लखनऊ, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अमेठी के संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस निलंबन पर बुधवार को रोक लगा दी। इससे अस्पताल के संचालन का रास्ता साफ हो गया है। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने कहा कि अस्पताल के खिलाफ जांच जारी रहेगी।
पीठ ने राज्य सरकार को अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने को भी कहा। यह आदेश अस्पताल प्रबंधन की ओर से मुख्य संचालन अधिकारी अवधेश शर्मा द्वारा दायर याचिका पर दिया। इसमें लाइसेंस निलंबन को चुनौती दी गई थी। अस्पताल प्रबंधन के वरिष्ठ वकील जयदीप नारायण माथुर ने बताया कि एक महिला की मौत के मामले में अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था। ऐसे में 40 साल से चल रहे अस्पताल का संचालन रुक गया, जिससे दूरदराज इलाके के लोगों को इलाज की समस्या हो रही थी।
हाईकोर्ट ने व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने के आदेश के अमल पर रोक लगा दी। हालांकि मामले की जांच चलती रहेगी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मामले में जवाब दाखिल करने का समय भी दिया है। वहीं, अमेठी के सीएमओ को भी कुछ ऐसे सुझाव पेश करने के लिए कहा, जिससे भविष्य में चिकित्सा में लापरवाही से महिला की मौत जैसी घटना न हो।
ज्ञात हो कि अस्पताल में ऑपरेशन के बाद दिव्या शुक्ला नामक एक मरीज की मौत के अगले दिन 17 सितंबर से इस अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था और उसकी सेवाएं बंद कर दी गई थीं। लाइसेंस निलंबन के विरोध में कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ता अस्पताल कर्मचारियों के साथ लगातार धरना दे रहे थे। भाजपा नेता वरुण गांधी ने भी अपने पिता के नाम पर चलने वाले अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किए जाने पर नाराजगी जताई थी।
संजय गांधी अस्पताल का संचालन दिल्ली स्थित संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट करता है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं।
–आईएएनएस
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