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शिक्षक घोटाला : ईडी ने कोर्ट से कहा, गिरफ्तार प्रमोटर ने प्रभावशाली व्यक्ति को भेजे 26 करोड़

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April 1, 2023
in राष्ट्रीय
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शिक्षक घोटाला : ईडी ने कोर्ट से कहा, गिरफ्तार प्रमोटर ने प्रभावशाली व्यक्ति को भेजे 26 करोड़
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कोलकाता, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक वकील ने शनिवार को यहां की एक विशेष अदालत को बताया कि रियल एस्टेट प्रमोटर अयान सिल को पश्चिम बंगाल में टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की भर्ती में करोड़ों रुपये के घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। उसने एक एजेंट के जरिए एक अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति को 26 करोड़ रुपये की मोटी रकम हस्तांतरित की थी।

ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने अदालत को बताया कि सिल ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा पूछताछ के दौरान घोटाले की कार्यवाही को स्थानांतरित करने की बात कबूल की है।

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उन्होंने यह भी कहा कि जांच अधिकारियों को संदेह है कि यह फंड ट्रांसफर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के लिए किया गया था।

एडुल्जी ने कहा, अब तक की जांच से पता चला है कि सिल ने शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों के लिए भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले लगभग 1,000 उम्मीदवारों से लगभग 45 करोड़ रुपये एकत्र किए, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा उनके नाम पर 30 बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

उन्होंने अदालत में कहा, जांच अधिकारियों को अब तक उनके 40 बैंक खातों, आठ आवासीय अपार्टमेंट, पांच प्रीमियम वाहनों, एक पेट्रोल पंप और एक होटल के बारे में जानकारी मिली है। ये सभी घोटाले की कमाई के परिणाम थे।

एडुल्जी ने यह भी दावा किया कि ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट में छेड़छाड़ के लिए सिल सीधे तौर पर जिम्मेदार था, जिसके माध्यम से वास्तव में उच्च अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जहां उनके द्वारा ओएमआर शीट में सही विकल्प अंक को गलत विकल्प चिह्न् में बदल दिया गया था।

सिल के वकील ने अपने मुवक्किल की ओर से जमानत याचिका दायर की और कहा कि उन्हें किसी भी हालत में जमानत पर रिहा किया जाए। हालांकि, अदालत ने आवेदन खारिज कर दिया और आरोपी को 11 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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कोलकाता, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक वकील ने शनिवार को यहां की एक विशेष अदालत को बताया कि रियल एस्टेट प्रमोटर अयान सिल को पश्चिम बंगाल में टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की भर्ती में करोड़ों रुपये के घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। उसने एक एजेंट के जरिए एक अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति को 26 करोड़ रुपये की मोटी रकम हस्तांतरित की थी।

ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने अदालत को बताया कि सिल ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा पूछताछ के दौरान घोटाले की कार्यवाही को स्थानांतरित करने की बात कबूल की है।

उन्होंने यह भी कहा कि जांच अधिकारियों को संदेह है कि यह फंड ट्रांसफर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के लिए किया गया था।

एडुल्जी ने कहा, अब तक की जांच से पता चला है कि सिल ने शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों के लिए भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले लगभग 1,000 उम्मीदवारों से लगभग 45 करोड़ रुपये एकत्र किए, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा उनके नाम पर 30 बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

उन्होंने अदालत में कहा, जांच अधिकारियों को अब तक उनके 40 बैंक खातों, आठ आवासीय अपार्टमेंट, पांच प्रीमियम वाहनों, एक पेट्रोल पंप और एक होटल के बारे में जानकारी मिली है। ये सभी घोटाले की कमाई के परिणाम थे।

एडुल्जी ने यह भी दावा किया कि ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट में छेड़छाड़ के लिए सिल सीधे तौर पर जिम्मेदार था, जिसके माध्यम से वास्तव में उच्च अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जहां उनके द्वारा ओएमआर शीट में सही विकल्प अंक को गलत विकल्प चिह्न् में बदल दिया गया था।

सिल के वकील ने अपने मुवक्किल की ओर से जमानत याचिका दायर की और कहा कि उन्हें किसी भी हालत में जमानत पर रिहा किया जाए। हालांकि, अदालत ने आवेदन खारिज कर दिया और आरोपी को 11 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक वकील ने शनिवार को यहां की एक विशेष अदालत को बताया कि रियल एस्टेट प्रमोटर अयान सिल को पश्चिम बंगाल में टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की भर्ती में करोड़ों रुपये के घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। उसने एक एजेंट के जरिए एक अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति को 26 करोड़ रुपये की मोटी रकम हस्तांतरित की थी।

ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने अदालत को बताया कि सिल ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा पूछताछ के दौरान घोटाले की कार्यवाही को स्थानांतरित करने की बात कबूल की है।

उन्होंने यह भी कहा कि जांच अधिकारियों को संदेह है कि यह फंड ट्रांसफर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के लिए किया गया था।

एडुल्जी ने कहा, अब तक की जांच से पता चला है कि सिल ने शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों के लिए भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले लगभग 1,000 उम्मीदवारों से लगभग 45 करोड़ रुपये एकत्र किए, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा उनके नाम पर 30 बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

उन्होंने अदालत में कहा, जांच अधिकारियों को अब तक उनके 40 बैंक खातों, आठ आवासीय अपार्टमेंट, पांच प्रीमियम वाहनों, एक पेट्रोल पंप और एक होटल के बारे में जानकारी मिली है। ये सभी घोटाले की कमाई के परिणाम थे।

