सतना, देशबन्धु। नगरीय निकाय चुनाव के बाद से ही कांग्रेस संपत्ति विरूपण से उभर नहीं पाई है। विधायक निधि से शहर के कई वार्डों में बनाए गए प्रमुख द्वार पर लगी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सतना विधायक सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा की तस्वीरों पर अब भी पर्चे चिपके हैं, जो उनके चेहरों को बेनकाब करने से रोक रहे हैं।
हालांकि इस ओर ना तो सतना विधायक ने कभी ध्यान दिया और ना ही कांग्रेस के नेताओं ने इस बात पर गंभीरता बरती। जबकि कांग्रेस दंभ भरती है कि शहर के प्रत्येक वार्ड में कांग्रेस कार्यकर्ता हैं। आज होने वाले कांग्रेस सम्मेलन से ठीक पहले यह भी देखने को मिला कि कांग्रेस अलग अलग नेताओं की होर्डिंग से भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सतना विधायक की तस्वीरें गायब हैं। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि विंध्य में कांग्रेस को एक जुट करने की कवायद कितनी सफल रहेगी?
कांग्रेस को अपनी चिंता नहीं
सतना में भले ही कांग्रेस विधायक हैं, लेकिन सतना और मैहर जिले में कांग्रेस अब भी मजबूती से दंभ भरने में पीछे है। यहां बता दें कि शहर में संत मोतीराम द्वार, श्री झूलेलाल चौक, वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार स्व. चिंतामणि मिश्र समेत अन्य सम्मानित व्यक्तियों के नाम से विधायक निधि देकर द्वार बनाए गए हैं। इन्हीं द्वार पर विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीरें लगी हैं, जिन्हें चुनाव के समय समत्ति विरूपण होने पर पोस्टर लगाकर छिपा दिया था। तब से अब तक चेहरों से पोस्टर नहीं हटाए गए और कांग्रेस नेता गुमनामी में हैं।
कैसे होंगे एक जुट, जब बने हैं कई गुट
विंध्य के नेताओं को साधने की कवायद में प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता सतना आ रहे हैं। हालांकि पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है, लेकिन उसके परिणाम पार्टी हित में नहीं आए। अब फिर एक दफा कोशिश हो रही है। विंध्य में कांग्रेस की ताकत और पार्टी में चल रही गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। तमाम गुट विंध्य के हर जिले में बने हैं, जो अपनी राग अलग ही सुर में अलापते हैं। कुछ दिनों पहले ही एक बानगी देखने को तब मिली थी कि नगर निगम में भाजपा के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस पार्षदों ने पेश किया था। जब कलेक्टर के सामने पेश होने की बारी आई तो कांग्रेस पार्षद एक- एक कर गायब हो गए और अपनी ही पार्टी को पीठ दिखाते हुए मामला रद्द करा दिया। कुछ तो भाजपा का दामन थामकर दूसरे पाले में खड़े हो गए थे। इन हालातों में कैसे कांग्रेस एक जुट होगी।