नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। देश के विख्यात शिक्षाविद इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है। इस मुद्दे को कैसे भारत को चर्चा की टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए। शिक्षाविदों की यह चर्चा इंडिया अरब कल्चरल सेंटर (आईएसीसी), जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित की गई। दरअसल जामिया मिलिया इस्लामिया में मंगलवार को जी20 एंड इंडिया प्रेसीडेंसी, लुकिंग अहेड शीर्षक पर जी20 व्याख्यान श्रृंखला का दूसरा व्याख्यान आयोजित किया गया।
विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच जामिया के प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने उन संभावनाओं और कठिनाइयों के बारे में विस्तृत रूप से बात की जिनका भारत इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने पेरिस प्रोटोकॉल के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है और कैसे भारत को इसे टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए।
उन्होंने उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें भारत आगामी प्रशासन में अपनाने की संभावना है, जैसे कि डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक आपदा जोखिम प्रबंधन तंत्र, हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, संसाधन दक्षता, और सबसे महत्वपूर्ण विकास और विस्तार कार्यक्षेत्र कृषि- उद्देश्यों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
–आईएएनएस
जीसीबी/एएनएम
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नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। देश के विख्यात शिक्षाविद इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है। इस मुद्दे को कैसे भारत को चर्चा की टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए। शिक्षाविदों की यह चर्चा इंडिया अरब कल्चरल सेंटर (आईएसीसी), जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित की गई। दरअसल जामिया मिलिया इस्लामिया में मंगलवार को जी20 एंड इंडिया प्रेसीडेंसी, लुकिंग अहेड शीर्षक पर जी20 व्याख्यान श्रृंखला का दूसरा व्याख्यान आयोजित किया गया।
विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच जामिया के प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने उन संभावनाओं और कठिनाइयों के बारे में विस्तृत रूप से बात की जिनका भारत इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने पेरिस प्रोटोकॉल के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है और कैसे भारत को इसे टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए।
उन्होंने उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें भारत आगामी प्रशासन में अपनाने की संभावना है, जैसे कि डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक आपदा जोखिम प्रबंधन तंत्र, हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, संसाधन दक्षता, और सबसे महत्वपूर्ण विकास और विस्तार कार्यक्षेत्र कृषि- उद्देश्यों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। देश के विख्यात शिक्षाविद इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है। इस मुद्दे को कैसे भारत को चर्चा की टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए। शिक्षाविदों की यह चर्चा इंडिया अरब कल्चरल सेंटर (आईएसीसी), जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित की गई। दरअसल जामिया मिलिया इस्लामिया में मंगलवार को जी20 एंड इंडिया प्रेसीडेंसी, लुकिंग अहेड शीर्षक पर जी20 व्याख्यान श्रृंखला का दूसरा व्याख्यान आयोजित किया गया।
विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच जामिया के प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने उन संभावनाओं और कठिनाइयों के बारे में विस्तृत रूप से बात की जिनका भारत इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने पेरिस प्रोटोकॉल के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है और कैसे भारत को इसे टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए।
उन्होंने उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें भारत आगामी प्रशासन में अपनाने की संभावना है, जैसे कि डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक आपदा जोखिम प्रबंधन तंत्र, हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, संसाधन दक्षता, और सबसे महत्वपूर्ण विकास और विस्तार कार्यक्षेत्र कृषि- उद्देश्यों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। देश के विख्यात शिक्षाविद इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है। इस मुद्दे को कैसे भारत को चर्चा की टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए। शिक्षाविदों की यह चर्चा इंडिया अरब कल्चरल सेंटर (आईएसीसी), जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित की गई। दरअसल जामिया मिलिया इस्लामिया में मंगलवार को जी20 एंड इंडिया प्रेसीडेंसी, लुकिंग अहेड शीर्षक पर जी20 व्याख्यान श्रृंखला का दूसरा व्याख्यान आयोजित किया गया।
विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच जामिया के प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने उन संभावनाओं और कठिनाइयों के बारे में विस्तृत रूप से बात की जिनका भारत इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने पेरिस प्रोटोकॉल के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है और कैसे भारत को इसे टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए।
