ग्रेटर नोएडा, 25 नवंबर (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसानों ने हल्ला बोला। हजारों की संख्या पर पहुंचे किसानों ने यहां महापंचायत की। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल जगह-जगह पर तैनात रहे। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, वरिष्ठ किसान नेता हन्नान मौला समेत हजारों किसान शामिल हुए।
सोमवार सुबह से ही ग्रेटर नोएडा के सिटी पार्क पर इकट्ठा होने के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लिए किसानों ने पैदल कूच शुरू किया। इस दौरान हजारों की संख्या में किसान मार्च करते हुए प्राधिकरण के दफ्तर के बाहर पहुंचे। बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने एक तरफ के सड़क के यातायात को पूरी तरीके से बंद कर दिया था। इस महापंचायत में पुलिस ने 3,000 किसानों को शामिल होने की परमिशन दी थी। लेकिन, किसान नेताओं के मुताबिक इनकी संख्या काफी ज्यादा थी।
किसान नेताओं का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का आंदोलन अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। 25 नवंबर को आयोजित होने वाली किसान महापंचायत अनिश्चितकालीन महापड़ाव में बदल जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले के अनुसार महापड़ाव 27 नवंबर तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर रहेगा, इसके बाद 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यह यमुना प्राधिकरण पर जारी रहेगा और आंदोलन का तीसरा और अंतिम चरण 2 दिसंबर को संसद सत्र के दौरान दिल्ली कूच के रूप में होगा।
इस महापंचायत में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज हम सब यहां पर इकट्ठा हुए हैं, हमारी मांग है कि 10 प्रतिशत के प्लॉट और बढ़ा हुआ मुआवजा किसानों को मिलना चाहिए और उनके बच्चों को यहां रोजगार की गारंटी भी मिलनी चाहिए।
गौरतलब है कि आधा दर्जन से ज्यादा किसान संगठन इस महापंचायत को लेकर लंबे समय से बैठक कर रहे हैं। उनके द्वारा गांव-गांव जाकर लोगों को महापंचायत में आने के लिए आमंत्रित किया गया था।
किसानों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्राधिकरण के सामने महापंचायत की है। उनकी मुख्य मांगें हैं, पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10 प्रतिशत प्लॉट और 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा मिले, 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20 प्रतिशत प्लॉट दिया जाए। इसके साथ ही सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास लाभ मिले, हाई पावर कमेटी द्वारा पास किए गए मुद्दों पर सरकारी आदेश जारी किया जाए। इसके अलावा आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाए।
–आईएएनएस
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