टोरंटो, 14 मई (आईएएनएस)। खगोलविदों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने शनि की परिक्रमा करते हुए 62 नए चंद्रमाओं की खोज की है, जिससे इस ग्रह के चंद्रमाओं की कुल संख्या 145 हो गई है।
सौर मंडल में चंद्रमाओं की संख्या की रेस में शनि एक बार फिर वृहस्पति को पीछे छोड़कर पहले स्थान पर पहुंच गया है।
ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय (यूबीसी) के शोधकर्ताओं ने कहा कि नई खोजों का मतलब है कि शनि ने न केवल सबसे अधिक ज्ञात चंद्रमाओं (95 मान्यता प्राप्त चंद्रमाओं वाले बृहस्पति को पीछे छोड़ते हुए) के लिए अपना ताज हासिल किया है, बल्कि यह 100 से अधिक खोजे गए चंद्रमाओं वाला पहला ग्रह भी है।
बृहस्पति, जिसने फरवरी में अपने 12 नए चंद्रमा जोड़े थे, के 95 चंद्रमा हैं जिन्हें औपचारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (आईएयू) द्वारा मान्यता दी गई है।
गार्जियन की रिपोर्ट में यूबीसी के एक खगोलशास्त्री प्रोफेसर ब्रेट ग्लैडमैन ने कहा, शनि ने न केवल अपने चंद्रमाओं की संख्या को लगभग दोगुना कर लिया है, बल्कि अब सौर मंडल के बाकी सभी ग्रहों की तुलना में उसके पास अधिक चंद्रमा हैं।
शनि के इन नए चंद्रमाओं को अभी अंकों और अक्षरों से सूचित किया गया है। बाद में उन्हें गैलिक, नॉर्स और कनाडाई इनुइट देवताओं के आधार पर नाम दिए जाएंगे, जैसा कि शनि के चंद्रमाओं के लिए परंपरा रही है।
सभी नए चंद्रमा अनियमित चंद्रमाओं की श्रेणी में हैं। माना जाता है कि शुरू में वे मेजबान ग्रह द्वारा उन पर कब्जा कर लिया गया था। नियमित चंद्रमाओं की तुलना में अनियमित चंद्रमाओं की कक्षा बड़ी, अण्डाकार और झुकी हुई होती है।
शनि के ज्ञात अनियमित चंद्रमाओं की संख्या अब बढ़कर दोगुनी से अधिक 121 हो गई है। शनि के 24 नियमित चंद्रमा हैं।
–आईएएनएस
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