मुंबई, 25 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय मतदाता दिवस गुरुवार को मनाया गया। इस मौके पर महाराष्ट्र में विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) ने ‘मतदाताओं, चुनावों और लोकतंत्र को महत्व नहीं देने’ के लिए चुनाव आयोग (ईसी) की आलोचना की।
शिवसेना-यूबीटी नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने विभिन्न आधारों पर चुनाव आयोग पर निशाना साधा, जिसमें जून 2022 में उनके पिता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती महाविकास अघाड़ी सरकार को गिराना भी शामिल है।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है। क्या चुनाव आयोग वास्तव में चाहता है कि हम विश्वास करें कि वे अब मतदाताओं, चुनाव और लोकतंत्र को महत्व देते हैं?
महाराष्ट्र के 20 से अधिक शहरों में नगरपालिका चुनाव नहीं हुए हैं। असंवैधानिक शासन द्वारा नियुक्त अनिर्वाचित प्रशासक इन शहरों को चला रहे हैं, जहां महाराष्ट्र की 12 करोड़ आबादी का लगभग आधा हिस्सा रहता है।
इसके अलावा आदित्य ठाकरे ने कहा कि 40 से अधिक ‘गद्दारों’ ने एक ऐसी सरकार बनाई है, जो हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार का पूरी तरह से उल्लंघन करती है। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए था, चुनाव लड़ना चाहिए था और निर्वाचित होने पर विधानसभा में होना चाहिए था, लेकिन, आज वे जानते हैं कि चुनाव आयोग पूरी तरह से समझौता कर चुका है।
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे पुणे और चंद्रपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में एक साल से संसद में कोई निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं। फिर भी सत्तारूढ़ राजनीतिक दल की हार के डर से चुनाव आयोग ने चुनाव नहीं कराया है।
ठाकरे ने सवाल किया कि क्या हम वास्तव में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाते हैं या चुनाव आयोग को महाराष्ट्र में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए कदम उठाने चाहिए, जो राज्य संसद में दूसरे सबसे अधिक संख्या में सांसद भेजता है?
उन्होंने पूछा क्या हम अब लोकतंत्र होने का दिखावा करते हैं या तथ्यों को सामने लाते हैं? मतदाताओं की बात कब सुनी जाएगी? आदित्य ठाकरे की सोशल मीडिया पोस्ट को भारी प्रतिक्रिया मिली है और बड़ी संख्या में लोगों ने उनके रुख का समर्थन किया।
–आईएएनएस
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