deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

शहबाज शरीफ के लिए 2023 कठिन होने वाला है, सामने हैं कई चुनौतियां

by
December 25, 2022
in ताज़ा समाचार
0
शहबाज शरीफ के लिए 2023 कठिन होने वाला है, सामने हैं कई चुनौतियां
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इस्लामाबाद, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कई कार्यकालों के दौरान देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपने असाधारण विकास कार्यों के लिए शहबाज स्पीड के रूप में जाना जाता है। लेकिन साल 2022 शहबाज शरीफ के लिए राजनीति में आगे बढ़ने का वर्ष बन गया, जो 2018 के आम चुनावों के दौरान नेशनल असेंबली (एमएनए) के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद, इमरान खान शासन के खिलाफ विपक्षी बेंच के नेता बने।

शहबाज शरीफ राजनीतिक परिवार से आते हैं। इनके बड़े भाई और पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज को कई आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत दिलाई और देश के प्रधानमंत्री बने। नवाज शरीफ के बाद वह सेकंड इन कमांड के रूप में उभरे। कई लोगों का कहना है कि शरीफ राजनीति के पीछे की पावर थे। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें पीएमएल-एन के प्रमुख पद से हटा दिया गया, इसके बाद शहबाज शरीफ ने पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।

READ ALSO

प्रकरण दर्ज, ननि के सहायक आयुक्त के खिलाफ ईओडब्ल्यू

प्रकरण दर्ज, ननि के सहायक आयुक्त के खिलाफ ईओडब्ल्यू में

विपक्ष के नेता के रूप में संघीय ढांचे में शहबाज शरीफ की एंट्री, संसद में अविश्वास मत के माध्यम से इमरान खान को बाहर करने के बाद सत्ताधारी प्रधानमंत्री पद के मार्ग की दिशा में पहला कदम था। जिसका नेतृत्व फिर से शहबाज शरीफ ने किया और अन्य गठबंधन राजनीतिक दलों के साथ शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया।

कई लोगों के लिए, शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीएम) के एक घटक के रूप में छोटा कार्यकाल माना जाता था। इमरान खान विरोधी 13 पार्टी गठबंधन ने देश में जल्द चुनाव कराने के एजेंडे के साथ सत्ता संभाली थी। इमरान खान की सत्ता से बेदखली के खिलाफ जनता के बीच हुए हंगामे ने शहबाज शरीफ के कार्यकाल को अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने के लिए रास्ता दिया। शहबाज शरीफ का साल 2022 वित्तीय चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन तबाही और इमरान खान की एक चुनौतीपूर्ण राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का मिला-जुला अनुभव रहा है।

पाकिस्तान को रुकी हुई अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएनएफ) की विस्तारित अनुदान सुविधा (ईएफएफ) को पुनर्जीवित करने, जलवायु परिवर्तन आपदा का सामना करने, आकस्मिक बाढ़-विनाश, देश का एक तिहाई हिस्सा डूब जाना, सैकड़ों-हजारों एकड़ कृषि भूमि नष्ट होना और 35 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करना जैसी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से शहबाज शरीफ को प्रबंधन करना पड़ा है।

साल 2022 प्रधानमंत्री के लिए कोई सफलता की स्टोरी नहीं है। क्योंकि इमरान खान की सरकार द्वारा अनदेखी की गई वित्तीय बाधाओं का बोझ और जिम्मेदारी शहबाज शरीफ के कंधों पर आ गई। राजनीतिक आधार पर शाहबाज शरीफ को इमरान खान से भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इमरान खान द्वारा देश में जल्द चुनाव की मांग की जा रही है। इसके अलावा वे शाहबाज शरीफ गठबंधन सरकार को चोरों की बैंक होने का आरोप लगा रहे हैं।

शहबाज शरीफ को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय सहायता मांगने के लिए भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सहायता के लिए उनकी अपील को भीख और सिफारिश कहा जा रहा है। जबकि पाकिस्तान की राजनीति में शहबाज शरीफ का वर्ष 2022 देश की अर्थव्यवस्था, विनाशकारी बाढ़ और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी इमरान खान के स्ट्रीट पावर शो के संदर्भ में व्यापक रूप से कठिन वित्तीय चुनौतियों से भरा रहा है। शरीफ और उनकी सरकार ने निश्चित रूप से अमेरिका, यूरोप, चीन और यूएई जैसी वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में काम किया है।

पाकिस्तान में आई आपदा ने कम से कम 40 बिलियन डॉलर की संपत्ति को बहा दिया है। इसके साथ देश की अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय उधारदाताओं और वैश्विक समर्थन की मदद के बिना पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है। 2022 अब खत्म होने जा रहा हैं और साल 2023 में शहबाज शरीफ को वित्तीय, राजनीतिक अस्थिरता, शांति और सुरक्षा आधारित टकरावों जैसी चुनौतियों से निपटना होगा ताकि सत्ता में वापस आएं। साल 2022 और 2023 निश्चित रूप से राजनेता के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य लेकर आए हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

