कोलकाता, 22 फरवरी (आईएएनएस)। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने बुधवार शाम को तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य की पत्नी और बेटे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
इसने माणिक की पत्नी, सतरूपा भट्टाचार्य और बेटे सौविक भट्टाचार्य को 6 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
ईडी द्वारा हाल ही में अदालत में पेश की गई पूरक चार्जशीट में इन दोनों को घोटाले में आरोपी के रूप में नामित किया गया था। दोनों बुधवार को अदालत में पेश हुए और अग्रिम जमानत याचिका दायर की, जिसे मामले में लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने खारिज कर दिया।
भट्टाचार्य के वकील ने जमानत याचिका दायर करते हुए तर्क दिया कि उनके मुवक्किल स्वेच्छा से अदालत में पेश हुए और जांच में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं और इसलिए उन्हें किसी भी हालत में अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए।
ईडी के वकील ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया और अदालत में दावा किया कि माणिक भट्टाचार्य की पत्नी को घोटाले में अपने पति की संलिप्तता के बारे में पूरी जानकारी थी और वह भी इस प्रक्रिया में भागीदार थी।
इस मामले पर वकील ने उसके द्वारा एक मृत व्यक्ति के साथ रखे गए एक संयुक्त खाते का भी उल्लेख किया और कहा कि जांच अधिकारी को संदेह है कि इस खाते का इस्तेमाल घोटाले की आय के डायवर्जन के लिए किया जा सकता है।
–आईएएनएस
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