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Home अंतरराष्ट्रीय

संघर्ष विराम के बावजूद भी सूडान में हिंसा जारी

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May 26, 2023
in अंतरराष्ट्रीय
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संघर्ष विराम के बावजूद भी सूडान में हिंसा जारी
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खारतूम, 26 मई (आईएएनएस)। सुडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आएएसएफ) के बीच खारतूम में सात दिनों के युद्धविराम के बावजूद छिटपुट हिंसा जारी है।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

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रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

–आईएएनएस

एसकेपी

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खारतूम, 26 मई (आईएएनएस)। सुडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आएएसएफ) के बीच खारतूम में सात दिनों के युद्धविराम के बावजूद छिटपुट हिंसा जारी है।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

–आईएएनएस

एसकेपी

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खारतूम, 26 मई (आईएएनएस)। सुडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आएएसएफ) के बीच खारतूम में सात दिनों के युद्धविराम के बावजूद छिटपुट हिंसा जारी है।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

–आईएएनएस

एसकेपी

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खारतूम, 26 मई (आईएएनएस)। सुडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आएएसएफ) के बीच खारतूम में सात दिनों के युद्धविराम के बावजूद छिटपुट हिंसा जारी है।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

–आईएएनएस

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खारतूम, 26 मई (आईएएनएस)। सुडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आएएसएफ) के बीच खारतूम में सात दिनों के युद्धविराम के बावजूद छिटपुट हिंसा जारी है।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

–आईएएनएस

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खारतूम, 26 मई (आईएएनएस)। सुडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आएएसएफ) के बीच खारतूम में सात दिनों के युद्धविराम के बावजूद छिटपुट हिंसा जारी है।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

–आईएएनएस

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सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

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सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

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सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

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सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

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सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

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सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

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सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

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सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

–आईएएनएस

एसकेपी

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खारतूम, 26 मई (आईएएनएस)। सुडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आएएसएफ) के बीच खारतूम में सात दिनों के युद्धविराम के बावजूद छिटपुट हिंसा जारी है।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

–आईएएनएस

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खारतूम, 26 मई (आईएएनएस)। सुडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आएएसएफ) के बीच खारतूम में सात दिनों के युद्धविराम के बावजूद छिटपुट हिंसा जारी है।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की चश्मदीदों के बयानों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ओमदुरमैन शहर और राजधानी खारतूम के दक्षिणी हिस्से में हिंसक झड़प की खबर आई।

रिपोर्ट में बताया गया कि सुडानी सेना के युद्धक विमानों ने खारतूम और बहरी शहर के कुछ हिस्सों के ऊपर से उड़ान भरी, इस दौरान आरएसएफ ने एंटी-एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का प्रयोग किया। इस हमले को सुडानी सेना ने युद्धविराम का खुला उल्लंघन बताया।

सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मनों की छह गाड़ियों को नष्ट कर दिया और कई को जब्त भी किया गया।

सुडानीज डॉक्टर्स यूनियन ने कहा है कि 15 अप्रैल से जारी हिंसक संघर्ष में 865 लोगों की मौत हुई है और 3,634 लोग घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संस्था का कहना है कि सूडान में जारी हिंसा के बीच कम से कम 1.36 मिलियन लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। जबकि, 3.2 लाख लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।

बता दें कि 20 मई को सुडानी सेना और आरएसएफ ने जेद्दा में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सात दिनों के संघर्ष विराम की संधि की थी। इस संधि में सऊदी अरब और अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस संधि में आम जनता को देश में आने-जाने की छूट, हिंसा से बचाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सुरक्षा देना शामिल था। इसमें मानवाधिकार संस्थाओं को सुरक्षा और बेरोकटोक आवाजाही की छूट भी शामिल थी।

–आईएएनएस

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