इस्लामाबाद, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कई कार्यकालों के दौरान देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपने असाधारण विकास कार्यों के लिए शहबाज स्पीड के रूप में जाना जाता है। लेकिन साल 2022 शहबाज शरीफ के लिए राजनीति में आगे बढ़ने का वर्ष बन गया, जो 2018 के आम चुनावों के दौरान नेशनल असेंबली (एमएनए) के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद, इमरान खान शासन के खिलाफ विपक्षी बेंच के नेता बने।

शहबाज शरीफ राजनीतिक परिवार से आते हैं। इनके बड़े भाई और पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज को कई आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत दिलाई और देश के प्रधानमंत्री बने। नवाज शरीफ के बाद वह सेकंड इन कमांड के रूप में उभरे। कई लोगों का कहना है कि शरीफ राजनीति के पीछे की पावर थे। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें पीएमएल-एन के प्रमुख पद से हटा दिया गया, इसके बाद शहबाज शरीफ ने पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।

विपक्ष के नेता के रूप में संघीय ढांचे में शहबाज शरीफ की एंट्री, संसद में अविश्वास मत के माध्यम से इमरान खान को बाहर करने के बाद सत्ताधारी प्रधानमंत्री पद के मार्ग की दिशा में पहला कदम था। जिसका नेतृत्व फिर से शहबाज शरीफ ने किया और अन्य गठबंधन राजनीतिक दलों के साथ शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया।

कई लोगों के लिए, शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीएम) के एक घटक के रूप में छोटा कार्यकाल माना जाता था। इमरान खान विरोधी 13 पार्टी गठबंधन ने देश में जल्द चुनाव कराने के एजेंडे के साथ सत्ता संभाली थी। इमरान खान की सत्ता से बेदखली के खिलाफ जनता के बीच हुए हंगामे ने शहबाज शरीफ के कार्यकाल को अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने के लिए रास्ता दिया। शहबाज शरीफ का साल 2022 वित्तीय चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन तबाही और इमरान खान की एक चुनौतीपूर्ण राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का मिला-जुला अनुभव रहा है।

पाकिस्तान को रुकी हुई अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएनएफ) की विस्तारित अनुदान सुविधा (ईएफएफ) को पुनर्जीवित करने, जलवायु परिवर्तन आपदा का सामना करने, आकस्मिक बाढ़-विनाश, देश का एक तिहाई हिस्सा डूब जाना, सैकड़ों-हजारों एकड़ कृषि भूमि नष्ट होना और 35 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करना जैसी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से शहबाज शरीफ को प्रबंधन करना पड़ा है।

साल 2022 प्रधानमंत्री के लिए कोई सफलता की स्टोरी नहीं है। क्योंकि इमरान खान की सरकार द्वारा अनदेखी की गई वित्तीय बाधाओं का बोझ और जिम्मेदारी शहबाज शरीफ के कंधों पर आ गई। राजनीतिक आधार पर शाहबाज शरीफ को इमरान खान से भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इमरान खान द्वारा देश में जल्द चुनाव की मांग की जा रही है। इसके अलावा वे शाहबाज शरीफ गठबंधन सरकार को चोरों की बैंक होने का आरोप लगा रहे हैं।

शहबाज शरीफ को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय सहायता मांगने के लिए भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सहायता के लिए उनकी अपील को भीख और सिफारिश कहा जा रहा है। जबकि पाकिस्तान की राजनीति में शहबाज शरीफ का वर्ष 2022 देश की अर्थव्यवस्था, विनाशकारी बाढ़ और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी इमरान खान के स्ट्रीट पावर शो के संदर्भ में व्यापक रूप से कठिन वित्तीय चुनौतियों से भरा रहा है। शरीफ और उनकी सरकार ने निश्चित रूप से अमेरिका, यूरोप, चीन और यूएई जैसी वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में काम किया है।

पाकिस्तान में आई आपदा ने कम से कम 40 बिलियन डॉलर की संपत्ति को बहा दिया है। इसके साथ देश की अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय उधारदाताओं और वैश्विक समर्थन की मदद के बिना पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है। 2022 अब खत्म होने जा रहा हैं और साल 2023 में शहबाज शरीफ को वित्तीय, राजनीतिक अस्थिरता, शांति और सुरक्षा आधारित टकरावों जैसी चुनौतियों से निपटना होगा ताकि सत्ता में वापस आएं। साल 2022 और 2023 निश्चित रूप से राजनेता के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य लेकर आए हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

इस्लामाबाद, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कई कार्यकालों के दौरान देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपने असाधारण विकास कार्यों के लिए शहबाज स्पीड के रूप में जाना जाता है। लेकिन साल 2022 शहबाज शरीफ के लिए राजनीति में आगे बढ़ने का वर्ष बन गया, जो 2018 के आम चुनावों के दौरान नेशनल असेंबली (एमएनए) के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद, इमरान खान शासन के खिलाफ विपक्षी बेंच के नेता बने।

शहबाज शरीफ राजनीतिक परिवार से आते हैं। इनके बड़े भाई और पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज को कई आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत दिलाई और देश के प्रधानमंत्री बने। नवाज शरीफ के बाद वह सेकंड इन कमांड के रूप में उभरे। कई लोगों का कहना है कि शरीफ राजनीति के पीछे की पावर थे। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें पीएमएल-एन के प्रमुख पद से हटा दिया गया, इसके बाद शहबाज शरीफ ने पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।

विपक्ष के नेता के रूप में संघीय ढांचे में शहबाज शरीफ की एंट्री, संसद में अविश्वास मत के माध्यम से इमरान खान को बाहर करने के बाद सत्ताधारी प्रधानमंत्री पद के मार्ग की दिशा में पहला कदम था। जिसका नेतृत्व फिर से शहबाज शरीफ ने किया और अन्य गठबंधन राजनीतिक दलों के साथ शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया।

कई लोगों के लिए, शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीएम) के एक घटक के रूप में छोटा कार्यकाल माना जाता था। इमरान खान विरोधी 13 पार्टी गठबंधन ने देश में जल्द चुनाव कराने के एजेंडे के साथ सत्ता संभाली थी। इमरान खान की सत्ता से बेदखली के खिलाफ जनता के बीच हुए हंगामे ने शहबाज शरीफ के कार्यकाल को अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने के लिए रास्ता दिया। शहबाज शरीफ का साल 2022 वित्तीय चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन तबाही और इमरान खान की एक चुनौतीपूर्ण राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का मिला-जुला अनुभव रहा है।

पाकिस्तान को रुकी हुई अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएनएफ) की विस्तारित अनुदान सुविधा (ईएफएफ) को पुनर्जीवित करने, जलवायु परिवर्तन आपदा का सामना करने, आकस्मिक बाढ़-विनाश, देश का एक तिहाई हिस्सा डूब जाना, सैकड़ों-हजारों एकड़ कृषि भूमि नष्ट होना और 35 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करना जैसी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से शहबाज शरीफ को प्रबंधन करना पड़ा है।

साल 2022 प्रधानमंत्री के लिए कोई सफलता की स्टोरी नहीं है। क्योंकि इमरान खान की सरकार द्वारा अनदेखी की गई वित्तीय बाधाओं का बोझ और जिम्मेदारी शहबाज शरीफ के कंधों पर आ गई। राजनीतिक आधार पर शाहबाज शरीफ को इमरान खान से भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इमरान खान द्वारा देश में जल्द चुनाव की मांग की जा रही है। इसके अलावा वे शाहबाज शरीफ गठबंधन सरकार को चोरों की बैंक होने का आरोप लगा रहे हैं।

शहबाज शरीफ को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय सहायता मांगने के लिए भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सहायता के लिए उनकी अपील को भीख और सिफारिश कहा जा रहा है। जबकि पाकिस्तान की राजनीति में शहबाज शरीफ का वर्ष 2022 देश की अर्थव्यवस्था, विनाशकारी बाढ़ और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी इमरान खान के स्ट्रीट पावर शो के संदर्भ में व्यापक रूप से कठिन वित्तीय चुनौतियों से भरा रहा है। शरीफ और उनकी सरकार ने निश्चित रूप से अमेरिका, यूरोप, चीन और यूएई जैसी वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में काम किया है।

पाकिस्तान में आई आपदा ने कम से कम 40 बिलियन डॉलर की संपत्ति को बहा दिया है। इसके साथ देश की अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय उधारदाताओं और वैश्विक समर्थन की मदद के बिना पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है। 2022 अब खत्म होने जा रहा हैं और साल 2023 में शहबाज शरीफ को वित्तीय, राजनीतिक अस्थिरता, शांति और सुरक्षा आधारित टकरावों जैसी चुनौतियों से निपटना होगा ताकि सत्ता में वापस आएं। साल 2022 और 2023 निश्चित रूप से राजनेता के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य लेकर आए हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

इस्लामाबाद, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कई कार्यकालों के दौरान देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपने असाधारण विकास कार्यों के लिए शहबाज स्पीड के रूप में जाना जाता है। लेकिन साल 2022 शहबाज शरीफ के लिए राजनीति में आगे बढ़ने का वर्ष बन गया, जो 2018 के आम चुनावों के दौरान नेशनल असेंबली (एमएनए) के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद, इमरान खान शासन के खिलाफ विपक्षी बेंच के नेता बने।

शहबाज शरीफ राजनीतिक परिवार से आते हैं। इनके बड़े भाई और पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज को कई आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत दिलाई और देश के प्रधानमंत्री बने। नवाज शरीफ के बाद वह सेकंड इन कमांड के रूप में उभरे। कई लोगों का कहना है कि शरीफ राजनीति के पीछे की पावर थे। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें पीएमएल-एन के प्रमुख पद से हटा दिया गया, इसके बाद शहबाज शरीफ ने पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।

विपक्ष के नेता के रूप में संघीय ढांचे में शहबाज शरीफ की एंट्री, संसद में अविश्वास मत के माध्यम से इमरान खान को बाहर करने के बाद सत्ताधारी प्रधानमंत्री पद के मार्ग की दिशा में पहला कदम था। जिसका नेतृत्व फिर से शहबाज शरीफ ने किया और अन्य गठबंधन राजनीतिक दलों के साथ शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया।

कई लोगों के लिए, शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीएम) के एक घटक के रूप में छोटा कार्यकाल माना जाता था। इमरान खान विरोधी 13 पार्टी गठबंधन ने देश में जल्द चुनाव कराने के एजेंडे के साथ सत्ता संभाली थी। इमरान खान की सत्ता से बेदखली के खिलाफ जनता के बीच हुए हंगामे ने शहबाज शरीफ के कार्यकाल को अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने के लिए रास्ता दिया। शहबाज शरीफ का साल 2022 वित्तीय चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन तबाही और इमरान खान की एक चुनौतीपूर्ण राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का मिला-जुला अनुभव रहा है।

पाकिस्तान को रुकी हुई अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएनएफ) की विस्तारित अनुदान सुविधा (ईएफएफ) को पुनर्जीवित करने, जलवायु परिवर्तन आपदा का सामना करने, आकस्मिक बाढ़-विनाश, देश का एक तिहाई हिस्सा डूब जाना, सैकड़ों-हजारों एकड़ कृषि भूमि नष्ट होना और 35 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करना जैसी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से शहबाज शरीफ को प्रबंधन करना पड़ा है।

साल 2022 प्रधानमंत्री के लिए कोई सफलता की स्टोरी नहीं है। क्योंकि इमरान खान की सरकार द्वारा अनदेखी की गई वित्तीय बाधाओं का बोझ और जिम्मेदारी शहबाज शरीफ के कंधों पर आ गई। राजनीतिक आधार पर शाहबाज शरीफ को इमरान खान से भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इमरान खान द्वारा देश में जल्द चुनाव की मांग की जा रही है। इसके अलावा वे शाहबाज शरीफ गठबंधन सरकार को चोरों की बैंक होने का आरोप लगा रहे हैं।

शहबाज शरीफ को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय सहायता मांगने के लिए भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सहायता के लिए उनकी अपील को भीख और सिफारिश कहा जा रहा है। जबकि पाकिस्तान की राजनीति में शहबाज शरीफ का वर्ष 2022 देश की अर्थव्यवस्था, विनाशकारी बाढ़ और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी इमरान खान के स्ट्रीट पावर शो के संदर्भ में व्यापक रूप से कठिन वित्तीय चुनौतियों से भरा रहा है। शरीफ और उनकी सरकार ने निश्चित रूप से अमेरिका, यूरोप, चीन और यूएई जैसी वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में काम किया है।

पाकिस्तान में आई आपदा ने कम से कम 40 बिलियन डॉलर की संपत्ति को बहा दिया है। इसके साथ देश की अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय उधारदाताओं और वैश्विक समर्थन की मदद के बिना पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है। 2022 अब खत्म होने जा रहा हैं और साल 2023 में शहबाज शरीफ को वित्तीय, राजनीतिक अस्थिरता, शांति और सुरक्षा आधारित टकरावों जैसी चुनौतियों से निपटना होगा ताकि सत्ता में वापस आएं। साल 2022 और 2023 निश्चित रूप से राजनेता के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य लेकर आए हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

इस्लामाबाद, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कई कार्यकालों के दौरान देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपने असाधारण विकास कार्यों के लिए शहबाज स्पीड के रूप में जाना जाता है। लेकिन साल 2022 शहबाज शरीफ के लिए राजनीति में आगे बढ़ने का वर्ष बन गया, जो 2018 के आम चुनावों के दौरान नेशनल असेंबली (एमएनए) के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद, इमरान खान शासन के खिलाफ विपक्षी बेंच के नेता बने।

शहबाज शरीफ राजनीतिक परिवार से आते हैं। इनके बड़े भाई और पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज को कई आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत दिलाई और देश के प्रधानमंत्री बने। नवाज शरीफ के बाद वह सेकंड इन कमांड के रूप में उभरे। कई लोगों का कहना है कि शरीफ राजनीति के पीछे की पावर थे। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें पीएमएल-एन के प्रमुख पद से हटा दिया गया, इसके बाद शहबाज शरीफ ने पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।

विपक्ष के नेता के रूप में संघीय ढांचे में शहबाज शरीफ की एंट्री, संसद में अविश्वास मत के माध्यम से इमरान खान को बाहर करने के बाद सत्ताधारी प्रधानमंत्री पद के मार्ग की दिशा में पहला कदम था। जिसका नेतृत्व फिर से शहबाज शरीफ ने किया और अन्य गठबंधन राजनीतिक दलों के साथ शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया।

कई लोगों के लिए, शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीएम) के एक घटक के रूप में छोटा कार्यकाल माना जाता था। इमरान खान विरोधी 13 पार्टी गठबंधन ने देश में जल्द चुनाव कराने के एजेंडे के साथ सत्ता संभाली थी। इमरान खान की सत्ता से बेदखली के खिलाफ जनता के बीच हुए हंगामे ने शहबाज शरीफ के कार्यकाल को अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने के लिए रास्ता दिया। शहबाज शरीफ का साल 2022 वित्तीय चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन तबाही और इमरान खान की एक चुनौतीपूर्ण राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का मिला-जुला अनुभव रहा है।

पाकिस्तान को रुकी हुई अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएनएफ) की विस्तारित अनुदान सुविधा (ईएफएफ) को पुनर्जीवित करने, जलवायु परिवर्तन आपदा का सामना करने, आकस्मिक बाढ़-विनाश, देश का एक तिहाई हिस्सा डूब जाना, सैकड़ों-हजारों एकड़ कृषि भूमि नष्ट होना और 35 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करना जैसी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से शहबाज शरीफ को प्रबंधन करना पड़ा है।

साल 2022 प्रधानमंत्री के लिए कोई सफलता की स्टोरी नहीं है। क्योंकि इमरान खान की सरकार द्वारा अनदेखी की गई वित्तीय बाधाओं का बोझ और जिम्मेदारी शहबाज शरीफ के कंधों पर आ गई। राजनीतिक आधार पर शाहबाज शरीफ को इमरान खान से भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इमरान खान द्वारा देश में जल्द चुनाव की मांग की जा रही है। इसके अलावा वे शाहबाज शरीफ गठबंधन सरकार को चोरों की बैंक होने का आरोप लगा रहे हैं।

शहबाज शरीफ को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय सहायता मांगने के लिए भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सहायता के लिए उनकी अपील को भीख और सिफारिश कहा जा रहा है। जबकि पाकिस्तान की राजनीति में शहबाज शरीफ का वर्ष 2022 देश की अर्थव्यवस्था, विनाशकारी बाढ़ और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी इमरान खान के स्ट्रीट पावर शो के संदर्भ में व्यापक रूप से कठिन वित्तीय चुनौतियों से भरा रहा है। शरीफ और उनकी सरकार ने निश्चित रूप से अमेरिका, यूरोप, चीन और यूएई जैसी वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में काम किया है।

पाकिस्तान में आई आपदा ने कम से कम 40 बिलियन डॉलर की संपत्ति को बहा दिया है। इसके साथ देश की अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय उधारदाताओं और वैश्विक समर्थन की मदद के बिना पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है। 2022 अब खत्म होने जा रहा हैं और साल 2023 में शहबाज शरीफ को वित्तीय, राजनीतिक अस्थिरता, शांति और सुरक्षा आधारित टकरावों जैसी चुनौतियों से निपटना होगा ताकि सत्ता में वापस आएं। साल 2022 और 2023 निश्चित रूप से राजनेता के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य लेकर आए हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

इस्लामाबाद, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कई कार्यकालों के दौरान देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपने असाधारण विकास कार्यों के लिए शहबाज स्पीड के रूप में जाना जाता है। लेकिन साल 2022 शहबाज शरीफ के लिए राजनीति में आगे बढ़ने का वर्ष बन गया, जो 2018 के आम चुनावों के दौरान नेशनल असेंबली (एमएनए) के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद, इमरान खान शासन के खिलाफ विपक्षी बेंच के नेता बने।

शहबाज शरीफ राजनीतिक परिवार से आते हैं। इनके बड़े भाई और पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज को कई आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत दिलाई और देश के प्रधानमंत्री बने। नवाज शरीफ के बाद वह सेकंड इन कमांड के रूप में उभरे। कई लोगों का कहना है कि शरीफ राजनीति के पीछे की पावर थे। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें पीएमएल-एन के प्रमुख पद से हटा दिया गया, इसके बाद शहबाज शरीफ ने पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।

विपक्ष के नेता के रूप में संघीय ढांचे में शहबाज शरीफ की एंट्री, संसद में अविश्वास मत के माध्यम से इमरान खान को बाहर करने के बाद सत्ताधारी प्रधानमंत्री पद के मार्ग की दिशा में पहला कदम था। जिसका नेतृत्व फिर से शहबाज शरीफ ने किया और अन्य गठबंधन राजनीतिक दलों के साथ शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया।

