नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भी वार्षिक वेतन बढ़ोतरी को टाल दिया है। यह जानकारी सोमवार को रिपोर्ट्स में दी गई।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
प्रोजेक्ट मैक्सिमस इंफोसिस की मार्जिन सुधार योजना है। इसका लक्ष्य लागत को कम करना है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
–आईएएनएस
एबीएस/
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भी वार्षिक वेतन बढ़ोतरी को टाल दिया है। यह जानकारी सोमवार को रिपोर्ट्स में दी गई।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
प्रोजेक्ट मैक्सिमस इंफोसिस की मार्जिन सुधार योजना है। इसका लक्ष्य लागत को कम करना है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भी वार्षिक वेतन बढ़ोतरी को टाल दिया है। यह जानकारी सोमवार को रिपोर्ट्स में दी गई।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
प्रोजेक्ट मैक्सिमस इंफोसिस की मार्जिन सुधार योजना है। इसका लक्ष्य लागत को कम करना है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
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रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
प्रोजेक्ट मैक्सिमस इंफोसिस की मार्जिन सुधार योजना है। इसका लक्ष्य लागत को कम करना है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
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इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
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दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
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रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
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चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
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सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
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रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
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चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
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रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
प्रोजेक्ट मैक्सिमस इंफोसिस की मार्जिन सुधार योजना है। इसका लक्ष्य लागत को कम करना है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
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रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
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दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
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इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
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दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
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इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
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दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
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रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
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चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
–आईएएनएस
एबीएस/
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भी वार्षिक वेतन बढ़ोतरी को टाल दिया है। यह जानकारी सोमवार को रिपोर्ट्स में दी गई।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
प्रोजेक्ट मैक्सिमस इंफोसिस की मार्जिन सुधार योजना है। इसका लक्ष्य लागत को कम करना है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भी वार्षिक वेतन बढ़ोतरी को टाल दिया है। यह जानकारी सोमवार को रिपोर्ट्स में दी गई।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
प्रोजेक्ट मैक्सिमस इंफोसिस की मार्जिन सुधार योजना है। इसका लक्ष्य लागत को कम करना है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भी वार्षिक वेतन बढ़ोतरी को टाल दिया है। यह जानकारी सोमवार को रिपोर्ट्स में दी गई।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
प्रोजेक्ट मैक्सिमस इंफोसिस की मार्जिन सुधार योजना है। इसका लक्ष्य लागत को कम करना है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भी वार्षिक वेतन बढ़ोतरी को टाल दिया है। यह जानकारी सोमवार को रिपोर्ट्स में दी गई।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि आमतौर पर साल के शुरुआत में लागू होने वाली वेतन वृद्धि में देरी इस बात का संकेत है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है और इस दबाव की वजह वैश्विक अस्थिरता के चलते क्लाइंट्स द्वारा अपने आईटी खर्च में बढ़ोतरी न करना है।
इन्फोसिस ने आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2023 में लागू की थी।
इन्फोसिस ही नहीं दूसरी अन्य बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक, एलटीआईमाइंडट्री और एलएंडटी टेक सर्विसेज ने भी दूसरी तिमाही में लागत और मुनाफे को मैनेज करने के लिए वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी।
इन्फोसिस को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा था कि इन्फोसिस का मार्जिन दिसंबर तिमाही में कम हो सकता है। इसकी वजह कर्मचारियों द्वारा छुट्टी पर जाना और काम के दिन कम होना है। हालांकि, कीमतों में बढ़ोतरी, सबकॉन्ट्रैक्टर लागत अनुकूलन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस द्वारा इसकी भरपाई की जाएगी।
प्रोजेक्ट मैक्सिमस इंफोसिस की मार्जिन सुधार योजना है। इसका लक्ष्य लागत को कम करना है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया था, जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 6,212 करोड़ रुपये था।
दूसरी तिमाही में कंपनी की आय 40,986 करोड़ रुपये रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 38,994 करोड़ रुपये था।
सितंबर तिमाही में इन्फोसिस ने पूरे वर्ष के लिए आय में वृद्धि की गाइडेंस को बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत कर दिया था। इस दौरान आईटी दिग्गज ने 21 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया था।