मुंबई, 2 मई (आईएएनएस)। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान प्रतिशत में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि के बारे में भारतीय निर्वाचन आयोग से सवाल किया कि इतने दिनों बाद यह अचानक कैसे बढ़ गया।
मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयोग की वेबसाइटों पर अब तक हुए सभी लोकसभा क्षेत्रों में प्रति घंटा और दैनिक मतदान प्रतिशत के अद्यतन आंकड़े हैं।
उन्होंने कहा कि पहले चरण (19 अप्रैल) के 11 दिन बाद और दूसरे चरण (26 अप्रैल) के मतदान के बाद एक सप्ताह बाद चुनाव आयोग ने वोटिंग प्रतिशत जारी किया है, जो मतदान की तारीखों पर दिए गए लाइव डेटा से कहीं ज्यादा है। अतिरिक्त वोट कहां से आये?
कई निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत में सात से 10 प्रतिशत का बदलाव आया है। हालांकि, नागपुर में कथित तौर पर इसमें कुछ अंकों की कमी आई है और कम मतदान ने भाजपा को परेशान कर दिया है।
संजय राउत ने संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि कम मतदान के बाद कई लोगों ने इस पर ध्यान दिया और 2019 के मतदान आंकड़ों की तुलना में वोटिंग प्रतिशत में बड़ी गिरावट पर चिंता जताई।
वहीं, लोग अब हैरान हैं कि कम प्रतिशत 11 दिनों में बढ़ गया और 2019 के चुनाव के लगभग बराबर हो गया है, जिससे सवाल उठ रहे हैं।
संजय राउत ने कहा कि यह डिजिटल भारत में डिजिटल युग है, क्या उन्हें मतदान प्रतिशत बताने में 11 दिन लगते हैं? हम अंतिम गणना में आधा या एक प्रतिशत का अंतर समझ सकते हैं, लेकिन सात या 10 प्रतिशत या उससे अधिक का इतना बड़ा अंतर पचाना मुश्किल है।
–आईएएनएस
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