इस्लामाबाद, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान की संघीय सूचना और प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब ने शुक्रवार को मांग की कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बांदियाल को इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि उनकी स्थिति विशेष रूप से पंजाब चुनाव मामले में न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह के नोट के बाद विवादास्पद हो गई है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने शुक्रवार को पहले कहा था कि प्रांतीय विधानसभा चुनावों की घोषणा में देरी पर सुप्रीम कोर्ट के स्वत संज्ञान नोटिस को 4-3 के बहुमत से खारिज कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने कहा कि उन्होंने न्यायमूर्ति शाह और न्यायमूर्ति मंडोखिल के विस्तृत तर्क को पढ़ लिया है और वह उनकी राय से सहमत हैं। उन्होंने पंजाब विधानसभा के लिए मतदान की तारीख की घोषणा के संबंध में स्वत: संज्ञान मामले को खारिज करते हुए 23 पन्नों के एक नोट में कहा कि मैंने न तो खुद को अलग किया था और न ही खुद को अलग करने का कोई कारण था।
मरियम औरंगजेब ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, जस्टिस अतहर मिनुल्लाह ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद अधिकांश न्यायाधीश एक निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। जस्टिस मिनुल्लाह द्वारा आज दिया गया फैसला न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है।
उन्होंने कहा कि सीजेपी का स्वत: संज्ञान नोटिस पहले ही 4-3 मतों से खारिज किया जा चुका है। हालांकि, उन्होंने कहा कि एक याचिका पर तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया गया था जो पहले ही खारिज हो चुकी थी।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, जब कोई याचिका नहीं थी, तो सवाल उठता है कि पीठ का गठन क्यों किया गया और फैसला क्यों किया गया।
मंत्री ने कहा कि बेंच के चार जजों ने फुल कोर्ट बेंच बनाने का आग्रह किया था, राजनीतिक दल भी फुल बेंच गठित करने के पक्ष में थे ताकि लोग इस फैसले को स्वीकार कर सकें।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, राजनीतिक दल चुनाव से नहीं कतराते, लेकिन यह अब सिर्फ चुनावी मुद्दा नहीं रह गया है। यह बेंच फिक्सिंग का मामला बन गया है।
–आईएएनएस
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