नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में होने हैं लेकिन इससे पहले सियासत खूब हो रही है। केजरीवाल का इस्तीफा, आतिशी की दिल्ली के सीएम पद पर ताजपोशी और राष्ट्रीय राजधानी में अपना इकबाल बुलंद करने की कोशिश एक तरफ आम आदमी पार्टी कर रही है तो दूसरी ओर भाजपा भी हर वार पर पलटवार कर रही है। भाजपा ने केजरीवाल सरकार के दस सालों का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए ‘आप’ पर हमलावर है।
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता राजकुमार आनंद ने कहा कि,कोई भी आंदोलन नौजवानों से चालू होता है। नौजवान सबसे पहले जागता है, उसी कड़ी में आज युवा मोर्चा द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में अरविंद केजरीवाल के आलीशान बंगले को दिखाया गया है। मेरा मानना है कि पहले नौजवान जागेगा, फिर वह आगे समाज में जागृति फैलाएगा क्योंकि चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है।
अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों की ओर से जनता दरबार लगाया जा रहा है। आज मैं यह बताना चाहता हूं कि जनता दरबार की अब जरूरत नहीं है क्योंकि जनता की अदालत लगने का वक्त आ गया है। पांच महीने बाद जनता की अदालत लगेगी, जनता वोट डालेगी तब उनको पता लगेगा कि उनके साथ दिल्ली की जनता ने क्या इंसाफ किया है। मेरा मानना है कि आम आदमी पार्टी के इस अभियान में कोई दम नहीं है।
उन्होंने कहा कि, अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल जो दलीलें दे रहे हैं, वो झूठ की बुनियाद पर आधारित है। देश की राजधानी दिल्ली में जल-भराव से 50 लोग मार जाते हैं और जल मंत्री बजाय कुछ करने के भूख हड़ताल करती हैं। वहां की आम आदमी पार्टी की पार्षद विदेश चली जाती है। वहां का जो विधायक है, वो समय पर मौके पर नहीं पहुंचते है ऐसे हालात में आम आदमी पार्टी पर कोई कैसे भरोसा करें।
वहीं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल ने दस सालों के दौरान अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने 10 साल पहले जो वादे किए थे उन वादों का आज नतीजा क्या है। उसकी आज स्थिति क्या है? 70 में से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। 10 साल दिल्ली बेहाल- यह उसकी सच्चाई है। चाहे उनका जन लोकपाल का वादा हो, चाहे स्वराज का वादा हो, चाहे 500 स्कूल खोलने का वादा हो, चाहे 20 कालेज खोलने का वादा हो, चाहे यमुना की सफाई का वादा हो, चाहे साफ पर्यावरण का वादा हो,आठ लाख नौकरियों का वादा हो, कर्मचारियों को पक्का करने का वादा हो, ऐसा कोई भी वादा पिछले दस साल में वो पूरा नहीं किया गया। दिल्ली उनको एक भ्रष्ट और असफल मुख्यमंत्री के तौर पर याद करेगी।
–आईएएनएस
एकेएस/केआर
नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में होने हैं लेकिन इससे पहले सियासत खूब हो रही है। केजरीवाल का इस्तीफा, आतिशी की दिल्ली के सीएम पद पर ताजपोशी और राष्ट्रीय राजधानी में अपना इकबाल बुलंद करने की कोशिश एक तरफ आम आदमी पार्टी कर रही है तो दूसरी ओर भाजपा भी हर वार पर पलटवार कर रही है। भाजपा ने केजरीवाल सरकार के दस सालों का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए ‘आप’ पर हमलावर है।
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता राजकुमार आनंद ने कहा कि,कोई भी आंदोलन नौजवानों से चालू होता है। नौजवान सबसे पहले जागता है, उसी कड़ी में आज युवा मोर्चा द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में अरविंद केजरीवाल के आलीशान बंगले को दिखाया गया है। मेरा मानना है कि पहले नौजवान जागेगा, फिर वह आगे समाज में जागृति फैलाएगा क्योंकि चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है।
अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों की ओर से जनता दरबार लगाया जा रहा है। आज मैं यह बताना चाहता हूं कि जनता दरबार की अब जरूरत नहीं है क्योंकि जनता की अदालत लगने का वक्त आ गया है। पांच महीने बाद जनता की अदालत लगेगी, जनता वोट डालेगी तब उनको पता लगेगा कि उनके साथ दिल्ली की जनता ने क्या इंसाफ किया है। मेरा मानना है कि आम आदमी पार्टी के इस अभियान में कोई दम नहीं है।
उन्होंने कहा कि, अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल जो दलीलें दे रहे हैं, वो झूठ की बुनियाद पर आधारित है। देश की राजधानी दिल्ली में जल-भराव से 50 लोग मार जाते हैं और जल मंत्री बजाय कुछ करने के भूख हड़ताल करती हैं। वहां की आम आदमी पार्टी की पार्षद विदेश चली जाती है। वहां का जो विधायक है, वो समय पर मौके पर नहीं पहुंचते है ऐसे हालात में आम आदमी पार्टी पर कोई कैसे भरोसा करें।
वहीं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल ने दस सालों के दौरान अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने 10 साल पहले जो वादे किए थे उन वादों का आज नतीजा क्या है। उसकी आज स्थिति क्या है? 70 में से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। 10 साल दिल्ली बेहाल- यह उसकी सच्चाई है। चाहे उनका जन लोकपाल का वादा हो, चाहे स्वराज का वादा हो, चाहे 500 स्कूल खोलने का वादा हो, चाहे 20 कालेज खोलने का वादा हो, चाहे यमुना की सफाई का वादा हो, चाहे साफ पर्यावरण का वादा हो,आठ लाख नौकरियों का वादा हो, कर्मचारियों को पक्का करने का वादा हो, ऐसा कोई भी वादा पिछले दस साल में वो पूरा नहीं किया गया। दिल्ली उनको एक भ्रष्ट और असफल मुख्यमंत्री के तौर पर याद करेगी।
–आईएएनएस
एकेएस/केआर