लखनऊ, 5 जनवरी (आईएएनएस)। लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) के छात्र अब कक्षा में शिक्षकों के कौशल, नियमितता और समय की पाबंदी के बारे में फीडबैक देंगे। एलयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कहा, यह एक मजबूत प्रणाली होगी, जिसमें छात्रों की पहचान सुरक्षित रहेगी। वर्तमान समय में कक्षा में शिक्षकों का प्रदर्शन मापने के लिए कोई प्रणाली नहीं है। नई प्रणाली यह पता लगाने में मदद करेगी कि छात्र अपने शिक्षकों के बारे में क्या महसूस करते हैं।
उन्होंने विभिन्न संकायों के सभी डीन से अपने संकाय के विभिन्न विभागों में शैक्षणिक गतिविधियों की निगरानी करने का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें प्रत्येक विभाग में एक उचित समय-सारणी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी डीन को अपने संकाय के विभिन्न विभागों के शोधार्थियों के साथ बातचीत करने के लिए रोजाना एक घंटे का समय देना चाहिए।
प्रोफेसर राय ने विभागाध्यक्षों को विभागीय समय सारिणी संबंधित डीन के साथ उचित क्रेडिट के साथ साझा करने और प्रत्येक संकाय सदस्य के शिक्षण भार का उल्लेख करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि विभागाध्यक्ष साफ-सफाई सुनिश्चित करें और पूर्व छात्र प्रकोष्ठ को सक्रिय करने पर ध्यान दें।
प्रोफेसर राय ने निदेशक, संस्कृति और लखनऊ विश्वविद्यालय एथलेटिक एसोसिएशन के अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वे इंटर कॉलेजिएट कल्चरल फेस्ट और इंटर कॉलेजिएट स्पोर्ट्स आयोजित करें, जिसमें विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों के छात्र भाग ले सकें।
इस बीच लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र जल्द ही अयोध्या में भीड़ प्रबंधन के लिए काम करते नजर आएंगे। वहां कार्यरत एजेंसियों के माध्यम से छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
गौरतलब है कि भारत सरकार के उद्यम रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (आरआईटीईएस) को अयोध्या में भीड़ प्रबंधन पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है, जिसे राज्य सरकार द्वारा मंदिरों के शहर में लागू किया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस अध्ययन के लिए राइट्स को अनुबंधित किया है।
–आईएएनएस
सीबीटी