शहडोल, देशबन्धु. इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला शहडोल में सामने आया है. एक व्यक्ति की ट्रेन से कटकर मौत हो गई, जिसके बाद इसकी जानकारी जीआरपी व संबंधित थाना पुलिस को दी गई. लेकिन पुलिस को पहुंचने में देरी हो गई, इस बीच 5 घंटे के भीतर कई ट्रेन उस शव के ऊपर से गुजर गई.
घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों ने देखा कि शव के ऊपर से कई ट्रेन गुजर रही हैं, जिसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू किया, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा कार्यवाही कर शव को मौके से उठवाया. घटना बुढार रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक की है.
बुढार स्टेशन के प्लेट फ़ार्म नम्बर एक में सुबह 6 बजकर 34 मिनट पर यह हादसा कानपुर से दुर्ग जाने वाली बेतवा एक्सप्रेस से हुआ. मृतक रायपुर का रहने वाला बताया जा रहा है. सुबह साढ़े 6 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक शव रेल ट्रैक पर ही खुला हुआ पड़ा रहा. इस बीच लाश के ऊपर से एक एक करके तीन यात्री ट्रेन धड़ाधड़ गुजरते चली गयी.
जिससे शव और अधिक क्षत विक्षत होता चला गया. रेल पुलिस और स्टेशन मास्टर की जानकारी के बाद भी वैकल्पिक रेल ट्रैक बुढार स्टेशन में होने के बाद भी लाश के ऊपर से ट्रेने गुजरने के कारण परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा.
जानकारी के अनुसार कानपुर सेंट्रल से दुर्ग तक जाने वाली बेतवा एक्सप्रेस ट्रेन नम्बर 18204 सुबह करीब 6 बजकर 34 मिनट पर बुढार स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 1 से गुजर रही थी. इस बीच उसमे सवार एक यात्री ट्रेन से नीचे पटरी पर गिर गया. इससे पहले कि वहाँ मौजूद अन्य यात्री उसे बचा पाते ट्रेन उसके ऊपर से गुजरते चली गयी. ट्रेन के जाने के बाद जब लोगों ने पटरी के पास जाकर देखा तो यात्री के शरीर के तीन टुकड़े हो गये थे.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसा सुबह साढ़े 6 बजे के आसपास प्लेट फ़ार्म नम्बर 1 में हुआ. उस समय स्टेशन में एक जीआरपी आरक्षक भी ड्यूटी पर मौजूद था. इसकी जानकारी उस समय स्टेशन में मौजूद स्टेशन मास्टर तक भी पहुँच गयी, लेकिन स्टेशन मास्टर व रेल पुलिस की लापरवाही का नतीजा यह निकला कि हादसे के करीब 15 मिनट बाद उसी ट्रैक से भोपाल से दुर्ग जाने वाली अमरकंटक एक्सप्रेस को गुजार दिया गया. हादसे के बाद सबसे पहले अमरकंटक एक्सप्रेस को उसी ट्रैक से आगे रवाना किया गया.
इसके बाद भी शव ट्रैक में ही खुला पड़ा रहा . घटना के करीब चार घंटे बाद सुबह साढ़े 9 से 10 बजे के आसपास एक बार फिर बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस एवं शहडोल -बिलासपुर पैसेंजर ट्रेन को उसी ट्रैक से शव के ऊपर से गुजार दिया गया . जिससे शव से सिर और अलग होकर दूर चला गया . स्टेशन मास्टर एवं रेल पुलिस की इस मानवीय संवेदनहीनता के बाद मौके पर पहुँचे मृतक के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. कुछ देर के लिए स्टेशन में हंगामे की स्थिति निर्मित हो गयी. किसी तरह पुलिस ने मामला शांत कराया.
इस सम्बन्ध में जब शहडोल जीआरपी थाना प्रभारी आर एम झरिया ने कहा कि जब हमें जानकारी मिली तो हमारी टीम मौके पर पहुंची थी, मर्ग कायम कर विवेचना की जा रही है. शव के ऊपर से ट्रेन गुजरने की बात सामने आई है, हमें देरी नहीं हुई है.