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Home ताज़ा समाचार

शिक्षक भर्ती मामले पर मायावती ने कहा, सरकार अपना ईमानदार रूख अपनाए

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September 10, 2024
in ताज़ा समाचार
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लखनऊ, 10 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इसे लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने कहा कि सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाए।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “यूपी शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। साथ ही, सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी नाइंसाफी न हो।”

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बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण के प्रावधान के मुताबिक मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद से राज्य में इस फैसले का फायदा और नुकसान उठाने वाले लोग आंदोलन कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कुछ कैंडिडेट सुप्रीम कोर्ट गए थे, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट अब 25 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में आरक्षण की अनदेखी के आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती-2019 में चयनित 69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का निर्देश दिया था।

सरकार व अन्य संबंधितों को आदेश दिया गया कि तीन माह में नई सूची जारी कर दी जाए। हाईकोर्ट ने कहा नई चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो।

–आईएएनएस

विकेटी/एफजेड

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लखनऊ, 10 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इसे लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने कहा कि सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाए।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “यूपी शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। साथ ही, सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी नाइंसाफी न हो।”

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण के प्रावधान के मुताबिक मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद से राज्य में इस फैसले का फायदा और नुकसान उठाने वाले लोग आंदोलन कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कुछ कैंडिडेट सुप्रीम कोर्ट गए थे, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट अब 25 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में आरक्षण की अनदेखी के आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती-2019 में चयनित 69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का निर्देश दिया था।

सरकार व अन्य संबंधितों को आदेश दिया गया कि तीन माह में नई सूची जारी कर दी जाए। हाईकोर्ट ने कहा नई चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 10 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इसे लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने कहा कि सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाए।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “यूपी शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। साथ ही, सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी नाइंसाफी न हो।”

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण के प्रावधान के मुताबिक मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद से राज्य में इस फैसले का फायदा और नुकसान उठाने वाले लोग आंदोलन कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कुछ कैंडिडेट सुप्रीम कोर्ट गए थे, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट अब 25 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में आरक्षण की अनदेखी के आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती-2019 में चयनित 69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का निर्देश दिया था।

सरकार व अन्य संबंधितों को आदेश दिया गया कि तीन माह में नई सूची जारी कर दी जाए। हाईकोर्ट ने कहा नई चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो।

–आईएएनएस

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “यूपी शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। साथ ही, सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी नाइंसाफी न हो।”

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण के प्रावधान के मुताबिक मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद से राज्य में इस फैसले का फायदा और नुकसान उठाने वाले लोग आंदोलन कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कुछ कैंडिडेट सुप्रीम कोर्ट गए थे, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट अब 25 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में आरक्षण की अनदेखी के आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती-2019 में चयनित 69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का निर्देश दिया था।

सरकार व अन्य संबंधितों को आदेश दिया गया कि तीन माह में नई सूची जारी कर दी जाए। हाईकोर्ट ने कहा नई चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो।

–आईएएनएस

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “यूपी शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। साथ ही, सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी नाइंसाफी न हो।”

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण के प्रावधान के मुताबिक मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद से राज्य में इस फैसले का फायदा और नुकसान उठाने वाले लोग आंदोलन कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कुछ कैंडिडेट सुप्रीम कोर्ट गए थे, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट अब 25 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में आरक्षण की अनदेखी के आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती-2019 में चयनित 69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का निर्देश दिया था।

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बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण के प्रावधान के मुताबिक मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद से राज्य में इस फैसले का फायदा और नुकसान उठाने वाले लोग आंदोलन कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कुछ कैंडिडेट सुप्रीम कोर्ट गए थे, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट अब 25 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में आरक्षण की अनदेखी के आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती-2019 में चयनित 69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का निर्देश दिया था।

सरकार व अन्य संबंधितों को आदेश दिया गया कि तीन माह में नई सूची जारी कर दी जाए। हाईकोर्ट ने कहा नई चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो।

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “यूपी शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। साथ ही, सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी नाइंसाफी न हो।”

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण के प्रावधान के मुताबिक मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद से राज्य में इस फैसले का फायदा और नुकसान उठाने वाले लोग आंदोलन कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कुछ कैंडिडेट सुप्रीम कोर्ट गए थे, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट अब 25 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।

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बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण के प्रावधान के मुताबिक मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद से राज्य में इस फैसले का फायदा और नुकसान उठाने वाले लोग आंदोलन कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कुछ कैंडिडेट सुप्रीम कोर्ट गए थे, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट अब 25 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।

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