नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)। स्कूल शिक्षा और साक्षरता सचिव संजय कुमार ने शनिवार को कहा कि शिक्षा पर और अधिक निवेश की जरूरत है। सचिव संजय कुमार ने कहा कि एनईपी 2020 (नई शिक्षा नीति) की परिकल्पना है, हमें शिक्षा पर अपने जीडीपी का कम से कम 6 प्रतिशत खर्च करना चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह जरूरी है कि जब अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, हमें शिक्षा पर अधिक निवेश करने की जरूरत है। उन्होंने एजुकेशन सिस्टम में टेक्नोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज हम एक नए मोड़ पर हैं। हम पुस्तक आधारित एजुकेशन सिस्टम से दूर होते जा रहे हैं और टेक्नोलॉजी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
पुस्तक आधारित एजुकेशन सिस्टम को फिर से हासिल करने की जरूरत है और उद्योग, शिक्षा जगत को इसके लिए काम करना चाहिए। रिबूट करने से पहले आइए हम अपने सिस्टम की फिर से कल्पना करें। सचिव ने जिक्र किया कि भारत में कक्षा 1 से 12 तक के लगभग 260 मिलियन छात्र हैं, जो 1.05 मिलियन सरकारी स्कूलों समेत 1.48 मिलियन स्कूलों में जा रहे हैं।
करीब 96 लाख शिक्षक इन स्कूलों का हिस्सा हैं, इसलिए उनके प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। यह वह समय है जब हमें नई शिक्षा नीति को देखना और उसका लाभ उठाना शुरू करना चाहिए। सचिव ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 समाज के डीएनए को व्यवस्थित करता है। इसके अलावा शिक्षा के चारों ओर एक समाज को कैसे विकसित और निर्माण करना है, इसकी परिकल्पना करता है।
एनईपी ने साक्षरता और ज्ञान पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया है और एनईपी नीति 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों को देखती है। उन्होंने कहा है कि फिक्की को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन ढांचे को विकसित करने की दिशा में काम करने में सरकार के साथ सहयोग करने में खुशी होगी
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)। स्कूल शिक्षा और साक्षरता सचिव संजय कुमार ने शनिवार को कहा कि शिक्षा पर और अधिक निवेश की जरूरत है। सचिव संजय कुमार ने कहा कि एनईपी 2020 (नई शिक्षा नीति) की परिकल्पना है, हमें शिक्षा पर अपने जीडीपी का कम से कम 6 प्रतिशत खर्च करना चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह जरूरी है कि जब अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, हमें शिक्षा पर अधिक निवेश करने की जरूरत है। उन्होंने एजुकेशन सिस्टम में टेक्नोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज हम एक नए मोड़ पर हैं। हम पुस्तक आधारित एजुकेशन सिस्टम से दूर होते जा रहे हैं और टेक्नोलॉजी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
पुस्तक आधारित एजुकेशन सिस्टम को फिर से हासिल करने की जरूरत है और उद्योग, शिक्षा जगत को इसके लिए काम करना चाहिए। रिबूट करने से पहले आइए हम अपने सिस्टम की फिर से कल्पना करें। सचिव ने जिक्र किया कि भारत में कक्षा 1 से 12 तक के लगभग 260 मिलियन छात्र हैं, जो 1.05 मिलियन सरकारी स्कूलों समेत 1.48 मिलियन स्कूलों में जा रहे हैं।
करीब 96 लाख शिक्षक इन स्कूलों का हिस्सा हैं, इसलिए उनके प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। यह वह समय है जब हमें नई शिक्षा नीति को देखना और उसका लाभ उठाना शुरू करना चाहिए। सचिव ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 समाज के डीएनए को व्यवस्थित करता है। इसके अलावा शिक्षा के चारों ओर एक समाज को कैसे विकसित और निर्माण करना है, इसकी परिकल्पना करता है।
एनईपी ने साक्षरता और ज्ञान पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया है और एनईपी नीति 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों को देखती है। उन्होंने कहा है कि फिक्की को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन ढांचे को विकसित करने की दिशा में काम करने में सरकार के साथ सहयोग करने में खुशी होगी
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम