इस्लामाबाद, 28 मई (आईएएनएस)। अपने क्रिकेट के दिनों में इमरान खान ने एक शानदार जीवन व्यतीत किया। 1992 में पाकिस्तान को विश्व कप विजेता बनाकर वह देश के सबसे मजबूत कप्तानों में से एक बन गए। इसके बाद वह शरीफ और भुट्टो परिवार की वंशवादी राजनीति को चुनौती देने के लिए राजनीति में कूद गए।
राजनीतिक क्षेत्र में इमरान खान को एक सेलिब्रिटी और परोपकारी व्यक्ति के रूप में उनकी छवि के कारण सकारात्मक बदलाव की प्रक्रिया की शुरुआत के रूप में देखा गया।
राजनीतिक व्यवस्था में प्रासंगिकता हासिल करने के लिए इमरान खान को कई साल लग गए। हालांकि, उनकी परोपकारी गतिविधियों और गैर-राजनीतिक हस्तियों की उनकी टीम के कारण उनकी लोकप्रियता बढ़ती रही। उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ(पीटीआई) के आदर्श वाक्य और घोषणापत्र के हिस्से के रूप में जवाबदेही और न्याय की विचारधारा का हिस्सा बनने के लिए अभियान चलाया।
2013 और 2014 के दौरान इमरान खान एक मजबूत राजनीतिक ताकत बन गए। तत्कालीन सैन्य प्रतिष्ठान ने उनका समर्थन किया।
खान ने मीडिया का ध्यान आकर्षित किया। बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रैलियां कीं और अपने भाषणों और वंशवादी राजनीति के खिलाफ अपने ठोस बयानों से देश-विदेश की मीडिया में प्रमुख चेहरा बन गए।
2014 में इमरान खान की लोकप्रियता को तब बल मिला, जब उन्होंने नवाज शरीफ की तत्कालीन सरकार के खिलाफ अपने हजारों समर्थकों के साथ 126 दिनों तक धरना दिया।
उनका सबसे बड़ा हथियार उनकी बढ़ती लोकप्रियता और देश की राजनीतिक व्यवस्था के खिलाफ उनके नैरेटिव का प्रसार था। समय के साथ, वह लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गए। उन्हें देश के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा पोषित किया गया। उसने खान की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का समर्थन दिया और आखिर में इमरान देश के प्रधानमंत्री बने। बाद में विपक्षी गठबंधन ने उन्हें सत्ता से हटा दिया।
आज, इमरान खान और उनके समर्थकों को दमन का सामना करना पड़ रहा है। उनके समक्ष राजनीतिक प्रतिस्पर्धा से बाहर होने का भी खतरा मंडरा रहा है। हालांकि अत्यधिक दबाव के बावजूद वह आज भी देश के सबसे लोकप्रिय नेता और राजनीतिक शख्सियत हैं, जिन्हें जनता प्यार करती है, उनका अनुसरण करती है और उन्हें स्वीकार करती है।
–आईएएनएस
सीबीटी