एडुल्जी ने यह भी दावा किया कि ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट में छेड़छाड़ के लिए सिल सीधे तौर पर जिम्मेदार था, जिसके माध्यम से वास्तव में उच्च अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जहां उनके द्वारा ओएमआर शीट में सही विकल्प अंक को गलत विकल्प चिह्न् में बदल दिया गया था।

सिल के वकील ने अपने मुवक्किल की ओर से जमानत याचिका दायर की और कहा कि उन्हें किसी भी हालत में जमानत पर रिहा किया जाए। हालांकि, अदालत ने आवेदन खारिज कर दिया और आरोपी को 11 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

–आईएएनएस

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ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने अदालत को बताया कि सिल ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा पूछताछ के दौरान घोटाले की कार्यवाही को स्थानांतरित करने की बात कबूल की है।

उन्होंने यह भी कहा कि जांच अधिकारियों को संदेह है कि यह फंड ट्रांसफर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के लिए किया गया था।

एडुल्जी ने कहा, अब तक की जांच से पता चला है कि सिल ने शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों के लिए भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले लगभग 1,000 उम्मीदवारों से लगभग 45 करोड़ रुपये एकत्र किए, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा उनके नाम पर 30 बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

उन्होंने अदालत में कहा, जांच अधिकारियों को अब तक उनके 40 बैंक खातों, आठ आवासीय अपार्टमेंट, पांच प्रीमियम वाहनों, एक पेट्रोल पंप और एक होटल के बारे में जानकारी मिली है। ये सभी घोटाले की कमाई के परिणाम थे।

एडुल्जी ने यह भी दावा किया कि ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट में छेड़छाड़ के लिए सिल सीधे तौर पर जिम्मेदार था, जिसके माध्यम से वास्तव में उच्च अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जहां उनके द्वारा ओएमआर शीट में सही विकल्प अंक को गलत विकल्प चिह्न् में बदल दिया गया था।

सिल के वकील ने अपने मुवक्किल की ओर से जमानत याचिका दायर की और कहा कि उन्हें किसी भी हालत में जमानत पर रिहा किया जाए। हालांकि, अदालत ने आवेदन खारिज कर दिया और आरोपी को 11 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने अदालत को बताया कि सिल ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा पूछताछ के दौरान घोटाले की कार्यवाही को स्थानांतरित करने की बात कबूल की है।

उन्होंने यह भी कहा कि जांच अधिकारियों को संदेह है कि यह फंड ट्रांसफर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के लिए किया गया था।

एडुल्जी ने कहा, अब तक की जांच से पता चला है कि सिल ने शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों के लिए भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले लगभग 1,000 उम्मीदवारों से लगभग 45 करोड़ रुपये एकत्र किए, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा उनके नाम पर 30 बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

उन्होंने अदालत में कहा, जांच अधिकारियों को अब तक उनके 40 बैंक खातों, आठ आवासीय अपार्टमेंट, पांच प्रीमियम वाहनों, एक पेट्रोल पंप और एक होटल के बारे में जानकारी मिली है। ये सभी घोटाले की कमाई के परिणाम थे।

एडुल्जी ने यह भी दावा किया कि ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट में छेड़छाड़ के लिए सिल सीधे तौर पर जिम्मेदार था, जिसके माध्यम से वास्तव में उच्च अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जहां उनके द्वारा ओएमआर शीट में सही विकल्प अंक को गलत विकल्प चिह्न् में बदल दिया गया था।

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उन्होंने अदालत में कहा, जांच अधिकारियों को अब तक उनके 40 बैंक खातों, आठ आवासीय अपार्टमेंट, पांच प्रीमियम वाहनों, एक पेट्रोल पंप और एक होटल के बारे में जानकारी मिली है। ये सभी घोटाले की कमाई के परिणाम थे।

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सिल के वकील ने अपने मुवक्किल की ओर से जमानत याचिका दायर की और कहा कि उन्हें किसी भी हालत में जमानत पर रिहा किया जाए। हालांकि, अदालत ने आवेदन खारिज कर दिया और आरोपी को 11 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने अदालत को बताया कि सिल ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा पूछताछ के दौरान घोटाले की कार्यवाही को स्थानांतरित करने की बात कबूल की है।

उन्होंने यह भी कहा कि जांच अधिकारियों को संदेह है कि यह फंड ट्रांसफर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के लिए किया गया था।

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एडुल्जी ने कहा, अब तक की जांच से पता चला है कि सिल ने शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों के लिए भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले लगभग 1,000 उम्मीदवारों से लगभग 45 करोड़ रुपये एकत्र किए, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा उनके नाम पर 30 बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

उन्होंने अदालत में कहा, जांच अधिकारियों को अब तक उनके 40 बैंक खातों, आठ आवासीय अपार्टमेंट, पांच प्रीमियम वाहनों, एक पेट्रोल पंप और एक होटल के बारे में जानकारी मिली है। ये सभी घोटाले की कमाई के परिणाम थे।

एडुल्जी ने यह भी दावा किया कि ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट में छेड़छाड़ के लिए सिल सीधे तौर पर जिम्मेदार था, जिसके माध्यम से वास्तव में उच्च अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जहां उनके द्वारा ओएमआर शीट में सही विकल्प अंक को गलत विकल्प चिह्न् में बदल दिया गया था।

सिल के वकील ने अपने मुवक्किल की ओर से जमानत याचिका दायर की और कहा कि उन्हें किसी भी हालत में जमानत पर रिहा किया जाए। हालांकि, अदालत ने आवेदन खारिज कर दिया और आरोपी को 11 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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