कई लोगों के लिए, शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीएम) के एक घटक के रूप में छोटा कार्यकाल माना जाता था। इमरान खान विरोधी 13 पार्टी गठबंधन ने देश में जल्द चुनाव कराने के एजेंडे के साथ सत्ता संभाली थी। इमरान खान की सत्ता से बेदखली के खिलाफ जनता के बीच हुए हंगामे ने शहबाज शरीफ के कार्यकाल को अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने के लिए रास्ता दिया। शहबाज शरीफ का साल 2022 वित्तीय चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन तबाही और इमरान खान की एक चुनौतीपूर्ण राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का मिला-जुला अनुभव रहा है।

पाकिस्तान को रुकी हुई अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएनएफ) की विस्तारित अनुदान सुविधा (ईएफएफ) को पुनर्जीवित करने, जलवायु परिवर्तन आपदा का सामना करने, आकस्मिक बाढ़-विनाश, देश का एक तिहाई हिस्सा डूब जाना, सैकड़ों-हजारों एकड़ कृषि भूमि नष्ट होना और 35 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करना जैसी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से शहबाज शरीफ को प्रबंधन करना पड़ा है।

साल 2022 प्रधानमंत्री के लिए कोई सफलता की स्टोरी नहीं है। क्योंकि इमरान खान की सरकार द्वारा अनदेखी की गई वित्तीय बाधाओं का बोझ और जिम्मेदारी शहबाज शरीफ के कंधों पर आ गई। राजनीतिक आधार पर शाहबाज शरीफ को इमरान खान से भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इमरान खान द्वारा देश में जल्द चुनाव की मांग की जा रही है। इसके अलावा वे शाहबाज शरीफ गठबंधन सरकार को चोरों की बैंक होने का आरोप लगा रहे हैं।

शहबाज शरीफ को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय सहायता मांगने के लिए भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सहायता के लिए उनकी अपील को भीख और सिफारिश कहा जा रहा है। जबकि पाकिस्तान की राजनीति में शहबाज शरीफ का वर्ष 2022 देश की अर्थव्यवस्था, विनाशकारी बाढ़ और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी इमरान खान के स्ट्रीट पावर शो के संदर्भ में व्यापक रूप से कठिन वित्तीय चुनौतियों से भरा रहा है। शरीफ और उनकी सरकार ने निश्चित रूप से अमेरिका, यूरोप, चीन और यूएई जैसी वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में काम किया है।

पाकिस्तान में आई आपदा ने कम से कम 40 बिलियन डॉलर की संपत्ति को बहा दिया है। इसके साथ देश की अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय उधारदाताओं और वैश्विक समर्थन की मदद के बिना पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है। 2022 अब खत्म होने जा रहा हैं और साल 2023 में शहबाज शरीफ को वित्तीय, राजनीतिक अस्थिरता, शांति और सुरक्षा आधारित टकरावों जैसी चुनौतियों से निपटना होगा ताकि सत्ता में वापस आएं। साल 2022 और 2023 निश्चित रूप से राजनेता के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य लेकर आए हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

इस्लामाबाद, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कई कार्यकालों के दौरान देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपने असाधारण विकास कार्यों के लिए शहबाज स्पीड के रूप में जाना जाता है। लेकिन साल 2022 शहबाज शरीफ के लिए राजनीति में आगे बढ़ने का वर्ष बन गया, जो 2018 के आम चुनावों के दौरान नेशनल असेंबली (एमएनए) के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद, इमरान खान शासन के खिलाफ विपक्षी बेंच के नेता बने।

शहबाज शरीफ राजनीतिक परिवार से आते हैं। इनके बड़े भाई और पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज को कई आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत दिलाई और देश के प्रधानमंत्री बने। नवाज शरीफ के बाद वह सेकंड इन कमांड के रूप में उभरे। कई लोगों का कहना है कि शरीफ राजनीति के पीछे की पावर थे। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें पीएमएल-एन के प्रमुख पद से हटा दिया गया, इसके बाद शहबाज शरीफ ने पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।

विपक्ष के नेता के रूप में संघीय ढांचे में शहबाज शरीफ की एंट्री, संसद में अविश्वास मत के माध्यम से इमरान खान को बाहर करने के बाद सत्ताधारी प्रधानमंत्री पद के मार्ग की दिशा में पहला कदम था। जिसका नेतृत्व फिर से शहबाज शरीफ ने किया और अन्य गठबंधन राजनीतिक दलों के साथ शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया।

कई लोगों के लिए, शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीएम) के एक घटक के रूप में छोटा कार्यकाल माना जाता था। इमरान खान विरोधी 13 पार्टी गठबंधन ने देश में जल्द चुनाव कराने के एजेंडे के साथ सत्ता संभाली थी। इमरान खान की सत्ता से बेदखली के खिलाफ जनता के बीच हुए हंगामे ने शहबाज शरीफ के कार्यकाल को अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने के लिए रास्ता दिया। शहबाज शरीफ का साल 2022 वित्तीय चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन तबाही और इमरान खान की एक चुनौतीपूर्ण राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का मिला-जुला अनुभव रहा है।

पाकिस्तान को रुकी हुई अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएनएफ) की विस्तारित अनुदान सुविधा (ईएफएफ) को पुनर्जीवित करने, जलवायु परिवर्तन आपदा का सामना करने, आकस्मिक बाढ़-विनाश, देश का एक तिहाई हिस्सा डूब जाना, सैकड़ों-हजारों एकड़ कृषि भूमि नष्ट होना और 35 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करना जैसी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से शहबाज शरीफ को प्रबंधन करना पड़ा है।

साल 2022 प्रधानमंत्री के लिए कोई सफलता की स्टोरी नहीं है। क्योंकि इमरान खान की सरकार द्वारा अनदेखी की गई वित्तीय बाधाओं का बोझ और जिम्मेदारी शहबाज शरीफ के कंधों पर आ गई। राजनीतिक आधार पर शाहबाज शरीफ को इमरान खान से भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इमरान खान द्वारा देश में जल्द चुनाव की मांग की जा रही है। इसके अलावा वे शाहबाज शरीफ गठबंधन सरकार को चोरों की बैंक होने का आरोप लगा रहे हैं।

शहबाज शरीफ को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय सहायता मांगने के लिए भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सहायता के लिए उनकी अपील को भीख और सिफारिश कहा जा रहा है। जबकि पाकिस्तान की राजनीति में शहबाज शरीफ का वर्ष 2022 देश की अर्थव्यवस्था, विनाशकारी बाढ़ और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी इमरान खान के स्ट्रीट पावर शो के संदर्भ में व्यापक रूप से कठिन वित्तीय चुनौतियों से भरा रहा है। शरीफ और उनकी सरकार ने निश्चित रूप से अमेरिका, यूरोप, चीन और यूएई जैसी वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में काम किया है।

पाकिस्तान में आई आपदा ने कम से कम 40 बिलियन डॉलर की संपत्ति को बहा दिया है। इसके साथ देश की अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय उधारदाताओं और वैश्विक समर्थन की मदद के बिना पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है। 2022 अब खत्म होने जा रहा हैं और साल 2023 में शहबाज शरीफ को वित्तीय, राजनीतिक अस्थिरता, शांति और सुरक्षा आधारित टकरावों जैसी चुनौतियों से निपटना होगा ताकि सत्ता में वापस आएं। साल 2022 और 2023 निश्चित रूप से राजनेता के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य लेकर आए हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

इस्लामाबाद, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कई कार्यकालों के दौरान देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपने असाधारण विकास कार्यों के लिए शहबाज स्पीड के रूप में जाना जाता है। लेकिन साल 2022 शहबाज शरीफ के लिए राजनीति में आगे बढ़ने का वर्ष बन गया, जो 2018 के आम चुनावों के दौरान नेशनल असेंबली (एमएनए) के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद, इमरान खान शासन के खिलाफ विपक्षी बेंच के नेता बने।

शहबाज शरीफ राजनीतिक परिवार से आते हैं। इनके बड़े भाई और पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज को कई आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत दिलाई और देश के प्रधानमंत्री बने। नवाज शरीफ के बाद वह सेकंड इन कमांड के रूप में उभरे। कई लोगों का कहना है कि शरीफ राजनीति के पीछे की पावर थे। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें पीएमएल-एन के प्रमुख पद से हटा दिया गया, इसके बाद शहबाज शरीफ ने पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला।

विपक्ष के नेता के रूप में संघीय ढांचे में शहबाज शरीफ की एंट्री, संसद में अविश्वास मत के माध्यम से इमरान खान को बाहर करने के बाद सत्ताधारी प्रधानमंत्री पद के मार्ग की दिशा में पहला कदम था। जिसका नेतृत्व फिर से शहबाज शरीफ ने किया और अन्य गठबंधन राजनीतिक दलों के साथ शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया।

कई लोगों के लिए, शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीएम) के एक घटक के रूप में छोटा कार्यकाल माना जाता था। इमरान खान विरोधी 13 पार्टी गठबंधन ने देश में जल्द चुनाव कराने के एजेंडे के साथ सत्ता संभाली थी। इमरान खान की सत्ता से बेदखली के खिलाफ जनता के बीच हुए हंगामे ने शहबाज शरीफ के कार्यकाल को अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने के लिए रास्ता दिया। शहबाज शरीफ का साल 2022 वित्तीय चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन तबाही और इमरान खान की एक चुनौतीपूर्ण राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का मिला-जुला अनुभव रहा है।

पाकिस्तान को रुकी हुई अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएनएफ) की विस्तारित अनुदान सुविधा (ईएफएफ) को पुनर्जीवित करने, जलवायु परिवर्तन आपदा का सामना करने, आकस्मिक बाढ़-विनाश, देश का एक तिहाई हिस्सा डूब जाना, सैकड़ों-हजारों एकड़ कृषि भूमि नष्ट होना और 35 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करना जैसी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से शहबाज शरीफ को प्रबंधन करना पड़ा है।

साल 2022 प्रधानमंत्री के लिए कोई सफलता की स्टोरी नहीं है। क्योंकि इमरान खान की सरकार द्वारा अनदेखी की गई वित्तीय बाधाओं का बोझ और जिम्मेदारी शहबाज शरीफ के कंधों पर आ गई। राजनीतिक आधार पर शाहबाज शरीफ को इमरान खान से भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इमरान खान द्वारा देश में जल्द चुनाव की मांग की जा रही है। इसके अलावा वे शाहबाज शरीफ गठबंधन सरकार को चोरों की बैंक होने का आरोप लगा रहे हैं।

शहबाज शरीफ को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय सहायता मांगने के लिए भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सहायता के लिए उनकी अपील को भीख और सिफारिश कहा जा रहा है। जबकि पाकिस्तान की राजनीति में शहबाज शरीफ का वर्ष 2022 देश की अर्थव्यवस्था, विनाशकारी बाढ़ और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी इमरान खान के स्ट्रीट पावर शो के संदर्भ में व्यापक रूप से कठिन वित्तीय चुनौतियों से भरा रहा है। शरीफ और उनकी सरकार ने निश्चित रूप से अमेरिका, यूरोप, चीन और यूएई जैसी वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में काम किया है।

पाकिस्तान में आई आपदा ने कम से कम 40 बिलियन डॉलर की संपत्ति को बहा दिया है। इसके साथ देश की अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय उधारदाताओं और वैश्विक समर्थन की मदद के बिना पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है। 2022 अब खत्म होने जा रहा हैं और साल 2023 में शहबाज शरीफ को वित्तीय, राजनीतिक अस्थिरता, शांति और सुरक्षा आधारित टकरावों जैसी चुनौतियों से निपटना होगा ताकि सत्ता में वापस आएं। साल 2022 और 2023 निश्चित रूप से राजनेता के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य लेकर आए हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

Related Posts

प्रकरण दर्ज, ननि के सहायक आयुक्त के खिलाफ ईओडब्ल्यू में
जबलपुर

प्रकरण दर्ज, ननि के सहायक आयुक्त के खिलाफ ईओडब्ल्यू

May 22, 2025
प्रकरण दर्ज, ननि के सहायक आयुक्त के खिलाफ ईओडब्ल्यू में
जबलपुर

प्रकरण दर्ज, ननि के सहायक आयुक्त के खिलाफ ईओडब्ल्यू में

May 22, 2025
आतंकी नाबालिग के खिलाफ चलेगा व्यस्क की तरफ मुकदमा
जबलपुर

आतंकी नाबालिग के खिलाफ चलेगा व्यस्क की तरफ मुकदमा

May 22, 2025
शानो-शौकत से निकला शाही संदल जुलूस, हिंदू- मुस्लिम एकता का अनूठा संदेश देखने मिला
जबलपुर

शानो-शौकत से निकला शाही संदल जुलूस, हिंदू- मुस्लिम एकता का अनूठा संदेश देखने मिला

May 22, 2025
हजारीबाग में स्कूली बच्चों से भरी पिकअप वैन तालाब में गिरी, 17 घायल, चार गंभीर
जबलपुर

हजारीबाग में स्कूली बच्चों से भरी पिकअप वैन तालाब में गिरी, 17 घायल, चार गंभीर

May 22, 2025
तेज रफ्तार कार पलटी, 3 महिलाओं की मौत, 7 घायल
जबलपुर

तेज रफ्तार कार पलटी, 3 महिलाओं की मौत, 7 घायल

May 22, 2025
Next Post
श्रीलंका के कई हिस्सों में भारी बारिश के आसार

श्रीलंका के कई हिस्सों में भारी बारिश के आसार

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

गैर-प्रदूषणकारी निर्माण गतिविधियों से प्रतिबंध हटाने की मांग

गैर-प्रदूषणकारी निर्माण गतिविधियों से प्रतिबंध हटाने की मांग

January 11, 2023
प्रमोद भगत ने बैडमिंटन पुरुष एकल एसएल3 वर्ग में स्वर्ण जीता

प्रमोद भगत ने बैडमिंटन पुरुष एकल एसएल3 वर्ग में स्वर्ण जीता

October 27, 2023

मप्र में टिकट दावेदारों के लिए मुसीबत बन रहा है ‘सर्वे का फार्मूला’

July 30, 2023
तमिलों के साथ जातीय संकट हल करने के लिए सत्य एवं सुलह समिति बनाएगा श्रीलंका

तमिलों के साथ जातीय संकट हल करने के लिए सत्य एवं सुलह समिति बनाएगा श्रीलंका

May 31, 2023
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

082204
Total views : 5878701
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In