कोलकाता, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित युवा नेता कुंतल घोष पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए न्यायिक हिरासत में हैं। घोष ने कोलकाता की एक विशेष अदालत के न्यायाधीश को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियां टीएमसी नेताओं का नाम लेने के लिए दबाव बना रही हैं।
घोष ने उसी अदालत के परिसर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए पत्र के बारे में पुष्टि की है, जहां उन्हें गुरुवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए लाया गया था।
घोष ने कहा कि मैंने न्यायाधीश को अपनी उन शिकायतों के बारे में लिखा है जो मैंने पहले की थीं। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का नाम लेने के लिए केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा मुझ पर बहुत दबाव है।
मीडिया के सवालों के जवाब में घोष ने यह भी दावा किया कि उन पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी का नाम लेने का दबाव है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब घोष ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों पर इस तरह का आरोप लगाया है। यही आरोप उन्होंने 30 मार्च को इसी अदालत परिसर में लगाए थे। उस दिन भी उन्होंने कहा था कि अभिषेक बनर्जी का नाम लेने का दवाब बनाया जा रहा है।
संयोग से, पिछले महीने, युवाओं और तृणमूल कांग्रेस के छात्रसंघों की एक रैली को संबोधित करते हुए, अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि शारदा चिटफंड घोटाले की जांच के दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने मदन मित्रा और कुणाल घोष जैसे पार्टी नेताओं पर उनका नाम लेने के लिए दबाव डाला था।
अब 24 घंटे से भी कम समय के बाद कुंतल घोष द्वारा कुछ इसी तरह के आरोप ने पूरे परि²श्य में एक नया आयाम जोड़ दिया है। इसके ठीक एक दिन बाद कुंतल घोष ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों पर यह आरोप लगाया है, जिसकी जानकारी उन्होंने अब कोर्ट के जज को एक पत्र के जरिए दी है।
–आईएएनएस
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