलावा यहां रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल, फैसिलिटी/यूटिलिटी, इंडस्ट्री, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया, रिक्रेशनल और वाटर बॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन भी होगा।

इसकी कुल आबादी 6 लाख मानी जा रही है। जिसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होगी। जिनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी यूनिट बनाई जाएगी। इसके अलावा कुल रेजिडेंशियल एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।

डीएनजीआईआर को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है। जिसमें 3,000 हेक्टेयर जमीन शामिल है।

पहले चरण में अनुमानित रूप से 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे 50,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया गया है। राशि इस साल फरवरी में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान साइन किए गए एमओयू के लिए नोएडा प्राधिकरण की भूमि आवश्यकताओं को पूरा करेगी।

अधिकारियों के अनुसार, मांग करने वाली कंपनियों को “स्मार्ट” भौतिक बुनियादी ढांचे वाले शहर डीएनजीआईआर में आवंटन दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को शिकागो इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। शिकागो इंडस्ट्रियल हब मुख्यता सड़क, रेलवे, हवाई मार्गों से जुड़ा है। जिससे निवेशकों को बेहतर विकल्प मिलते हैं।

डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान के तहत अलग-अलग योजनाओं के लिए जमीन का ब्रेकअप किया गया है। जिसके मुताबिक रेजिडेंशियल 2477 हेक्टेयर, कॉमर्शियल 905.97, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल 1682.15, फैसिलिटी/यूटिलिटी 198.85, इंडस्ट्री 8811, ग्रीन पार्क/ओपेन एरिया 3173.94, रिक्रेशनल 420.60, वाटर बॉडी 150.65 ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन 3282.59 के लिए हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है।

इस बार किसी प्रोजेक्ट में ऐसा होगा की लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत किसानों से उनकी जमीन ली जाएगी। लैंड पूल नीति के तहत भू-स्वामी को 5 वर्ष तक अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक क्षतिपूर्ति के आधार पर मासिक रूप से मुआवजा 5,000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह होगा।

योजना के तहत पूलिग में दी गई भूमि का 25 प्रतिशत भू-स्वामी को आवंटित की जाएगी। विकसित भूमि का 80 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए, जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा, 12 प्रतिशत उपयोग आवासीय जो कम से कम 172 वर्ग मीटर, वहीं, 8 प्रतिशत उपयोग व्यवसायिक के लिए जो कम से कम 48 वर्ग मीटर का होगा, दिया जाएगा।

जहां न्यूनतम आकार भी भूमि से कम भू-स्वामी को आवंटित होगी, वहां उन मामलों में भू-स्वामी द्वारा अतिरिक्त भूमि मानकों के अनुसार खरीदी जा सकेगी। लाटरी के जरिए भू-स्वामियों को विकसित भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

लैंड पूल नीति में बाई-बैक का प्रावधान नहीं होगा। आवंटित भूमि पर मास्टर प्लान, बिल्डिंग बॉयलॉज, स्वीकृत जोनल प्लान, लीज डीड की शर्तें मान्य होगी। भू-स्वामी के लिए स्टांप ड्यूटी देय नहीं होगी। लेकिन, प्राधिकरण को पंजीकरण शुल्क देना होगा।

विकसित भूखंडों पर जल आपूर्ति, सीवरेज, बिजली, कचरा निष्पादन निस्तारण का प्रावधान किया जाएगा। इन भूखंडों के रखरखाव की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

Related Posts

नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म
जबलपुर

नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म

June 9, 2025
जहर खाने से महिला की मौत
जबलपुर

जहर खाने से महिला की मौत

June 9, 2025
तिलवारा में नहाते समय डूबे युवक की मौत
जबलपुर

तिलवारा में नहाते समय डूबे युवक की मौत

June 9, 2025
महुआ माजी ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना, लोकतंत्र और विपक्ष की उपेक्षा का लगाया आरोप
जबलपुर

महुआ माजी ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना, लोकतंत्र और विपक्ष की उपेक्षा का लगाया आरोप

June 9, 2025
कुंडम में तेज रफ्तार लोडिंग ऑटो पलटा
जबलपुर

कुंडम में तेज रफ्तार लोडिंग ऑटो पलटा

June 9, 2025
यूजीसी के नियम में बड़ा बदलाव
जबलपुर

यूजीसी के नियम में बड़ा बदलाव

June 9, 2025
Next Post

पीएम मोदी पूर्वोत्तर के एनडीए सांसदों के साथ करेंगे बैठक 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

[email protected]

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

083685
Total views : 5887996
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In