मुंबई, 10 जून (आईएएनएस)। भारतीय फिल्म निर्माता शेखर कपूर ने सोशल मीडिया पर अपने रसोइए ‘सुरेश’ के साथ बिताए मंनोरंजक पल को याद करते हुए एक वीडियो शेयर किया है। उनके कुक ने आध्यात्मिक विश्वास के आधार पर चंद्रमा पर उतरने को लेकर सवाल उठाया था। प्रसिद्ध फिल्म मेकर ने बताया कि उन्होंने महसूस किया कि अभी-अभी उन्हें “क्वांटम फिजिक्स” का सबसे बड़ा सबक मिला है!
शेखर कपूर ने इंस्टाग्राम पर नील आर्मस्ट्रांग और चंद्रमा का कोलाज शेयर किया। एक कथाकार की मानिंद उन्होंने सुरेश के साथ गुजरे पलों और उससे मिले सबक को याद किया।
लिखा :“ मैंने सुरेश! सुरेश! सुरेश कहा और वो दौड़ते हुए आया।”
शेखर ने आगे बताया कि ये किस्सा लंदन प्रवास का है। आगे कहते हैं- “मैंने सुरेश को टीवी पर एक दृश्य दिखाया। दरअसल, वो नील आर्मस्ट्रॉन्ग के चंद्रमा पर कदम रखने की 50 वीं वर्षगांठ को लेकर था। तमाम चैनल्स उसे प्रमुखता से दिखा रहे थे। मैंने सुरेश से कहा- देखो इंसान का एक छोटा कदम…मानवजाति के लिए बड़ा क्षण बन गया। इस पर सुरेश ने मेरी ओर हैरानी से देखा। उसने कहा सर ऐसा नहीं हो सकता। वो इसलिए क्योंकि मैं चंद्रमा की पूजा करता हूं और इंसान उन पर कदम रख ही नहीं सकता! सर आप फिल्म मेकर हैं आपने स्पेशल इफेक्ट से ये सब बनाया होगा। “
फिल्म मेकर ने बताया कि उसके सहज ज्ञान से वो भौंचक्के रह गए। इसके बाद वह अपने कुक को ब्रिटिश साइंस म्यूजियम ले गए। बोले, ” यहां अपोलो 11 की प्रतिकृति है। मैंने उसे सब कुछ समझाया जितना मैं कर सकता था, घर वापस लौटकर मैंने सुरेश से सवालिया अंदाज में कहा ‘अब विश्वास हुआ कि आदमी चांद पर गया था?’
मेरे इस सवाल पर सुरेश ने मेरी तरफ देखते हुए गंभीरता से कहा “हां सर इंसान चांद पर गया है। लेकिन आपके चांद पर मेरे नहीं।” उसके बाद सुरेश वापस रसोई में लौट गया और सबसे स्वादिष्ट मछली बनाई। शनिवार की रात थी और बहुत से लोग सुरेश की मछली की करी का स्वाद लेने आए थे।
शेखर ने कहा कि उनके रसोइए ने उन्हें सिखाया कि ब्रह्मांड वैसा ही है जैसा आप उसे देखते हैं। मुझे एहसास हुआ कि मुझे क्वांटम फिजिक्स में सबसे बड़ा सबक दिया गया। ब्रह्मांड वैसा ही है जैसा आप उसे देखते हैं। इसलिए अगली बार जब आप चांद को देखें, तो याद रखें हर कोई अपने चांद को देख रहा है उसी चांद ने कई प्रेम गीतों को प्रेरित किया है और कविताएं तो आप किस चांद को देख रहे हैं?
–आईएएनएस
निकिता/केआर