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भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच जामिया के प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने उन संभावनाओं और कठिनाइयों के बारे में विस्तृत रूप से बात की जिनका भारत इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने पेरिस प्रोटोकॉल के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है और कैसे भारत को इसे टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए।
उन्होंने उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें भारत आगामी प्रशासन में अपनाने की संभावना है, जैसे कि डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक आपदा जोखिम प्रबंधन तंत्र, हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, संसाधन दक्षता, और सबसे महत्वपूर्ण विकास और विस्तार कार्यक्षेत्र कृषि- उद्देश्यों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
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भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
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गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच जामिया के प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने उन संभावनाओं और कठिनाइयों के बारे में विस्तृत रूप से बात की जिनका भारत इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने पेरिस प्रोटोकॉल के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है और कैसे भारत को इसे टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए।
उन्होंने उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें भारत आगामी प्रशासन में अपनाने की संभावना है, जैसे कि डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक आपदा जोखिम प्रबंधन तंत्र, हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, संसाधन दक्षता, और सबसे महत्वपूर्ण विकास और विस्तार कार्यक्षेत्र कृषि- उद्देश्यों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
–आईएएनएस
जीसीबी/एएनएम
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नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। देश के विख्यात शिक्षाविद इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है। इस मुद्दे को कैसे भारत को चर्चा की टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए। शिक्षाविदों की यह चर्चा इंडिया अरब कल्चरल सेंटर (आईएसीसी), जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित की गई। दरअसल जामिया मिलिया इस्लामिया में मंगलवार को जी20 एंड इंडिया प्रेसीडेंसी, लुकिंग अहेड शीर्षक पर जी20 व्याख्यान श्रृंखला का दूसरा व्याख्यान आयोजित किया गया।
विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच जामिया के प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने उन संभावनाओं और कठिनाइयों के बारे में विस्तृत रूप से बात की जिनका भारत इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने पेरिस प्रोटोकॉल के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है और कैसे भारत को इसे टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए।
उन्होंने उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें भारत आगामी प्रशासन में अपनाने की संभावना है, जैसे कि डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक आपदा जोखिम प्रबंधन तंत्र, हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, संसाधन दक्षता, और सबसे महत्वपूर्ण विकास और विस्तार कार्यक्षेत्र कृषि- उद्देश्यों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। देश के विख्यात शिक्षाविद इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है। इस मुद्दे को कैसे भारत को चर्चा की टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए। शिक्षाविदों की यह चर्चा इंडिया अरब कल्चरल सेंटर (आईएसीसी), जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित की गई। दरअसल जामिया मिलिया इस्लामिया में मंगलवार को जी20 एंड इंडिया प्रेसीडेंसी, लुकिंग अहेड शीर्षक पर जी20 व्याख्यान श्रृंखला का दूसरा व्याख्यान आयोजित किया गया।
विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच जामिया के प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने उन संभावनाओं और कठिनाइयों के बारे में विस्तृत रूप से बात की जिनका भारत इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने पेरिस प्रोटोकॉल के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है और कैसे भारत को इसे टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए।
उन्होंने उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें भारत आगामी प्रशासन में अपनाने की संभावना है, जैसे कि डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक आपदा जोखिम प्रबंधन तंत्र, हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, संसाधन दक्षता, और सबसे महत्वपूर्ण विकास और विस्तार कार्यक्षेत्र कृषि- उद्देश्यों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। देश के विख्यात शिक्षाविद इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है। इस मुद्दे को कैसे भारत को चर्चा की टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए। शिक्षाविदों की यह चर्चा इंडिया अरब कल्चरल सेंटर (आईएसीसी), जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित की गई। दरअसल जामिया मिलिया इस्लामिया में मंगलवार को जी20 एंड इंडिया प्रेसीडेंसी, लुकिंग अहेड शीर्षक पर जी20 व्याख्यान श्रृंखला का दूसरा व्याख्यान आयोजित किया गया।
विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच जामिया के प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने उन संभावनाओं और कठिनाइयों के बारे में विस्तृत रूप से बात की जिनका भारत इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने पेरिस प्रोटोकॉल के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है और कैसे भारत को इसे टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए।
उन्होंने उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें भारत आगामी प्रशासन में अपनाने की संभावना है, जैसे कि डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक आपदा जोखिम प्रबंधन तंत्र, हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, संसाधन दक्षता, और सबसे महत्वपूर्ण विकास और विस्तार कार्यक्षेत्र कृषि- उद्देश्यों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। देश के विख्यात शिक्षाविद इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है। इस मुद्दे को कैसे भारत को चर्चा की टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए। शिक्षाविदों की यह चर्चा इंडिया अरब कल्चरल सेंटर (आईएसीसी), जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित की गई। दरअसल जामिया मिलिया इस्लामिया में मंगलवार को जी20 एंड इंडिया प्रेसीडेंसी, लुकिंग अहेड शीर्षक पर जी20 व्याख्यान श्रृंखला का दूसरा व्याख्यान आयोजित किया गया।
विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच जामिया के प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने उन संभावनाओं और कठिनाइयों के बारे में विस्तृत रूप से बात की जिनका भारत इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने पेरिस प्रोटोकॉल के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है और कैसे भारत को इसे टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए।
उन्होंने उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें भारत आगामी प्रशासन में अपनाने की संभावना है, जैसे कि डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक आपदा जोखिम प्रबंधन तंत्र, हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, संसाधन दक्षता, और सबसे महत्वपूर्ण विकास और विस्तार कार्यक्षेत्र कृषि- उद्देश्यों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। देश के विख्यात शिक्षाविद इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है। इस मुद्दे को कैसे भारत को चर्चा की टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए। शिक्षाविदों की यह चर्चा इंडिया अरब कल्चरल सेंटर (आईएसीसी), जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित की गई। दरअसल जामिया मिलिया इस्लामिया में मंगलवार को जी20 एंड इंडिया प्रेसीडेंसी, लुकिंग अहेड शीर्षक पर जी20 व्याख्यान श्रृंखला का दूसरा व्याख्यान आयोजित किया गया।
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भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।
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विभिन्न विभागाध्यक्षों के बीच जामिया के प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने उन संभावनाओं और कठिनाइयों के बारे में विस्तृत रूप से बात की जिनका भारत इस वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने पेरिस प्रोटोकॉल के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि चीन दुनिया के सामने क्या चुनौती पेश कर रहा है और कैसे भारत को इसे टेबल पर लाना चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए।
उन्होंने उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें भारत आगामी प्रशासन में अपनाने की संभावना है, जैसे कि डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक आपदा जोखिम प्रबंधन तंत्र, हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, संसाधन दक्षता, और सबसे महत्वपूर्ण विकास और विस्तार कार्यक्षेत्र कृषि- उद्देश्यों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। जी 20 भारत को दुनिया को न केवल विश्व गुरु के रूप में उभरने की अपनी क्षमता दिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि यह भी बताने का अवसर है कि विश्व गुरु बनने के बाद वह क्या करने में सक्षम है।
प्रो अरविंद ने कहा कि पश्चिमी दुनिया अब वैश्विक एजेंडा तय करने की प्रभारी नहीं है, और विकसित देश सतत विकास और विकास पर उनके साथ काम करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
गौरतलब है कि जामिया शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों, आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा (2022-2023) भी प्रदान की गई है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है। चयनित छात्रों को प्रतिमाह रुपये 20,000 का वजीफा दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगा।