जबलपुर. हाईकोर्ट ने राज्य शासन को निर्देशित किया है कि शासकीय कार्यक्रमों व रैलियों के लिए अधिग्रहित की गई बसों के किराए का भुगतान करें. जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने मामले में कहा है कि यदि संपूर्ण भुगतान नहीं किया गया है तो सैंक्शन आर्डर की तारीख से छह प्रतिशत ब्याज भी देना होगा. न्यायालय ने इसके लिए दो माह की मोहलत दी है.
याचिकाकर्ता आईएसबीटी बस आपरेटर एसोसिएशन जबलपुर के अध्यक्ष कमल किशोर तिवारी की ओर से अधिवक्ता बृजेश दुबे ने पक्ष रखा. जिन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश शासन के विभिन्न विभागों द्वारा विगत दो-तीन वर्षों में अनेक शासकीय कार्यक्रम व रैली आयोजित की. इसके लिए जबलपुर जिले के बस संचालकों की बसों का अधिग्रहण किया गया, इनका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है.
यह राशि करोड़ों रुपये की है. एसोसिएशन द्वारा आरटीओ जबलपुर व सभी विभागों को भुगतान के लिए पत्र लिखे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. यह भी बताया गया कि आरटीओ जबलपुर के माध्यम से बसों का अधिग्रहण किया गया था और संचालकों ने पूरा सहयोग भी किया था. आरटीओ ने भी इस संदर्भ में समस्त विभागों को लिखा था कि भुगतान शीघ्र किया जाये. न्यायालय के समक्ष कई विभागों के सेंक्शन आर्डर की प्रति भी पेश की गई. सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये.