कोलकाता, 12 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के हिंसाग्रस्त संदेशखाली का दौरा कर कोलकाता लौटने के तुरंत बाद राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस सोमवार शाम दिल्ली रवाना हो गये। इससे मामले में केंद्र सरकार की संभावित कार्रवाई को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
हालांकि राज्यपाल ने राष्ट्रीय राजधानी की अपनी अनिर्धारित यात्रा के बारे में कुछ नहीं कहा, लेकिन राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पूरी संभावना है कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे और उन्हें संदेशखाली में जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी देंगे।
एक सूत्र ने कहा, “संदेशखाली के लोगों, विशेषकर महिलाओं ने, राज्यपाल को जो बताया वह काफी चौंकाने वाला था। संदेशखाली में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की तैनाती की मांग की गई है, क्योंकि वहां के लोगों को फरार तृणमूल कांग्रेस नेता और 5 जनवरी को ईडी और सीएपीएफ कर्मियों हमले के मास्टरमाइंड शेख शाहजहां के हाथों उत्पीड़न से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली राज्य पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है।“
दिल्ली रवाना होने से पहले, मीडियाकर्मियों ने राज्यपाल से सवाल किया कि क्या वह संदेशखाली में जमीनी हकीकत पर केंद्र सरकार को कोई रिपोर्ट देंगे, जिस पर बोस ने कहा कि वह जब भी और जहां भी आवश्यक होगा, विवरण के बारे में अपडेट करेंगे।
पहले से ही, केंद्र सरकार के तहत दो स्वायत्त निकाय – राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) – ने पश्चिम बंगाल सरकार से संदेशखाली की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है।
राज्यपाल ने भी इस मामले में राज्य सरकार से अलग से रिपोर्ट मांगी है।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को संदेशखाली में दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम भेजने का फैसला किया है, जिसमें राज्य मंत्री पार्थ भौमिक और पार्टी विधायक नारायण गोस्वामी शामिल होंगे।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी 18 फरवरी को वहां एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करने पर भी विचार कर रही है, बशर्ते तब तक वहां लगाई गई धारा 144 हटा ली जाए।
–आईएएनएस
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