शहडोल/कटनी. शहडोल में दो दिन पहले चार लोगों के बीमार पड़ने के बाद अब कटनी में एक परिवार के तीन सदस्य और गत दिवस छह अन्य लोगों के बीमार पड़ने के बाद पुन: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा प्रमाणित श्री अन्न कोदो पर ठीकरा फोड़ा जा रहा हैं.
डब्ल्यूएचओ ही नहीं केंद्र सरकार ने भी जिसे मिलेट्स (श्रीअन्न) की उपमा देते हुए इसके उत्पादन और व्यापार को प्रोत्साहन दिया जा रहा हैं. ऐसे में किस इरादे से कोदो को बदनाम करने की साजिश की जा रही हैं यह समझ से परे हैं.
दो दिनों में प्रदेश के दो जिलों में रहस्यमय परिस्थितियों में 13 लोगों के बीमार पड़ने का पूरा ठीकरा इसके सेवन को बताया जा रहा हैं. दोनों ही मामलों को बांधवगढ़ में हुई 10 से अधिक हाथियों की मौतों की घटना से जोड़ कर बताया जा रहा हैं जबकि बांधवगढ़ में रहस्यमय परिस्थितियों में हाथियों की मौत के मामले शुरुआती कोदो और बाजरे के विषय में जारी रिपोर्ट को स्वयं विशेषज्ञों ने भी ठुकराते हुए अंतत: यह बात सामने लाई कि कीटनाशक (विषाक्त) फसल के सेवन की वजह से हाथियों की मौत हुई.
एक दिन पहले चार लोग हुए थे बीमार
शहडोल मुख्यालय से लगे गांव खम्हरिया पंचायत के ददरा टोला में मंगलवार रात एक परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर कोदो की रोटी के साथ चने की भाजी खाई थी, इसके कुछ देर बाद उन्हें उल्टी दस्त शुरू हो गई और तबीयत बिगड़ने लगी. बताया गया कि खम्हरिया पंचायत के ददरा टोला गांव निवासी राजेंद्र सिंह की अमलाई निवासी बुआ शाम घर आई थीं.
रात में भोजन में कोदो की रोटी और चने की भाजी बनी थी. सभी भोजन करने के बाद सो गए. रात करीब दो बजे राजेंद्र सिंह मरावी, लक्ष्मी सिंह, रामवती सिंह और चंदा बाई की तबीयत बिगड़ गई. सभी को उल्टी-दस्त होने लगे.
सभी को जिला अस्पताल लाया गया, जिन्हें जांच के बाद भर्ती कर लिया गया. इसी तरह कटनी में रामचरण कोरी ने बताया कि बीती रात्रि 8:30 बजे परिवार के सभी ने कोदो की रोटी और चने की भाजी खाई थी. आधे घंटे बाद परिवार के 6 सदस्य ने खाना खाया था, उन सब की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी और सबको चक्कर के साथ उल्टियां आनी शुरू हो गई.
इसके बाद सभी को जिला अस्पताल लाकर भर्ती करवाया है. इसमें रामचरण कोरी (58), सावित्री ( 55), रामकुमार (35), राजकुमारी कोरी (25), दो बच्चों में जिया 7 वर्ष एवं सूर्या 6 वर्ष शामिल है. परिवार के 6 सदस्यों में दो बच्चे बच्चा वॉर्ड के आईसीयू वार्ड में भर्ती किए गए हैं.
कटनी में तीन बीमार
कटनी जिले में कोदो की रोटी खाकर दादा पोते सहित तीन लोग बीमार हुए हैं. मामला कटनी जनपद पंचायत के ग्राम जरवाही का बताया गया. पीडि़त सोने लाल चौधरी ने बताया कि सुबह कोदो की रोटी अपने पोतों के साथ खाई थी, जिसके बाद मैं घर के बाहर घूमने निकला तो चक्कर आने लगे. तभी घर में खेल रहे पोते भी बेहोश हो गए थे. हम लोगों को समझ नहीं आया कब गाड़ी में बैठे और अस्पताल आ गए. हम लोग सिर्फ कोदो की रोटी और सब्जी खाए बस, अभी तबीयत ठीक है.
बगैर धुली चने की भाजी भी हो सकती हैं नुकसानदायक
पहले शहडोल और अब कटनी के दोनों ही मामलों में बताया जा रहा हैं कि बीमार पडऩे वालों ने कोदो की रोटी और चने की भाजी खाई, जिसके बाद वे बीमार पड़ गए. विशेषज्ञों का कहना है कि कोदो क्या गेहूं के आटे की भी ज्यादा बासी(पुरानी रोटी) फूड पॉइजनिंग का कारण हो सकती है.
विशेषज्ञों का कहना हैं कि चने की भाजी ग्रामीण बिना धोए बना लेते हैं जबकि चने की भाजी के उत्पादन में पर्याप्त मात्रा मेंं खाद और कीड़ों से बचाव के लिए कीटनाशक का भी छिड़काव किया जाता हैं ऐसे मेंं बगैर धुली चने की भाजी नुकसान दायक हो सकती हैं. बताते हैं इन दिनों चने की भाजी में इन दिनों खाद भी अधिकता से उपयोग किया जा रहा हैं.