कोलकाता, 13 फरवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल-न्यायाधीश पीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हुई घटना पर स्वत: संज्ञान लिया और दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई की इजाजत दी।
न्यायमूर्ति अपूर्ब सिन्हा रॉय ने मंगलवार को कहा, ”मैं संदेशखाली में दो घटनाओं से स्तब्ध हूं। पहला मामला स्थानीय लोगों की जमीन जबरदस्ती कब्जा करने के आरोप से जुड़ा है। दूसरा बंदूक की नोक पर स्थानीय महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप के संबंध में है। यह अदालत मामले में खुद संज्ञान लेते हुए सुनवाई की इजाजत देती है।”
न्यायमूर्ति सिन्हा रॉय ने यह भी कहा कि अदालत के लिए इस मामले में कदम उठाने का यह सही समय है। एकल-न्यायाधीश पीठ ने राज्य सरकार को सुनवाई की अगली तारीख से पहले अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। मामले में 20 फरवरी को दोबारा सुनवाई होगी।
इस बीच, राज्य भाजपा ने न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एक अन्य एकल-न्यायाधीश पीठ में एक अलग याचिका दायर की है, जिसमें पार्टी के नेताओं को संकटग्रस्त संदेशखाली का दौरा करने की इजाजत मांगी गई है।
हालांकि, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा की विधायक टीम सोमवार दोपहर संदेशखाली के लिए रवाना हुई, लेकिन, उन्हें ग्रेटर कोलकाता के क्षेत्र में ही रोक दिया गया था।
मंगलवार को न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की बेंच में एक याचिका दायर कर संदेशखाली जाने की इजाजत मांगी गई है।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम