बेंगलुरु, 28 मार्च (आईएएनएस)। प्रमुख वेंचर कैपिटल फर्म एक्सेल ने गुरुवार को भारत में आठ शुरुआती चरण के स्टार्टअप की घोषणा की। ये ‘एटम्स’ नामक इसके एक्सेलेरेटर कार्यक्रम के तीसरे समूह का हिस्सा हैं।
समूह को पांच लाख डॉलर तक की फंडिंग, एक्सेल के नेटवर्क भागीदारों से पांच मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के पार्टनर तक पहुंच, व्यक्तिगत परामर्श और पोर्टफोलियो संस्थापकों के एक मजबूत सहकर्मी समुदाय के साथ सहयोग का अवसर मिला है।
वीसी फर्म ने एक बयान में कहा, पिछले दो एटम्स समूहों का हिस्सा रहे 24 स्टार्टअप ने अपनी शुरुआत के बाद से 200 मिलियन डॉलर से अधिक का फंड जुटाया है।
एक्सेल के पार्टनर प्रयांक स्वरूप ने कहा, “हमारा मानना है कि हमें एआई और उद्योग 5.0 में व्यवधान पैदा करने वालों की अगली लहर मिल गई है और इसका प्रमाण कार्यक्रम में शामिल होने के बाद से इनमें से प्रत्येक स्टार्टअप की वृद्धि देखी जा रही है।”
स्वरूप ने कहा, “एटम्स 3.0 के हिस्से के रूप में, स्टार्टअप के संस्थापक हर प्रकार के हालात में खुद को ढालने का तरीका भी सीख रहे हैं।”
एटम्स 3.0 का हिस्सा चार एआई स्टार्टअप इस प्रकार हैं। ट्यून एआई, उद्यमों के लिए एक जेनएआई स्टैक; स्कूब, पढ़ने के लिए एक जेनरेटिव एआई प्लेटफॉर्म, मेरिटिक, वित्तीय योजना और विश्लेषण के लिए कहानी सुनाने वाला सह-पायलट और अरिविहान, भारत का पहला एआई-आधारित, पूरी तरह से स्वचालित शिक्षण मंच है।
इस समूह में दो उद्योग 5.0 स्टार्टअप हैं — स्पिंटली, स्मार्ट इमारतों के लिए एक एलओटी प्लेटफ़ॉर्म; और एसेट्स, एक बहु-विषयक सीएडी, सिमुलेशन और इंजीनियरिंग डिजाइन मंच।
समूह के शेष दो स्टार्टअप स्टील्थ मोड में हैं।
एक्सेल के पार्टनर बराथ शंकर सुब्रमण्यन ने कहा कि 6 महीने की ‘एटम्स 3.0’ यात्रा संस्थापकों को “काम पर रखने, अपने पहले 10 ग्राहकों को प्राप्त करने, या निवेशकों के लिए अपनी पिच को ट्यून करने” जैसे महत्वपूर्ण शून्य-से-1 क्षेत्रों में अंतर्दृष्टि प्रदान कर रही है।
सुब्रमण्यन ने कहा, “अपने डोमेन लीडरों के साथ एक-पर-एक सत्र के माध्यम से, संस्थापकों को यह भी स्पष्टता मिलती है कि उन सीखों पर कैसे काम किया जाए और प्रत्येक महीने के लिए अपना रोडमैप कैसे तैयार किया जाए।”
एक्सेल भारत के कई सबसे सफल स्टार्टअप्स का पहला भागीदार रहा है। इनमें फ्लिपकार्ट, फ्रेशवर्क्स, स्विगी, अर्बन कंपनी, ज़ेटवर्क और क्योर.फिट शामिल हैं।
–आईएएनएस
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