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Home ताज़ा समाचार

संविधान और मणिपुर के मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए दिए जा रहे बयान : दीपक बैज

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December 18, 2024
in ताज़ा समाचार
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रायपुर, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को राज्यसभा में दिए बयान पर सियासत जारी है। अमित शाह के बयान पर अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के दीपक बैज ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।

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दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

–आईएएनएस

एफएम/सीबीटी

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रायपुर, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को राज्यसभा में दिए बयान पर सियासत जारी है। अमित शाह के बयान पर अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के दीपक बैज ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।

दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

–आईएएनएस

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रायपुर, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को राज्यसभा में दिए बयान पर सियासत जारी है। अमित शाह के बयान पर अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के दीपक बैज ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।

दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

–आईएएनएस

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रायपुर, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को राज्यसभा में दिए बयान पर सियासत जारी है। अमित शाह के बयान पर अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के दीपक बैज ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।

दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

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दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

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दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

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दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

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दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

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दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

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दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

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दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

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दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

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दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

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रायपुर, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को राज्यसभा में दिए बयान पर सियासत जारी है। अमित शाह के बयान पर अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के दीपक बैज ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।

दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

–आईएएनएस

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रायपुर, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को राज्यसभा में दिए बयान पर सियासत जारी है। अमित शाह के बयान पर अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के दीपक बैज ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।

दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

–आईएएनएस

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रायपुर, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को राज्यसभा में दिए बयान पर सियासत जारी है। अमित शाह के बयान पर अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के दीपक बैज ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।

दीपक बैज ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “वर्तमान मुद्दों को डायवर्ट करने वाले यह सब बयान हैं। आज संविधान और मणिपुर सबसे बड़ा मुद्दा है। इन मुद्दों को डाइवर्ट करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वह लोकसभा में आंबेडकर-आंबेडकर बोलते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आखिर उन्हें आंबेडकर के नाम से तकलीफ क्यों हैं? क्या वह आंबेडकर के संविधान को नहीं मानते? भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। संविधान और आंबेडकर के नाम से भाजपा के नेताओं को कितनी तकलीफ हो रही है।”

दीपक बैज ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सवाल पर कहा, “यह सिर्फ ढकोसला है। वह नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ नहीं करा पा रहे हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव एक साथ नहीं कराया। देश में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियां हैं कि किसी सरकार का चार साल कार्यकाल बाकी है, तो किसी सरकार का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। इन परिस्थितियों में गहन विचार करने की आवश्यकता है। कहीं यह महिला बिल की तरह तो नहीं है, जो 10 साल के बाद लागू होगा।”

उन्होंने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा, “मणिपुर पिछले दो साल से जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी वहां नहीं गए। इतना ही नहीं, वहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री हैं और उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये लोग मणिपुर की बात नहीं करते, मगर यूक्रेन की बात जरूर करेंगे।”

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